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इस स्कीम के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है जबकि अधिकतम सीमा चार किलोग्राम तक और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम है.
Sovereign Gold Bond tranche opens on Monday : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की तीसरी किश्त 18 दिसंबर से 22 दिसंबर 2023 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए रहेगी. निवेशकों को इन बॉन्ड्स में निवेश करने पर ध्यान देना चाहिए. सॉवरेन टैक्स फ्री रिटर्न हासिल करने के लिए निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड की अगली किश्त में आठ साल के लिए लॉक-इन करना चाहिए. सोने का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम 6,199 रुपये तय किया गया है. निवेशकों को डिजिटल भुगतान के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तीसरी किश्त के ऑनलाइन खरीद पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. चालू वित्त वर्ष में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की चौथी यानी अंतिम किश्त 12 फरवरी से 16 फरवरी के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इससे पहले चालू वित्त वर्ष मेंसॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की पहली किश्त 19-23 जून के बीच और दूसरी किश्त 11-15 सितंबर के बीच खुली थी.
एसआईपी में निवेश के जैसा है SGB
जानकारों का कहना है कि हालिया वृहद आर्थिक घटनाक्रमों को देखते हुए सोना पसंदीदा एसेट्स क्लास बना रहेगा और अन्य एसेट्स क्लास के मुकाबले निवेश को आकर्षित करना जारी रखेगा. एक्सपर्ट का मानना है कि निवेशकों को हर एक किश्त में इन बॉन्ड्स को खरीदना चाहिए जो सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश करने के समान होगा. बांड मूल निवेश पर सरकारी गारंटी के साथ आते हैं. SIP जैसी रणनीति के साथ संयुक्त होने पर, एसजीबी कीमती धातु में निवेश करने का एक अनुशासित और कर-कुशल तरीका प्रदान करता है.
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बांड पर हर साल 2.5 फीसदी की ब्याज दर का भुगतान किया जाता है और ब्याज राशि अर्ध-वार्षिक रीसेट में देय होती है. अंतिम ब्याज मूल राशि के साथ देय होगा. इस स्कीम के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है जबकि अधिकतम सीमा चार किलोग्राम तक और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम है. मानक ब्याज प्राप्तियों की तरह ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिले ब्याज पर व्यक्ति की लागू टैक्स रेट लगाया जाता है. गोल्ड बॉन्ड को अगर सेकेंडरी मार्केट में बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ यानी कैपिटल गेन बाजार दर पर प्राप्त किया जाएगा.
आठ साल में मैच्योर होता है गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड आठ साल की होगी लेकिन पांच साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा. सरकार ने फिजिकल गोल्ड में निवेश और देश के सोने के इंपोर्ट बिल को कम करने के विकल्प के रूप में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए थे. ये बॉन्ड आरबीआई द्वारा पूरे वर्ष में कई किश्तो में जारी किए जाते हैं और निवेशक सेकेंडरी मार्केट से भी बॉन्ड खरीद सकते हैं. अब तक, सरकार ने एसजीबी की 65 किस्तें जारी की हैं और बकाया स्टॉक लगभग 120 टन सोने का है, जो 57,000 करोड़ रुपये के निवेश का है.
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एक निवेशक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, बैंक शाखाओं, नामित डाकघरों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइटों के माध्यम से एसजीबी को डिजिटल रूप से खरीद सकता है. जो निवेशक सेकेंडरी मार्केट में एसजीबी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें निवेश से पहले बॉन्ड की कीमतों की जांच करनी चाहिए क्योंकि इस एसेंट्स के लिए एक्सचेंजों में लिक्विडिटी कम है.
जानकार बता रहे गोल्ड बॉन्ड में निवेश के फायदे
GoldenPi के सीईओ अभिजीत रॉय का कहना है कि एसजीबी उन निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प है जो अपनी निवेश रणनीति में प्रेडिक्टिबिलिटी में सुधार करते हुए अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करना चाहते हैं. वे बताते हैं कि एसजीबी एक निश्चित 2.5% एन्युअल इंटरेस्ट इनकम प्रदान करते हैं, जो समग्र रिटर्न में सुधार करता है, आय के विश्वसनीय स्रोत के रूप में कार्य करता है और आठ साल की अवधि में लगभग 20% यील्ड देता है. इसके अलावा एसजीबी धारकों के लिए इंटरेस्ट इनकम के बाद बॉन्ड की मैच्योरिटी पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट हो सकता है. इसी तरह माईवेल्थ ग्रोथ डॉट कॉम के कोफाउंडर हर्षद चेतनवाला का कहना है कि निवेशकों को एसजीबी में निवेश करना चाहिए क्योंकि ये सोने के निवेश पर अधिक रिटर्न अर्जित करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक हैं.