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फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी निवेश का एक सुरक्षित जरिया है. इसमें निवेशकों को बैंक के सेविंग अकाउंट के मुकाबले अधिक रिटर्न मिलते हैं. (Image: Freepik)
Senior Citizens Fixed Deposit : सीनियर सिटिजन अक्सर कम जोखिम के साथ गारंटीड रिटर्न देने वाली स्कीम में अपना पैसा लगाना पसंद करते हैं. 60 साल की उम्र पार कर चुके लोग वैसे तो निवेश के लिए दूसरे विकल्प भी चुन सकते हैं, लेकिन गारंटीड रिटर्न के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) उनकी नजर नजर में सुरक्षित विकल्प है. ये विकल्प बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण सीनियर सिटिजन के निवेश को बिना प्रभावित किए रिटर्न हासिल करने में मदद करते हैं.
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एक से अधिक एफडी
अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है, तो आप एफडी में निवेश कर सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर टेन्योर और अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार अमाउंट चुन सकते हैं. अपना सारा पैसा एक ही एफडी में लगाने के बजाय आप अलग-अलग अमाउंट और शर्तों के कई एफडी अकाउंट खोल सकते हैं. एक से अधिक एफडी पर ब्याज से हो रही कमाई निवेशकों को हायर रिटर्न वाले स्कीम में पैसा लगाने में मदद कर सकता है.
एफडी अकाउंट खोलना बहुत आसान है. सीनियर सिटिजन अपने किसी भी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर ये अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसके अलावा घर बैठे वे बैंक या वित्तीय संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन एफडी अकाउंट खुलवा सकते हैं. अक्सर यह सलाह दी जाती है कि अपना एफडी खाता उसी बैंक में खोलें जहां आपका मौजूदा संबंध है क्योंकि यह आपके लिए परेशानी मुक्त हो जाता है. ऐसे में कम कागजी कार्यवाही से गुजरना पड़ता है और बैंकों के चक्कर भी कम लगाने पड़ते हैं. हालांकि जिस भी बैंक या वित्तीय संस्थान के फिक्स्ड डिपॉजिट में सीनियर सिटिजन अपना पैसा जमा करना चाहें वे अकाउंट खुलवा सकते हैं.
आपातकाल जैसी स्थिति में फंड की जरूरत पड़ने पर निवेशकों को एफडी काम भी आ सकता है. कुछ बैंक आपको बिना किसी जुर्माना एफडी तोड़ने की अनुमति देते हैं.
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अपना पैसा लगाने से पहले निवेशकों को कई बैंकों के एफडी दर और टेन्योर की आपस में तुलना कर लेनी चाहिए. ऐसा करने के बाद ही उन्हें हायर रिटर्न वाले स्कीम का चयन करना बेहतर है. निवेश से पहले रिसर्च कर लेने पर एफडी से अच्छी कमाई की जा सकती है. साथ ही निवेशकों को किसी एफडी स्कीम में पैसा लगाने से पहले नियम और शर्तें जरूर पढ़ लेनी चाहिए. अगर आप 60 साल या उससे अधिक की उम्र के हैं और अपना पैसा एफडी में लगाकर अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो यहां आपके लिए निजी, सरकारी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों की लिस्ट साझा की गई है. जिसमें एफडी के टेन्योर और इन महीने मिल रहे ब्याज का ब्योरा भी शामिल है. इन बैंकों के एफडी दर की आपस में तुलना कर अपना पैसा निवेश करने का फैसला ले सकते हैं.
(नोट : उपरोक्त लिस्ट में शामिल बैंकों के एफडी पर ब्याज दर से जुड़े डेटा 12 जून तक के हैं. पैसा बाजार डॉट कॉम ने इस तारीख तक के आंकड़ें सभी बैंकों की वेबसाइट से कलेक्ट किए हैं. निवेशको को सलाह है कि इनमें से किसी एफडी स्कीम को चुनने से पहले संबंधित बैंक के शाखा या वेबसाइट से अपडेट हासिल कर लें क्योंकि ये वित्तीय संस्थान समय-समय पर ब्याज दरों में बदलाव करते रहते हैं.)
निवेश का एक सुरक्षित जरिया
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी निवेश का एक सुरक्षित जरिया है. इसमें निवेशकों को बैंक के सेविंग अकाउंट के मुकाबले अधिक रिटर्न मिलते हैं. एफडी में निवेशकों को पहले से तय ब्याज दर पर निश्चित अवधि के लिए बैंक, वित्तीय संस्थान या पोस्ट ऑफिस के पास पैसे रखने होते हैं. इस विकल्प में बैंकों द्वारा निवेश रकम पर रिटर्न दिए जाते हैं. अक्सर अधिक टेन्योर वाले एफडी पर कमाई अच्छी होती है.
टैक्स में छूट का लाभ
सीनियर सिटिजन्स को आम तौर पर 60 साल से कम उम्र के लोगों की तुलना में एफडी पर अधिक ब्याज मिलता है. आम लोगों की तुलना में 60 साल या उससे अधिक उम्र वाले निवेशकों को बैंक लगभग 0.50% ब्याज अधिक ऑफर करते हैं. उन्हें टैक्स में छूट का लाभ भी मिलता है क्योंकि बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक या पोस्ट ऑफिस में रखी डिपॉजिट पर ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत टैक्स में छूट है. सीनियर सिटिजन 50,000 रुपये तक डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं. इसके अलावा एक वित्त वर्ष में 50,000 रुपये तक ब्याज भुगतान पर कोई टीडीएस कटौती नहीं होगी.