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यह पहली बार नहीं है जब सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने टीसीएस के ट्रॉयल को लेकर सवाल उठाए हैं.
BSNL 4G: सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं. अब सामने आया है कि टीसीएस और आईटीआई 4जी नेटवर्क के लिए जरूरी इक्विपमेंट के सेटअप में कोताही बरत रही हैं. बीएसएनएल टीसीएस और आईटीआई के 4जी सॉल्यूशन का परीक्षण कर रही है. बीएसएनएल ने इन दोनों कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) में तय की गई शर्तों के मुताबिक इक्विपमेंट लगाने को कहा है. बीएसएनएल का यह निर्देश टीसीएस और आईटीआई द्वारा चंडीगढ़ और अंबाला में ट्रॉयल के दौरान संशोधित सॉल्यूशन दाखिल करने के बाद आया है. इन दोनों कंपनियों के मुताबिक 20 वॉट की क्षमता वाले रेडियो स्थापित किए जाने हैं लेकिन बीएसएनएल के मुताबिक जरूरत 40 वॉट की क्षमता वाले रेडियो की है.
ये होगी दिक्कतें
- निजी टेलीकॉम कंपनियां 4जी नेटवर्क के लिए 40 वॉट और 80 वॉट के रेडियो का इस्तेमाल करती हैं. इंडस्ट्री एग्जेक्यूटिव के मुताबिक कुछ स्थानों पर निजी कंपनियां 20 वॉट के रेडियो का इस्तेमाल 2जी नेटवर्क के लिए करती हैं लेकिन कोई भी 4जी नेटवर्क के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करती हैं.
- अगर 20 वॉट के रेडियो लगाए जाते हैं तो इसे अधिक स्थानों पर लगाने होंगे. जैसे कि अगर बीएसएनएल देश भर में 40 वॉट रेडियो के जरिए 1 लाख साइट्स में इंफ्रा बनाने होंगे लेकिन अगर 20 वॉट रेडियो का इस्तेमाल किया गया तो साइट रिक्वायरमेंट दोगुनी हो जाएगी. इससे डीजल, किराया और मेटेनेंस इत्यादि जैसी कॉस्ट भी बढ़ जाएगी.
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- टीसीएस और आईटीआई ने 40 वॉट रेडियो को भी स्थापित किए जाने को लेकर सूचित किया है लेकिन इनकी संख्या 20 वॉट के रेडियो की तुलना में बहुत कम हैं. दोनों कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बैंड 1 (2100 मेगाहर्ट्ज) में आठ 20 वॉट के रेडियो और बैंड 41 में पांच 20-वॉट के रेडियो स्थापित किए गए हैं. वहीं दूसरी तरफ बैंड 1 में 40 वॉट के 5 और बैंड 41 में महज 2 रेडियो स्थापित किए गए हैं.
पहली बार BSNL ने नहीं उठाए हैं सवाल
यह पहली बार नहीं है जब सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने टीसीएस के ट्रॉयल को लेकर सवाल उठाए हैं. इससे पहले बीएसएनएल ने तब सवाल उठाए थे जब टीसीएस ने प्रॉडक्ट स्पेशिफिकेशंस में 128 बदलाव (डेविएशंस) प्रस्तावित किए थे. बीएसएनएल का कहना था कि इन बदलावों को मानने से उसके कारोबारी हितों को नुकसान पहुंचता और ग्राहकों के अनुभव भी प्रभावित होते.
(Article: Kiran Rathee)