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Vikram Solar IPO : खुल गया 2,079 करोड़ का आईपीओ, ब्रोकरेज ने दी सब्सक्राइब रेटिंग

IPO : विक्रम सोलर भारत के बढ़ते सोलर मार्केट का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है. इसका मजबूत ऑर्डर बुक, PLI स्कीम से मिलने वाले टेक्नोलॉजी अपग्रेड और सरकारी नीतियों का समर्थन कंपनी को और मजबूत बनाता है.

IPO : विक्रम सोलर भारत के बढ़ते सोलर मार्केट का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है. इसका मजबूत ऑर्डर बुक, PLI स्कीम से मिलने वाले टेक्नोलॉजी अपग्रेड और सरकारी नीतियों का समर्थन कंपनी को और मजबूत बनाता है.

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Sushil Tripathi
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IPO Alert : बेहतर होते रिटर्न मेट्रिक्स और घरेलू व निर्यात की मांग से मेल खाने वाली रणनीति इसे एक आकर्षक ग्रोथ स्टोरी बनाती है. (Pixabay)

Vikram Solar IPO Open : भारत की प्रमुख सोलर एनर्जी कंपनी, विक्रम सोलर, का आईपीओ आज 19 अगस्त 2025 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. आईपीओ का साइज 2,079.37 करोड़ रुपये है. इस आईपीओ के लिए कंपनी ने प्रति शेयर प्राइस बैंड 315–332 रुपये तय किया है. ब्रोकरेज हाउस इस आईपीओ को लेकर पॉजिटिव हैं. यह आईपीओ 19 अगस्त 2025 से 21 अगस्त 2025 तक निवेशकों के लिए खुला रहेगा.

विक्रम सोलर की आईपीओ के जरिए 2,079.37 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. इसमें 1,500 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू के तहत 4.52 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि 579.37 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 1.75 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे. रिटेल निवेशक न्यूनतम एक लॉट यानी 45 शेयर के लिए बोली लगा सकते हैं.

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किसके लिए कितना रिजर्व

विक्रम सोलर लिमिटेड के आईपीओ का एलोकेशन इस प्रकार रखा गया है: कुल इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व किया गया है. वहीं, 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए और 35% हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए आरक्षित है.

Vikram Solar IPO: GMP

सब्सक्रिप्शन खुलने वाले दिन विक्रम सोलर के आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में क्रेज घटा है. ग्रे मार्केट में कंपनी का अनलिस्‍टेड स्‍टॉक 56 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. यह अपर प्राइस बैंड 332 रुपये के लिहाज से 17 फीसदी प्रीमियम है. यही ट्रेंड रहा तो कंपनी का स्‍टॉक 332 रुपये इश्‍यू प्राइस की तुलना में लगभग 388 रुपये पर लिस्ट हो सकता है.

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ब्रोकरेज का कहना है कि VSL का मुनाफे का मार्जिन अपने लिस्टेड साथियों से कम है क्योंकि इसमें बैकवर्ड इंटीग्रेशन (कच्चे माल से लेकर तैयार माल तक अपनी क्षमता होना) नहीं है और इसके निर्यात भी बहुत कम हैं. आमतौर पर निर्यात में 2%–2.5% तक ज्यादा मार्जिन मिलता है. FY23-25 के दौरान कंपनी का रेवेन्यू, EBITDA और एडजस्टेड PAT 29%, 63% और 211% की CAGR से बढ़े हैं. कंपनी की सोलर मॉड्यूल बनाने की क्षमता FY26 तक लगभग 4 गुना बढ़कर 15.5 GW हो जाएगी.

आने वाले समय में कंपनी की ग्रोथ क्षमता बढ़ने, घरेलू मजबूत मांग और कई सरकारी योजनाओं जैसे PM सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना, PM कुसुम, ALMM, और कमर्शियल व इंडस्ट्रियल सेक्टर में सोलर कैप्टिव प्लांट्स की तरफ बदलाव तथा बड़े स्तर पर यूटिलिटी स्केल सोलर पावर प्रोजेक्ट्स की वजह से बढ़ेगी.

332 रुपये के ऊपरी प्राइस बैंड पर VSL का वैल्यूएशन FY25 के आधार पर 85.9x P/E और 21.4x EV/EBITDA है. यह EV/EBITDA के हिसाब से पियर्स के बराबर है. जब FY27 में कंपनी की सोलर सेल बनाने की क्षमता चालू होगी तो मुनाफ़ा मार्जिन और बेहतर होने की उम्मीद है. ब्रोकरेज ने इस इश्यू को कट-ऑफ प्राइस पर SUBSCRIBE करने की सलाह दी है.

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ब्रोकरेज का कहना है कि इसका वैल्यूएशन इस इंडस्ट्री की बाकी कंपनियों से ऊंचा है. हालांकि कंपनी की कुछ खासियत हैं, जैसे मजबूत R&D (रिसर्च और डेवलपमेंट), हाई क्‍वालिटी कंट्राल, नई तकनीक से मैन्युफैक्चरिंग करना और क्‍लीयर बैकवर्ड इंटीग्रेशन रणनीति. वहीं, बड़े स्तर पर विस्तार (एक्सपेंशन) और इंडस्ट्री में तेज प्रतिस्पर्धा को लेकर कुछ जोखिम भी बने हुए हैं.

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ब्रोकरेज का कहना है कि विक्रम सोलर भारत के बढ़ते सोलर मार्केट का फायदा उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है. इसका मजबूत ऑर्डर बुक, PLI स्कीम से मिलने वाले टेक्नोलॉजी अपग्रेड और सरकारी नीतियों का समर्थन कंपनी को और मजबूत बनाता है. हालांकि, कच्चे माल की सप्लाई, ऑर्डर पूरे करने में देरी और दामों में उतार-चढ़ाव जैसे जोखिम मौजूद हैं. लेकिन कंपनी के बेहतर होते रिटर्न मेट्रिक्स और घरेलू व निर्यात की मांग से मेल खाने वाली रणनीति इसे मीडियम टर्म में एक आकर्षक ग्रोथ स्टोरी बनाती है.

(Disclaimer: आईपीओ में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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