scorecardresearch

SGB: गोल्ड बॉन्ड की अंतिम किश्त सोमवार को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी, टैक्स फ्री रिटर्न समेत अन्य फायदे के लिए निवेश का मौका

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अंतिम किश्त 12 फरवरी से 16 फरवरी 2024 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी. सोने का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम 6,262 रुपये तय किया गया है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अंतिम किश्त 12 फरवरी से 16 फरवरी 2024 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी. सोने का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम 6,262 रुपये तय किया गया है.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
 sovereign gold bonds

इन बांडों ने फिजिकल गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ-ETFs) से बेहतर रिटर्न दिया है. टैक्स फ्री रिटर्न अर्जित करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकेंगे.

Sovereign Gold Bond Last tranche opens on Monday : मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अंतिम किश्त सब्सक्रिप्शन के लिए कल यानी सोमवार 12 फरवरी 2024 को खुलेगी और निवेशक इन बॉन्ड्स को 16 फरवरी तक सब्सक्राइब कर सकेंगे. सोने का इश्यू प्राइस प्रति ग्राम 6,262 रुपये तय किया गया है.

इससे पहले चालू वित्त वर्ष में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की पहली किश्त 19-23 जून के बीच और दूसरी किश्त 11-15 सितंबर के बीच खुली थी. गोल्ड बॉन्ड की तीसरी किश्त 18 दिसंबर से 22 दिसंबर 2023 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुली थी. दिसंबर 2023 में जारी अंतिम किश्त की कीमत 6,199 रुपये प्रति ग्राम थी. टैक्स फ्री रिटर्न अर्जित करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकेंगे. इन बांडों ने फिजिकल गोल्ड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ-ETFs) से बेहतर रिटर्न दिया है.

Advertisment

Also Read : LIC, SBI समेत इन 4 कंपनियों का मार्केट कैप 2.18 लाख करोड़ बढ़ा, HDFC बैंक, एयरटेल ने कराया नुकसान

गोल्ड बांड की खासियत

बांड पर हर साल 2.5 फीसदी की ब्याज दर का भुगतान किया जाता है और ब्याज राशि अर्ध-वार्षिक रीसेट में देय होती है. अंतिम ब्याज मूल राशि के साथ देय होगा. अंतिम ब्याज मूल राशि के साथ देय होगा. मानक ब्याज प्राप्तियों की तरह ही सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिले ब्याज पर व्यक्ति की लागू टैक्स रेट लगाया जाता है. निश्चित ब्याज दर और धातु के मूल्यवृद्धि वैल्यू के साथ, मैच्योरिटी पिरीएड के दौरान यील्ड 9% से 12% कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट है. गोल्ड बॉन्ड को अगर सेकेंडरी मार्केट में बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ यानी कैपिटल गेन बाजार दर पर प्राप्त किया जाएगा.

Also Read : गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री फ्रेश इंश्यू के जरिए जुटाएगी 500 करोड़, IPO के लिए सेबी के पास दाखिल किए कागजात

गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड आठ साल की होगी लेकिन पांच साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा. सरकार ने फिजिकल गोल्ड में निवेश और देश के सोने के इंपोर्ट बिल को कम करने के विकल्प के रूप में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए थे. ये बॉन्ड आरबीआई द्वारा पूरे वर्ष में कई किश्तों में जारी किए जाते हैं और निवेशक सेकेंडरी मार्केट से भी बॉन्ड खरीद सकते हैं.

कितना खरीदा जा सकता है गोल्ड बांड

ये बांड RBI द्वारा पूरे वर्ष में कई किश्तों में जारी किए जाते हैं. निवेशक सेकेंडरी मार्केट से भी बांड खरीद सकते हैं. भारत के निवासी बैंक, पोस्ट ऑफिस, शेड्यूल्ड विदेशी बैंक, निजी बैंक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के किसी भी शाखा या कार्यालय से बांड खरीद सकते हैं. एनआरआई गोल्ड बांड खरीदने के पात्र नहीं हैं. हालांकि, अगर कोई निवासी गोल्ड बांड खरीदने के बाद एनआरआई बन जाता है, तो वह मैच्योरिटी तक गोल्ड बांड को अपने पास रख सकता है. इस स्कीम के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है जबकि अधिकतम सीमा चार किलोग्राम तक और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम है.

Sovereign Gold Bonds Scheme