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Earlier this month, Sebi reached out to custodians asking for beneficial ownership details of offshore funds and FPIs against the backdrop of the Adani saga.
SEBI on ESG Fund: सिक्यूरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी ने म्युचुअल फंडों को Environmental, Social and Governance (ESG) स्कीम के तहत पांच नई कैटेगरी शुरू करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है. पांच नई कैटेगरी में एक्सक्लूजन, इंटीग्रेशन, बेस्ट-इन-क्लास और पॉजिटिव स्क्रीनिंग, इम्पैक्ट इनवेस्टमेंट और सस्टेनेबल ओब्जेक्टिव शामिल होंगे. फिलहाल म्युचुअल फंड इक्विटी योजनाओं की थीमेटिक कैटेगरी के तहत केवल एक ईएसजी योजना शुरू कर सकते हैं.
AMC करना चाहती है ESG स्कीम्स
यह देखते हुए कि AMC, ईएसजी केटेगरी के तहत कई ESG स्कीम्स लॉन्च करना चाहती हैं, सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि प्रत्येक एसेट मैनेजमेंट कंपनी को पांच सब-केटेगरी के तहत एक ESG योजना शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके अलावा ESG योजनाओं को सब-केटेगरी के अनुसार किसी विशेष थीम के इक्विटी या डेट स्टॉक में कुल संपत्ति के कम से कम 80 फीसदी निवेश की अनुमति दी जानी चाहिए.
सेबी का क्या है कहना?
सेबी ने सोमवार को जारी अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा कि एएमसी को ईएसजी थीम के तहत एसेट का अधिक अनुपात रखने और उचित खुलासा करने का प्रयास करना चाहिए. सेबी ने मंथली पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर में स्कोर के खुलासे के साथ ESG रेटिंग प्रोवाइडर के नाम का खुलासा करने के लिए ESG योजनाओं को अनिवार्य करने की सिफारिश की है. सेबी ने जो सुझाव दिए हैं उसपर 6 मार्च तक जनता से टिप्पणियां मांगीं है.