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Tax Benefit: 31 मार्च से पहले ज्यादा से ज्यादा डेट फंड बेचने की हो रही है कोशिश, क्या टैक्स सेविंग के लिए करना चाहिए निवेश?

Tax Benefits: अगर आप 31 मार्च तक डेट फंड्स में पैसा लगाते हैं तो उस पर पहले की तरह इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता रहेगा. इंडेक्सेशन के साथ इन योजनाओं के जरिए टैक्‍स बेनेफिट चाहते हैं तो पैसा लगा सकते हैं.

Tax Benefits: अगर आप 31 मार्च तक डेट फंड्स में पैसा लगाते हैं तो उस पर पहले की तरह इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता रहेगा. इंडेक्सेशन के साथ इन योजनाओं के जरिए टैक्‍स बेनेफिट चाहते हैं तो पैसा लगा सकते हैं.

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Sushil Tripathi
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Indexation Benefits

Debt Schmes: म्‍यूचुअल फंड हाउस 1 अप्रैल के पहले डेट स्‍कीम्‍स में ज्‍यादा से ज्‍यादा इनफ्लो के लिए ऐसी स्‍कीम को प्रमोट कर रहे हैं.

Indexation Benefits: संसद में फाइनेंस बिल पास हो जाने के बाद से म्‍यूचुअल फंड हाउस 1 अप्रैल के पहले डेट स्‍कीम्‍स में ज्‍यादा से ज्‍यादा इनफ्लो के लिए ऐसी स्‍कीम को प्रमोट कर रहे हैं. अलग अलग फंड हाउस द्वारा बहुत सी डेट स्‍कीम सब्‍सक्रिप्‍शन के लिए फिर से खोल दी गई हैं. असल में संसद में पिछले हफ्ते अहम संसोधनों के साथ फाइनेंस बिल को मंजूरी मिल गई है. इसके तहत 1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड में टैक्स के नियमों को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है. डेट म्यूचुअल फंड पर 1 अप्रैल 2023 से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) का बेनेफिट नहीं मिलेगा. इस पर सिर्फ शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) देना होगा. हालांकि 31 मार्च 2023 तक किए गए सभी निवेश पर LTCG और इंडेक्‍सेशन बेनेफिट मिलता रहेगा. इसी के चलते फंड हाउस का फोकस ऐसी योजनाओं में 1 अप्रैल के पहले ज्‍यादा से ज्‍यादा फ्लो बढ़ाने पर है.

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क्‍या करना चाहिए निवेश

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बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि संशोधित कानून में साफ है कि नया टैक्स सिस्‍टम उन म्यूचुअल फंड यूनिट्स पर लागू होगा जिनमें 1 अप्रैल, 2023 या उसके बाद निवेश होगा. लेकिन अगर आप 31 मार्च तक डेट फंड्स में पैसा लगाते हैं तो उस पर पहले की तरह इंडेक्सेशन बेनिफिट मिलता रहेगा. इससे अगर आप इंडेक्सेशन के साथ इन योजनाओं के जरिए टैक्‍स बेनेफिट चाहते हैं तो खासतौर से मिड ड्यूरेशन वाले डेट फंडों में पैसा लगा सकते हैं. ऐसी योजनाओं में रिटर्न बेहतर हुआ है और 8 फीसदी तक सालाना रिटर्न मिला है, जो एफडी से ज्‍यादा है.

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क्या है इंडेक्सेशन बेनेफिट

इंडेक्सेशन बेनिफिट्स होल्डिंग पीरियड के दौरान महंगाई के हिसाब से तय होता है और आपके टैक्स को कम कर देता है. महंगाई काफी ज्यादा होने पर तो इंडेक्शन बेनिफिट से टैक्स बहुत कम हो जाता है. हालांकि 1 अप्रैल से यह सिस्‍टम बदल रहा है और शॉर्ट टर्म गेन की तरह लॉन्ग टर्म गेंस को भी निवेशकों की इनकम में शामिल किया जाएगा और इस पर नॉर्मल स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. यानी 1 अप्रैल से ऐसे म्यूचुअल फंड निवेश पर होने वाली आय पर निवेशकों को अपने टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से ही टैक्‍स भरना पड़ेगा. ऐसे में टैक्स बेनेफिट चाहने वाले निवेशकों को इससे नुकसान होगा.

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नए नियम के बारे में जान लें

नए नियम के अनुसार डेट म्यूचुअल फंड पर 1 अप्रैल 2023 से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) का बेनेफिट नहीं मिलेगा और इस पर सिर्फ शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) का टैक्स लगेगा. फिलहाल डेट फंड में लंबी अवधि में इंडेक्सेशेन बेनेफिट लेने पर 20 फीसदी LTCG और बिना इंडेक्सेशन के 10 फीसदी टैक्स लगता है. लेकिन बदलाव के बाद ये टैक्स बनेफिट हट जाएंगे और निवेशक के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.

बता दें कि 36 महीने से पहले डेट म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचने पर होने वाली आय पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस लगता है. लेकिन 36 महीने से ज्यादा होल्डिंग पीरियड के बाद यूनिट बेचने पर होने वाली आय पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस लगता है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20 फीसदी टैक्स लगता है.

एफडी की ओर ट्रांसफर हो सकता है पैसा

एके निगम का कहना है कि नए संशोधन के बाद डेट और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के लिए व्यावहारिक रूप से शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के बीच कोई अंतर नहीं होगा. डेट म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट और मार्केट लिंक्ड डिबेंचर (एमएलडी) के लिए टैक्सेशन अब बराबर होगा. ऐसे में एफडी में कम रिस्‍क होने के चलते डेट योजनाओं से कुछ पैसा उस आरे शिफ्ट हो सकता है. लेकिन ढेट में एग्जिट लोड नहीं होता है, यानी इसे कभी भी भुना सकते हें. ऐसे में बहुत ज्‍यादा पैनिक की आशंका नहीं है.

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