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Tax Saving : आप अब भी ओल्ड टैक्स रिजीम में बने रहना चाहते हैं? चेक करें क्या हैं टैक्स सेविंग के बेस्ट ऑप्शन

Tax-Saving Investments for Old Tax Regime: अगर आप उन लोगों में शामिल हैं, जो नए वित्त वर्ष में भी पुरानी टैक्स रिजीम को ही सेलेक्ट करने जा रहे हैं, तो टैक्स सेविंग के बेस्ट ऑप्शन्स के बारे में जानना जरूरी है.

Tax-Saving Investments for Old Tax Regime: अगर आप उन लोगों में शामिल हैं, जो नए वित्त वर्ष में भी पुरानी टैक्स रिजीम को ही सेलेक्ट करने जा रहे हैं, तो टैक्स सेविंग के बेस्ट ऑप्शन्स के बारे में जानना जरूरी है.

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Viplav Rahi
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Tax Saving Investments, Old Tax Regime

Tax-Saving for Old Tax Regime: पुरानी टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने वालों के लिए टैक्स सेविंग ऑप्शन्स के बारे में जानना जरूरी है. (Image : Pixabay)

Best Tax-Saving Investments for Old Tax Regime: नया वित्त वर्ष (FY 2025-26) शुरू होने के साथ ही नौकरीपेशा लोगों को अपने एंप्लॉयर को टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट के बारे में बताना होता है. अब इसके साथ ही अपनी पसंदीदा टैक्स रिजीम के बारे में बताना भी जरूरी हो गया है, क्योंकि अगर कोई पसंद नहीं बताई तो आप अपने आप न्यू टैक्स रिजीम में डाल दिए जाएंगे. वैसे तो 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स-फ्री बनाए जाने के बाद न्यू टैक्स रिजीम काफी आकर्षक हो गई है. लेकिन नई रिजीम में टैक्स बचाने वाले ज्यादातर प्रावधानों का फायदा नहीं मिलता है. ऐसे में बहुत सारे लोग अब भी ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में ही बने रहना चाहते हैं. अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो नए वित्त वर्ष में भी पुरानी टैक्स रिजीम को ही सेलेक्ट करने जा रहे हैं, तो टैक्स सेविंग के बेस्ट ऑप्शन्स के बारे में जान लेना जरूरी है.

सेक्शन 80C के तहत टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट

सेक्शन 80C इनकम टैक्स एक्ट के तहत सबसे महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक है, जिसके तहत एक वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसमें शामिल कुछ प्रमुख इनवेस्टमेंट ऑप्शन्स हैं: 

एंप्लॉईज प्रॉविडेंट फंड (EPF)

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एंप्लॉईज प्रॉविडेंट फंड (EPF) सैलरीड कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी और एंप्लॉयर दोनों वेतन के तय हिस्से के बराबर कंट्रीब्यूशन करते हैं. कर्मचारी के कंट्रीब्यूशन पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है, जबकि एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन टैक्स फ्री होता है.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) एक सरकारी समर्थन वाली लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट स्कीम है, जिसमें फिलहाल सालाना 7.1% ब्याज मिल रहा है. PPF पर मिलने वाला रिटर्न भी पूरी तरह टैक्स फ्री है. यह स्कीम रिटायरमेंट प्लानिंग और वेल्थ क्रिएशन के लिए एक अच्छा विकल्प मानी जाती है. 

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सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

यह योजना 10 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों की फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए बनाई गई है. इस पर अभी सालाना 8.2% की दर से ब्याज मिल रहा है. हालांकि इस योजना में लंबी लॉक-इन अवधि होती है, लेकिन इसमें किए गए कंट्रीब्यूशन और मिलने वाला ब्याज, दोनों पर टैक्स बेनिफिट मिलता है.

सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS)

60 साल और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS) पर 8.2% ब्याज मिलता है. यह निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. 

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नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक सरकार द्वारा शुरू की गई रिटायरमेंट स्कीम है जो बाजार से जुड़े रिटर्न प्रदान करती है. इसमें एक कारोबारी साल के दौरान अधिकतम 2 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा मैच्योरिटी पर कॉर्पस की 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है, जो टैक्स फ्री होती है. बाकी रकम रेगुलर इनकम के लिए एन्युइटी में निवेश करनी होती है.  

इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)

इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) दरअसल म्यूचुअल फंड्स होते हैं, जिसमें निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. ELSS फंड्स की लॉक-इन अवधि 3 साल होती है, जो बाकी टैक्स सेविंग ऑप्शन्स की तुलना में कम है. 

टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving FD)

टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश पर भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. लेकिन मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है. इनमें 5 साल का लॉक-इन होता है. 

होम लोन प्रिंसिपल 

अगर आपने होम लोन लिया है, तो आपके ईएमआई में शामिल प्रिंसिपल अमाउंट पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनिफिट क्लेम किया जा सकता है.

होम लोन इंटरेस्ट पर टैक्स बेनिफिट

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24(b) के तहत आप एक वित्त वर्ष के दौरान चुकाए गए अधिकतम 2 लाख रुपये तक के होम लोन इंटरेस्ट पर टैक्स बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं.

एजुकेशन लोन पर टैक्स बेनिफिट

अगर आपने एजुकेशन लोन लिया है (खुद, अपने पति/पत्नी, बच्चों या कानूनी वार्ड के लिए) तो भुगतान किए गए ब्याज पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80E के तहत फुल डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. यह छूट अधिकतम 8 साल या ब्याज का पूरा भुगतान होने तक (जो भी पहले हो) मिलती है.

बीमा प्रीमियम पर टैक्स बेनिफिट

जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर सेक्शन 80C के तहत, कुल 1.5 लाख रुपये की लिमिट में टैक्स बेनिफिट मिलता है. इसके अलावा सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर भी टैक्स बेनिफिट क्लेम किया जा सकता है. इसकी लिमिट उस व्यक्ति की उम्र के साथ जुड़ी हुई है, जिनके हेल्थ इंश्योरेंस के लिए छूट क्लेम की जा रही है. टैक्सपेयर अपने, अपने पति/पत्नी और बच्चों के लिए एक साल में मैक्सिमम 25,000 रुपये तक के प्रीमियम पर छूट ले सकता है. सीनियर सिटिजन (60 साल से ऊपर) के लिए यह लिमिट 50 हजार रुपये है. इसके अलावा 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर भी 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट ली जा सकती है.

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