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गूगल (Google) ने भारत मैट्रिमोनी जैसे 10 लोकप्रिय ऐप्स पर एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है. (Image: Reuters)
गूगल (Google) ने भारत मैट्रिमोनी जैसे 10 लोकप्रिय ऐप्स पर एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है. दिग्गज टेक कंपनी ने शुक्रवार को भारत में 10 कंपनियों के ऐप्स को हटाना शुरू कर दिया है. गूगल ने इन लोकप्रिय मैट्रिमोनी ऐप पर सर्विस चार्ज मामले में कार्रवाई की.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के बाद Matrimony.com के शेयर 2.7% तक गिर गए. जबकि इंफो एज के शेयर में 1.5% गिरावट आई. इंफो एज के फाउंडर संजीव बिखचंदानी (Sanjeev Bikhchandani) ने कहा कि उसने सभी लंबित गूगल इनवॉइस का समय पर निपटान कर दिया है और अपनी नीतियों का अनुपालन कर रहा है. गूगल की बिलिंग पॉलिसिज के खिलाफ कई स्टार्टअप्स की याचिकाओं पर 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने स्टार्टअप कंपनियों को प्ले स्टोर से हटाने से बचाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.
Bharat Matrimony के फाउंडर ने बताया काला दिन
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि भारत में प्लेटस्टोर से मैट्रिमोनी डॉट कॉम डेटिंग भारत मैट्रिमोनी (Bharat Matrimony), क्रिश्चियन मैट्रिमोनी (Christian Matrimony), मुस्लिम मैट्रिमोनी (Muslim Matrimony) और जोड़ी (Jodii) ऐप को शुक्रवार को डिलीट कर दिया गया. Bharat Matrimony के फाउंडर मुरुगवेल जानकीरामन (Murugavel Janakiraman) ने गूगल के इस कदम को भारतीय इंटरनेट का काला दिन बताया. उन्होंने कहा कि हमारे ऐप्स एक-एक करके डिलीट हो रहे हैं. अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc) की यूनिट ने भारतीय कंपनी Matrimony.com को प्ले स्टोर की पॉलिसीज का उल्लंघन करने के मामले में नोटिस भेजा हैं. Matrimony.com देश में BharatMatrimony ऐप चलाती हैं. इसी तरह की ऐप जीवनसाथी (Jeevansathi) को इंफो एज (Info Edge) चलाती है. अधिकारियों के हवाल से रॉयटर्स ने बताया कि ये दोनों ही कंपनियां गूगल की ओर से भेजे गए नोटिस की समीक्षा कर रही हैं और जल्द ही अगले कदमों पर फैसला करेंगी.
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क्यों हुई कार्रवाई
गूगल ने प्लेस्टोर इस्तेमाल करने पॉलिसी में बदलाव करते हुए सर्विस चार्ज 11 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी कर दी है. ऐसे में सर्विस चार्ज न देने पर गूगल ने स्टार्टअप कंपनियों पर एक्शन लेने का फैसला किया. इससे पहले देश के एंटीट्रस्ट अथॉरिटीज (CCI) ने पुरानी सिस्टम को खत्म करने का आदेश दिया था. गूगल ने जनवरी और फरवरी में दो अदालती फैसलों के बाद शुल्क जमा न मिलने पर ऐप्स हटाने की कार्रवाई करनी पड़ी.
इससे पहले गूगल ने बताया था कि कई जानी-मानी फर्मों सहित कई कंपनियां उसके ‘बिलिंग’ मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं. ये कंपनियां बिक्री पर लागू प्ले स्टोर सेवा शुल्क का भुगतान नहीं कर रही हैं. इसके साथ ही गूगल ने चेतावनी दी कि वह गूगल प्ले पर ऐसे गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाने में संकोच नहीं करेगा.
कंपनी ने कहा कि नीतियों को लागू करने के लिए जरूरी कार्यवाही की जाएगी. कुछ प्रमुख भारतीय स्टार्टअप के गूगल प्ले की ‘बिलिंग’ नीति पर आपत्ति जताने और हाल में पेश हुए स्वदेश ऐप स्टोर - 'इंडस ऐपस्टोर' की पृष्ठभूमि में गूगल ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि ज्यादातर डेवलपर अपना उचित हिस्सा दे रहे हैं, और एक छोटा समूह अलग व्यवहार कर रहा है. ऐसे में अन्य सभी ऐप और गेम को प्रतिस्पर्धी नुकसान हो रहा है.
गूगल ने कहा कि इन डेवलपर को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय दिया गया. इसमें उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिया गया तीन सप्ताह का समय भी शामिल है. गूगल ने कहा कि इसके बाद अब वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है, कि उसकी नीतियां सभी पर समान रूप से लागू हों. कंपनी ने कहा कि जरूरी होने पर गूगल प्ले से गैर-अनुपालन वाले ऐप को हटाया जा सकता है.