/financial-express-hindi/media/media_files/VjINd0jxrxVsDXbj1TQQ.jpg)
इंक्रीमेंट फंड का कैसे इस्तेमाल करके अधिक फायदा उठाया जा सकता है उसके बारे में डिटेल यहां पढ़िए.
इंक्रीमेंट या बोनस आपकी कड़ी मेहनत और काम के प्रति समर्पण को दर्शाता है. इंक्रीमेंट या बोनस से सैलरी में बढ़ोतरी होती है. कर्मचारियों की सैलरी में इंक्रीमेंट होना सुखद है, लेकिन अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने और अपने लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने के लिए इन अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कैसे करें, इस पर समझदारी से फैसला करना जरूरी है.
लगातार बढ़ रही महंगाई के असर को कम करने और वित्तीय फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने के लिए सैलरी इंक्रीमेंट बेहद जरूरी है. आमतौर पर सैलरी में सालाना औसतन इंक्रीमेंट के तौर पर 10% बढ़त होती है. ऐसे में बढ़ रही मंहगाई का सामना करने और अपनी सेविंग को बढ़ाने के लिए स्मार्ट योजना की आवश्यकता होती है. इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए आइए कुछ रणनीतिक तैयारियों के बारे में जानते हैं.
Also Read : हुंडई, किआ से लेकर मारुति फ्रॉन्क्स तक, ये हैं 1000cc इंजन वाली शानदार कारों की लिस्ट
क्या है इंक्रीमेंट फंड
इंक्रीमेंट का कनेक्शन सीधे तौर पर किसी की सैलरी में बढ़ोतरी से या परफार्मेंस, मार्केट ट्रेंड या संगठनात्मक नीतियों के आधार पर कंपनी द्वारा अपने कर्मियों को दिए जाने वाले बोनस से है. यह अतिरिक्त इनकम लोगों को वित्तीय तौर पर मजबूत करने और अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है.
इंक्रीमेंट फंड का कैसे करें इस्तेमाल
जब सैलरी इंक्रीमेंट होती है, तो इस बढ़े हुए फंड का इस्तेमाल करने के लिए एक सही योजना के बारे में जानकारी होना जरूरी है. आरामदायक जीवन स्तर बनाए रखने के लिए सैलरी इंक्रीमेंट के एक हिस्से वेतन को घर में काम आने वाले या नया घर खरीदने जैसे जरूरी खर्चों के लिए इस्तेमाल करने पर विचार करें. इसके अलावा बाकी हिस्से को बकाया देनदारियों को कम करने के लिए लोन रिपेमेंट को प्राथमिकता दें. फाइनेंशियल सेफ्टी नेट बनाने और गुजरे वक्त के साथ पैसा बनाने के लिए सेविंग और निवेश विकल्प के लिए सैलरी इंक्रीमेंट का एक हिस्सा आवंटित करें.
कितना फंड करें निवेश
इन्क्रीमेंट फंड के कितने हिस्से को निवेश करना चाहिए यह आपके फाइनेंशियल टार्गेट और मौजूदा कर्ज पर निर्भर करता है. अपनी इंक्रीमेंट फंड बचाकर रखने की कोशिश करें और उसके 20% से 30% हिस्से को रिटायरमेंट प्लानिंग, धन संचय या एजुकेशन फंडिंग जैसे लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट विकल्प में निवेश करने का प्रयास करें. निवेश के लिए इंक्रीमेंट फंड के कितने हिस्से को इस्तेमाल करेंगे इसका फैसला अपनी परिस्थितियों के हिसाब से लें. आप चाहें तो निवेश से पहले अपने किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद भी ले सकते हैं.
ऐसे करें इंक्रीमेंट फंड का इस्तेमाल
इमरजेंसी फंड (Emergency Fund)
अप्रत्याशित खर्चों और वित्तीय आपात स्थितियों को कवर करने के लिए नौकरी के दौरान इमरजेंसी फंड का इंतजाम करें. आसानी से सुलभ हो पाए ऐसे अकाउंट में तीन से छह महीने के खर्च के लिए अलग से इमरजेंसी फंड की व्यवस्था करके चलें.
डेट रिपेमेंट (Debt Repayment)
इंक्रीमेंट फंड का इस्तेमाल बकाया लोन चुकाने के लिए कर सकते हैं. ब्याज लागत को कम करने और अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने के लिए क्रेडिट कार्ड बैलेंस या व्यक्तिगत ऋण जैसे उच्च-ब्याज ऋण चुकौती को प्राथमिकता दें.
इनवेस्टमेंट
जोखिम को कम करने और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने के लिए इंक्रीमेंट फंड के एक हिस्से को इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, एसेट्स जैसे इनवेस्टमेंट इंट्रूमेंट में लगा सकते हैं. ऐसा करके अपने निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई भी कर सकेंगे.
रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning)
निवेश के लिए तमाम रिटायरमेंट प्लान उपलब्ध हैं. इंक्रीमेंट फंड का इस्तेमाल एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड (EPF), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) या नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) जैसे रिटायरमेंट प्लान में निवेश करके कर सकते हैं. ऐसा करके फाइनेंशियल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट के बाद अच्छी जिंदगी जी सकेंगे.
सैलरी में बढ़ोतरी होने पर आमतौर लोगों के लाइफस्टाइल पर होने वाले खर्चों में इजाफा हो जाता है. ऐसे में समझदारी से काम लें और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल सिक्योरिटी को प्राथमिकता दें.