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Merchant Discount Rate यानी MDR चार्ज है जो किसी मर्चेंट या दुकानदार को पेमेंट सर्विस को शुरू करने के लिए देना होता है.(Image: FE File)
Merchant Discount Rate, MDR Charge on UPI, RuPay Debit Card Payment: सरकार यूपीआई (UPI) और RuPay डेबिट कार्ड के जरिये किये जाने वाले पेमेंट पर फिर से मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर चार्ज लगाने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा हुआ तो डिजिटल पेमेंट महंगा हो जाएगा. बीते कुछ सालों से सरकार ने एमडीआर चार्ज माफ की हुई है लेकिन अब सरकार इसे दोबारा लागू करने का प्लान कर रही है. एमडीआर चार्ज क्या है और इसके आने से आपकी की जेब पर क्या असर पड़ेग,आइए जानते हैं.
MDR: क्या है मर्चेंट डिस्काउंट रेट?
एमडीआर का फुल फॉर्म होता है मर्चेंट डिस्काउंट रेट. Razorpay Payment Gateway के मुताबिक मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR). यह वह रेट है जो किसी मर्चेंट या दुकानदार को पेमेंट सर्विस को शुरू करने के लिए देना होता है. एमडीआर चार्ज आम तौर पर ट्रांजेक्शन अमाउंट का 1 से 3 तक हिस्सा हो सकता है.
अगर कोई ग्राहक अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करता है तो बैंक उस ग्राहक से एमडीआर चार्ज वसूलता है. लेकिन अभी यह चार्ज ग्राहक को नहीं देना पड़ता. सरकार ने यह नियम बनाया है कि बैंक एमडीआर चार्ज न तो ग्राहक से लेंगे और न ही दुकानदार या मर्चेंट से. बैंक ही अपनी कमाई से इसकी भरपाई करेंगे. इसे और आसान भाषा में समझना हो तो ऐसे जानें.
मान लें किसी दुकानदार के पास जाते हैं और आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं. दुकानदार आपसे कुछ अधिक पैसे जैसे कि 2 परसेंट अधिक मांग सकता है. दरअसल दुकानदार इसी एमडीआर चार्ज के चलते आपसे अधिक पैसा मांगता है क्योंकि उसे एमडीआर चार्ज बैंक को देना होता है. बैंक को दिए गए पैसे की भरपाई दुकानदार ग्राहकों से करते हैं. 2020 के बजट में सरकार ने इस एमडीआर चार्ज को खत्म कर दिया था.
ET ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बताया है कि यूपीआई और RuPay डेबिट कार्ड के जरिए किए जाने वाले पेमेंट पर सरकार एमडीआर चार्ज फिर से लागू करने पर विचार कर रही है. बैंक के दो अधिकारियों के हवाले से ET ने यह रिपोर्ट की है.
रिपोर्ट में एक बैंकर ने अपने बयान कहा है कि बड़े व्यापारियों के लिए UPI पेमेंट पर MDR चार्ज फिर से लागू करने के लिए एक प्रस्ताव इंडस्ट्री (बैंकों) की ओर से केंद्र सरकार को भेजी गई थी और अब सरकार इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार कर रही है. बैंकर ने कहना है कि बैंकों द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार, जीएसटी बेस्ड एन्युअल टर्नओवर 40 लाख रुपये से अधिक वाले व्यापारियों के लिए एमडीआर चार्ज फिर से बहाल हो सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार UPI पर एक टियर प्राइस (tiered pricing) भी ला सकती है, जिसमें बड़े व्यापारी अधिक चार्ज और छोटे व्यापारी कम चार्ज देंगे. 40 लाख रुपये से कम के सालाना कारोबार वाले व्यापारियों के लिए UPI अभी भी फ्री रहेगा. बैंकर ने कहा - इसके पीछे तर्क ये है कि अगर बड़े व्यापारी जिनके पास कार्ड मशीनें हैं, वे वीजा और मास्टरकार्ड डेबिट कार्ड और सभी प्रकार के क्रेडिट कार्ड जैसे अन्य पेमेंट इंस्टूमेंट पर MDR चार्ज का पेमेंट करते हैं, तो वे UPI और रुपे डेबिट कार्ड के लिए चार्ज क्यों नहीं दे सकते?" व्यापारियों को पहले का लगभग 1% MDR बैंकों को देना पड़ता था, जब तक कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में इस चार्ज को वापस नहीं ले लिया ताकि डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा दिया जा सके.