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Trump Tariff Impact : ट्रंप के टैरिफ वॉर की चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत इन देशों पर पड़ेगी ज्यादा तगड़ी मार, भारत को कैसे होगा फायदा?

Trump Tariff Impact : ट्रंप ने चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ताईवान समेत कई देशों पर भारत की तुलना में ज्यादा टैरिफ लगाया है. इस वजह से भारत को कई सेक्टर्स में अपना एक्सपोर्ट बढ़ाने का मौका मिल सकता है.

Trump Tariff Impact : ट्रंप ने चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ताईवान समेत कई देशों पर भारत की तुलना में ज्यादा टैरिफ लगाया है. इस वजह से भारत को कई सेक्टर्स में अपना एक्सपोर्ट बढ़ाने का मौका मिल सकता है.

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Viplav Rahi
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Trump tariffs impact, India textile exports

Trump tariffs impact : नए टैरिफ लागू करने से जुड़ा एग्जिक्यूटिव ऑर्डर दिखाते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (Photo : AP/PTI)

Trump Tariff Impact on Impact  : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए रिटैलिएटरी टैरिफ से हर तरफ खलबली मची हुई है. हालांकि इस टैरिफ वॉर की मार दुनिया के तमाम देशों पर पड़ रही है, लेकिन भारत के लिए इसमें फायदे की गुंजाइश भी छिपी हुई है. आपदा में अवसर जैसी यह संभावना इसलिए बनती नजर आ रही है, क्योंकि ट्रंप ने भारत से कहीं ज्यादा टैरिफ चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, थाईलैंड, ताईवान और वियतनाम जैसे देशों पर लगाया है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक ट्रंप ने जहां इन देशों पर 36% से 54% तक टैरिफ लगाया गया है, वहीं भारत के लिए यह 27% तक ही है. लिहाजा अमेरिकी बाजार में इन देशों के एक्सपोर्ट्स के मुकाबले भारतीय निर्यात बेहतर स्थिति में आ सकते हैं. भारत को टैरिफ में इस अंतर का सबसे बड़ा लाभ टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टर्स में मिलने की उम्मीद है. 

किन देशों पर लगा है कितना टैरिफ?

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 54%, वियतनाम पर 46%, श्रीलंका पर 44%, बांग्लादेश पर 37%, थाईलैंड पर 36%, ताईवान पर 32% और पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाया है, जो भारत पर लगाए गए टैरिफ की तुलना में कम है. भारत के स्टील, एल्युमिनियम और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर टैरिफ की दर 25% ही है, जबकि फार्मा, सेमीकंडक्टर्स, कॉपर और एनर्जी प्रोडक्ट्स पर फिलहाल कोई टैरिफ नहीं लगेगा. एएनआई के मुताबिक GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा है कि बाकी बचे प्रोडक्ट्स पर टैरिफ का रेट असल में 26% नहीं, बल्कि 27% है. यानी भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाले स्टील, एल्युमिनियम, ऑटोमोबाइल, फार्मा, सेमीकंडक्टर्स, कॉपर और एनर्जी प्रोडक्ट्स नए टैरिफ के लागू होने पर तुलनात्मक रूप से फायदे में रहेंगे.

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टेक्सटाइल सेक्टर को मिलेगा बढ़त

ट्रंप प्रशासन के नए टैरिफ से भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है. चीन, ताईवान और बांग्लादेश से आने वाले कपड़ों पर ऊंची दर से टैरिफ लगने के कारण भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका मिलेगा. अजय श्रीवास्तव ने कहा, "टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर में सबसे बड़ा अवसर है. चीन और बांग्लादेश से आने वाले कपड़ों पर ऊंचा टैरिफ लगने से भारतीय टेक्सटाइल प्रोड्यूसर अमेरिकी बाजार में एक्सपोर्ट बढ़ा सकते हैं. इससे उन्हें नए निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी." 

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इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन सेक्टर को होगा फायदा

वियतनाम और थाईलैंड पर भारी टैरिफ लगने से वहां की कंपनियों के प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे, जिससे भारत को तुलनात्मक लाभ (Comparative Advantage) मिलेगा. सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना पहले ही इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को मजबूती देने में मदद कर रही है. ऐसे में भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में अपनी भूमिका मजबूत कर सकता है.

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सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को भी होगा फायदा

ताइवान पर 32% टैरिफ लगने से भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए भी मौके बढ़ सकते हैं. इससे अंतरराष्ट्रीय सेमीकंडक्टर कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत में ट्रांसफर करने के लिए भी प्रेरित हो सकती हैं. अजय श्रीवास्तव का कहना है कि "सेमीकंडक्टर उद्योग में ताइवान अभी भी सबसे आगे है, लेकिन भारत पैकेजिंग, टेस्टिंग और लोअर-एंड चिप मैन्युफैक्चरिंग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है." 

भारत को क्या कदम उठाने होंगे?

अमेरिकी टैरिफ से बदले हालात का पूरा फायदा उठाने के लिए भारत को कुछ जरूरी कदम भी उठाने पड़ सकते हैं. इनमें लॉजिस्टिक्स में इनवेस्टमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और कारोबार करना आसान बनाने (Ease of Doing Business) के मोर्चे पर किए जाने वाले सुधार शामिल हैं. GTRI की रिपोर्ट के अनुसार, "अगर भारत लॉजिस्टिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाए और पॉलिसी में स्टेबिलिटी बनाए रखे, तो वह अगले कुछ सालों में एक प्रमुख ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट सेंटर बन सकता है."

अमेरिका की नई टैरिफ नीति से भारत के लिए कुछ चुनौतियां तो जरूर खड़ी होने वाली हैं, लेकिन इसके साथ ही व्यापार और निवेश के नए रास्ते खुलने की उम्मीद भी बन रही है. खास तौर पर टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत अपनी स्थिति पहले से ज्यादा मजबूत कर सकता है. हालांकि इस मौके का पूरा लाभ उठाने के लिए सरकार और इंडस्ट्री को आगे बढ़कर कदम उठाने होंगे, ताकि ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सके.

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