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Aadhaar, DL, मार्कशीट समेत तमाम डाक्यूमेंट के लिए वॉलेट बना DigiLocker, इस्तेमाल करने का ये है तरीका

डिजिलॉकर एक सुरक्षित डिजिटल वॉलेट है, जो लोगों को आधार बेस्ड क्लाउड स्टोरेज में एकेडमिक और फाइनेंंशियल रिकॉर्ड जैसे तमाम डाक्युमेंट रखने और कहीं से भी एक्सेस करने की सुविधा देता है.

डिजिलॉकर एक सुरक्षित डिजिटल वॉलेट है, जो लोगों को आधार बेस्ड क्लाउड स्टोरेज में एकेडमिक और फाइनेंंशियल रिकॉर्ड जैसे तमाम डाक्युमेंट रखने और कहीं से भी एक्सेस करने की सुविधा देता है.

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FE Hindi Desk
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SEBI की साझेदारी से DigiLocker इनवेस्टमेंट डाक्युमेंट को भी सुरक्षित, पारदर्शी और आसान तरीके से मैनेज करने में मदद करता है. (Image: X/digilocker_ind)

DigiLocker Guide 2025 : How to Access and Store important document Digitally: डिजिटल दौर में आईडी, एकेडमिक और फाइनेंशियल रिकॉर्ड जैसे जरूरी डाक्युमेंट को सुरक्षित और सुलभ रखना बड़ी चुनौती बन गया है. इसी चुनौती का समाधान करते हुए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिलॉकर (DigiLocker) की शुरुआत की, जो अब करोड़ों भारतीयों के लिए डिजिटल सुरक्षा का पर्याय बन चुका है. यह एक सुरक्षित, क्लाउड बेस्ड डिजिट प्लेटफार्म है, जो लोगों को अपने सभी डाक्यूमेंट डिजिटल रूप में, कहीं से भी एक्सेस और साझा करने की सुविधा देता है.

आइए जानते हैं कि डिजिलॉकर क्या है और यह कैसे काम करता है? इसमें कौन-कौन से डाक्युमेंट एक्सेस और अपलोड करके रख सकते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से इस्तेाल कर सकते हैं. डिजिलॉकर को इस्तेमाल करने का तरीका और इसकी खासियतों के बारे में

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डिजिलॉकर क्या है और कैसे काम करता है?

डिजिलॉकर भारत सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत शुरू किया गया एक सुरक्षित डिजिटल डाक्यूमेंट वॉलेट है. इसमें हर यूजर को उनके आधार नंबर से जुड़ा क्लाउड स्टोरेज स्पेस मिलता है. इसके जरिए सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा जारी जरूरी डाक्यूमेंट को सुरक्षित रखा जा सकता है. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अनुसार, डिजिलॉकर में रखे गए डाक्यूमेंट, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी, कानूनी रूप से फिजिकल डाक्यूमेंट के बराबर माने जाते हैं.

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डिजिलॉकर में रखे जा सकने वाले डाक्यूमेंट

आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण (RC), एकेडमिक मार्कशीट और डिग्रियां, इनकम सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस पॉलिसीज, वोटर आईडी, बिजली-पानी के बिल और निजी दस्तावेज़ (PDF/स्कैन) और अन्य.

शेयर बाजार रेगुलेटर SEBI ने डिजिलॉकर के साथ साझेदारी करते हुए 1 अप्रैल 2025 से निवेशकों को उनके डिमैट अकाउंट, म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट और कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (CAS) डिजिलॉकर में सुरक्षित रूप से देखने और रखने की सुविधा दी है.

इससे निवेशक अपने फाइनेंशियल रिकॉर्ड को सरल, पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से मैनेज कर पाएंगे, और भविष्य में कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए संपत्ति और इनवेस्टमेंट क्लेम पेश करना आसान होगा.

DigiLocker का कैसे करें इस्तेमाल

  • वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर आधार नंबर और OTP से साइन अप करें.
  • लॉगिन के बाद आधार लिंक करके पहचान पुष्टि करें.
  • ‘Issued Documents’ सेक्शन से सरकारी दस्तावेज़ सीधे प्राप्त करें.
  • दस्तावेज़ों को ईमेल या सुरक्षित लिंक के माध्यम से साझा करें.

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DigiLocker: क्या है इसकी खासियत?

डिजिलॉकर न सिर्फ सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित बनाता है, बल्कि वित्तीय और कानूनी पारदर्शिता में भी नई दिशा देता है, जिससे भारत का डिजिटल इको सिस्टम और मजबूत होता है. डिजिटल लॉकर की खासियतें यहां देखें.

  • फ्री क्लाउड स्टोरेज: हर यूजर को 1GB तक फ्री स्टोरेज.
  • पेपरलेस गवर्नेंस: सरकारी विभाग द्वारा जारी दस्तावेजों जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, डीएल, आरसी, राशन कार्ड को डिजिटल रूप में एक्सेस और वेरीफाई कर सकते हैं.
  • सुरक्षा और प्रमाणिकता: पंजीकृत संस्थानों द्वारा जारी दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य.
  • कहीं भी एक्सेस: वेबसाइट या मोबाइल ऐप से 24x7 इस्तेमाल संभव.
  • आधार इंटीग्रेशन: पहचान वेरीफिकेशन और सुरक्षित लॉगिन.
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