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Public Provident Fund: अगस्त 2014 में PPF स्कीम की इनवेस्टमेंट लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1,5 लाख रुपये की गई थी.
Tax Saving Scheme PPF : पब्लिक पॉविडेंट फंड (PPF) एक सरकारी सेविंग स्कीम है. इस स्कीम पर निवेशकों को रिटर्न की गारंटी मिलती है. PPF स्कीम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. अगर इनकम टैक्स जमा करने वाला शख्स पीपीएफ एकाउंट में निवेश करता है तो उसे इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. आईटी एक्ट की धारा 80C के तहत इंश्योरेंस प्लान, पीएफ एकाउंट में कंट्रीब्यूट करने वाले लोगों को भी टैक्स में छूट का लाभ मिलता है.
PPF स्कीम EEE कैटेगरी मे है शामिल
निवेशकों को PPF एकाउंट में जमा राशि पर अगर ब्याज मिलता है तो उस पर भी टैक्स में छूट होता है. कई स्कीम में विड्रॉल करते समय कुछ पाबंदी होती है. मगर इसमें विड्रॉल के समय भी टैक्स छूट होता है. स्कीम के मैच्योर हो जाने पर एक साथ राशि (PPF स्कीम में निवेश रकम और उस पर मिला ब्याज) निकालने पर पूरी तरह से टैक्स में छूट होता है. दरअसल PPF स्कीम पर एक्जेम्ट एक्जेम्ट एक्जेम्ट यानी ईईई (EEE) कैटेगरी लागू है. ईईई कैटेगरी में स्कीम के आने से पीपीएफ एकाउंट में पूरे साल जमा की गई राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और स्कीम के मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि टैक्स फ्री होती है.
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2014 में सरकार ने बढ़ाई थी PPF स्कीम पर इनवेस्टमेंट लिमिट
डेलॉइट इंडिया की पार्टनर सरस्वती कस्तूरीरंजन (Saraswathi Kasturirangan) बताती है कि पहले पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम 1968 के तहत PPF संचालित होती थी. उस समय इस स्कीम में प्रति वित्त वर्ष इनवेस्टमेंट लिमिट 1,50,000 रुपये थी. यानी पीपीएफ स्कीम में कोई निवेशक एक वित्त वर्ष में अधिकतन 1,50,000 रुपये अपनी सेविंग निवेश कर पाता था. अगस्त 2014 में आखिरी बार पीपीएफ स्कीम की इनवेस्टमेंट लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1,50,000 रुपये की गई थी. केंद्र सरकार ने दिसंबर 2019 में पीपीएफ स्कीम, 1968 को खारिज की थी. उसके बाद सरकार ने नई स्कीम ‘पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम 2019’ लागू की. फिलहाल ये नई पीपीएफ स्कीम ‘गवर्नमेंट सेविंग प्रमोशन एक्ट 1873’ के तहत संचालित की जा रही है.
PPF एकाउंट में कितनी बार जमा कर सकते हैं अपनी सेविंग
एक वित्त वर्ष में पीपीएफ एकाउंट में 150,000 रुपये से अधिक जमा नहीं किया जा सकता है. पीपीएफ एकाउंट में जमा करने की संख्या पर पाबंदी नहीं है. इस स्कीम में निवेशक चाहे जितनी बार 50 रुपये या उससे अधिक की राशि अपने पीपीएफ एकाउंट में जमा कर सकता है. पीपीएफ एकाउंट में सालाना न्यूमतम 500 रुपये जमा करना होता है.
इस समय कितना मिल रहा रिटर्न
पीपीएफ पर निवेशक को उसके द्वारा एकाउंट किए गए रकम पर ब्याज की गारंटी होती है. और इस एकाउंट के ईईई कैटेगरी में होने पर टैक्स में छूट का लाभ मिलता है. PPF स्कीम पर मिलने वाले ब्याज को वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा तय किया जाता है. फिलहाल पीपीएफ स्कीम पर 7.1% रिटर्न मिल रहा है. जो कि वित्त वर्ष 2012-13 के रिटर्न से कम है. FY13 में PPF स्कीम के निवेशकों को 8.8% रिटर्न मिल रहा था. इस स्कीम पर टैक्स छूट का लाभ होने के कारण मिल रहा ब्याज कई स्कीम की तुलना में बेहतर है.
बजट 2023 से उम्मीद
केंद्र सरकार अपना आगामी बजट कुछ दिनों बाद पेश करेगी. ऐसे में इनकम टैक्स जमा करने वाले टैक्सपेयर्स को बजट 2023 में उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स की धारा 80सी के दायरे को बढ़ा सकती है. सरस्वती कस्तूरीरंजन कहती है कि अगर सरकार पीपीएफ स्कीम की अधिकतम इनवेस्टमेंट लिमिट बढ़ाने का फैसला करती है तो ये उनकी अच्छी पहल साबित होगी.
(Article : Sanjeev Sinha)