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Income Tax Return Filing : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है, उससे पहले सही ITR फॉर्म का चुनाव करके रिटर्न फाइल करना जरूरी है. (Representative Image : Pixabay)
Filing Your IT Return : Who can use ITR-1 for FY 2022-23: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई बेहद नजदीक है. अगर आपने अब तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया, तो जल्द से जल्द ऐसा कर लें. लेकिन क्या आपको पता है कि आपको अपना रिटर्न किस फॉर्म में दाखिल करना है? दरअसल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए आयकर विभाग कई अलग-अलग फॉर्म मुहैया कराता है. किस टैक्स पेयर को कौन सा फॉर्म भरना है, इसका फैसला उसके प्रोफेशन, आमदनी, आय के स्रोत समेत कई बातों पर निर्भर होता है.
सभी सैलरीड लोग नहीं कर सकते ITR-1 का इस्तेमाल
आयकर रिटर्न भरने के सभी फॉर्म में ITR-1 (सहज) काफी आसान माना जाता है. यह फॉर्म आमतौर पर सैलरीड क्लास यानी वेतन पाने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए होता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सैलरी पाने वाले सभी लोग आयकर रिटर्न भरने के लिए ITR-1 का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस फॉर्म का इस्तेमाल वही लोग कर सकते हैं, जो कुछ शर्तों को पूरा करते हों. अगर आप भी सैलरीड क्लास में आते हैं, तो चेक कर लें कि अपना रिटर्न भरने के लिए आप ITR-1 का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं.
कौन कर सकता है ITR -1 का इस्तेमाल
- भारत में रहने वाले व्यक्ति (resident individual).
- जिनकी कुल आय वित्त वर्ष 2022-23 (AY 2023-24) के दौरान 50 लाख रुपये से कम हो.
- जिनकी आय का स्रोत वेतन, पेंशन या फैमिली पेन्शन हो.
- जिन्हें अधिकतम एक हाउस प्रॉपर्टी से आमदनी हुई हो.
- जिनकी कृषिआय (agricultural income) 5000 रुपये से ज्यादा न हो.
- जिन्होंने बैंक, पोस्ट ऑफिस से मिले ब्याज और डिविडेंड के जरिए अन्य आय अर्जित की हो.
कौन नहीं भर सकता ITR-1 में रिटर्न
जिन व्यक्तियों ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नीचे दिए किसी भी स्रोत से आय अर्जित की हो, वे आयकर रिटर्न भरने के लिए ITR-1 (सहज) फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं:
कैपिटल गेन्स या सट्टे से होने वाली आय
जिन लोगों ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान म्यूचुअल फंड, गोल्ड, इक्विटी शेयर, हाउस प्रॉपर्टी या ऐसे किसी एसेट को बेचकर पूंजीगत लाभ (capital gain) कमाया है, वे ITR-1 के जरिए आयकर रिटर्न नहीं भर सकते. इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति ने घुड़दौड़ (horse racing), लॉटरी (lottery), कानूनी तौर पर की जाने वाली गैंबलिंग जैसे सट्टेबाजी वाले तरीकों से कमाई की है, तो भी उसे ITR-1 भरने का अधिकार नहीं है.
क्रिप्टो या अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से कमाई
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान किसी व्यक्ति की कुल आय भले ही 50 लाख रुपये से कम रही हो, लेकिन अगर उसने क्रिप्टोकरेंसी या किसी अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) को बेचकर पैसे कमाए हैं, तो वो ITR-1 (सहज) के जरिए आयकर रिटर्न फाइल नहीं कर सकता है.
एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से आमदनी
अगर किसी शख्स की कुल आय में एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आमदनी शामिल है, तो वो भी ITR-1 के जरिए रिटर्न फाइल नहीं कर सकता है. अगर आपके पास दो घर हैं और आप किराए पर दिए गए घर से होने वाले नुकसान (loss) को कैरी-फॉरवर्ड करना चाहते हैं, तो आपको रिटर्न भरने के लिए ITR-1 की बजाय ITR-2 का इस्तेमाल करना होगा.
NRI या RNOR कैटेगरी में आने वाले रेजिडेंट
जो लोग नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) हैं या ‘आमतौर पर भारत में नहीं रहने वाले रेजिडेंट’ (Resident Not Ordinarily Resident - RNOR) की कैटेगरी में आते हैं, वे भी ITR-1 फॉर्म के जरिए आयकर रिटर्न नहीं भर सकते हैं.
अनलिस्टेड शेयरों के निवेशक और कंपनियों के डायरेक्टर
जिन आयकर दाताओं ने अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश किया है या किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं वे भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आपके बैंक ने एकाउंट से कैश निकालने की वजह से इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194N के तहत TDS की कटौती की है, तो भी आप ITR-1 के जरिये रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं.
हाउस प्रॉपर्टी की बिक्री पर LTCG एग्जम्पशन का क्लेम
अगर आप वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बेची गई हाउस प्रॉपर्टी पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के तहत लांग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर टैक्स एग्जम्पशन क्लेम करना चाहते हैं, तो भी आप ITR-1 के जरिए रिटर्न फाइल नहीं कर सकते. ऐसी स्थिति में आपको ITR-2 का इस्तेमाल करना होगा.
हिंदू अविभाजित परिवार (HUF)
आयकर कानून के तहत हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) की कैटेगरी में आने वाले लोग भी ITR-1 के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सकते.
विदेशी एसेट्स के मालिक
जो लोग किसी भी तरह के विदेशी एसेट्स (Foreign Assets) के मालिक हैं, वे ITR-1 के जरिए आयकर रिटर्न नहीं भर सकते. इन विदेशी एसेट्स में फाइनेंशियल एसेट्स भी शामिल हैं. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति विदेश में मौजूद किसी बैंक एकाउंट का सिग्नेटरी (signatory) तो वह भी ITR-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.