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PMKMY: 60 साल की उम्र के बाद पात्र किसानों को 3000 रुपये महीना पेंशन मिलेगी. इसके लिए 20-42 साल तक उम्र के अनुसार 55-200 रुपये मंथली जमा करना होगा. Photograph: (AI Image)
PM Kisan MaanDhan Yojana, PMKMY: अगर आप छोटे या सीमांत किसान हैं और भविष्य में वृद्धावस्था में आर्थिक चिंता से मुक्त रहना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) आपके लिए एक सुनहरा मौका है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अपने हालिया पोस्ट में किसानों से अपील की है कि वे इस योजना से जुड़कर अपने बुढ़ापे की पेंशन सुनिश्चित करें.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY)
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) July 18, 2025
छोटे किसानों को वृद्धावस्था में ₹3000 मासिक पेंशन का लाभ!
18-40 वर्ष के किसान #CSC केंद्र पर पंजीकरण कर आज ही इस योजना से जुड़ें। #AgriGoI#Agriculture#PMKMY@CSCegov_pic.twitter.com/TDWfIQJjuP
यह योजना उन किसानों के लिए है, जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है और जो नियमित रूप से थोड़ी-थोड़ी राशि जमा कर 60 साल की आयु के बाद हर महीने 3000 रुपये पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं.
कौन कर सकता है अप्लाई?
योजना के तहत 18 से 40 साल तक के वे किसान पात्र हैं, जो छोटे या सीमांत श्रेणी में आते हैं. यानी जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि भूमि है.
पेंशन लाभ और योगदान राशि
60 वर्ष की आयु के बाद पात्र किसानों को हर महीने 3000 रुपये की निश्चित पेंशन दी जाएगी. इसके लिए उन्हें 20 से 42 साल तक, यानी जितने कम उम्र में योजना से जुड़ेंगे उतना कम अंशदान देना होगा. योगदान राशि उम्र के अनुसार 55 से 200 रुपये तक मंथली तय की गई है.
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी बहुत आसान है. किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर के साथ आवेदन कर सकते हैं. CSC केंद्र पर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए पूरी प्रक्रिया पूरी होती है.
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मदद के लिए कहा करें संपर्क
अगर योजना से संबंधित कोई सवाल हो या मदद चाहिए, तो किसान 1800-180-1551 पर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक संपर्क कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, छोटे किसानों को उनके बुढ़ापे के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता देने की एक बड़ी पहल है. कम मासिक निवेश में सुनिश्चित पेंशन मिलने से किसान न सिर्फ अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा की मजबूत नींव भी तैयार करती है.