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UPI Down: फिर फेल हुआ फेवरेट पेमेंट सिस्टम, बड़ी संख्या में यूजर्स परेशान

UPI outage : फेवरेट पेमेंट सिस्टम UPI में फिर से गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही हैं. बड़ी संख्या में लोगों को डिजिटल पेमेंट करने में परेशानी हो रही है. NPCI इस तकनीकी समस्या को ठीक करने में लगी हुई है.

UPI outage : फेवरेट पेमेंट सिस्टम UPI में फिर से गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही हैं. बड़ी संख्या में लोगों को डिजिटल पेमेंट करने में परेशानी हो रही है. NPCI इस तकनीकी समस्या को ठीक करने में लगी हुई है.

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FE Hindi Desk
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Downdetector प्लेटफार्म में बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं. (Image: IE File)

UPI Down: सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले पेमेंट सिस्टम यूपीआई (Unified Payments Interface) में एक बार फिर गड़बड़ी की खबरें सामने आई हैं. गूगल पे और फोनपे जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप्स पर लोगों को पेमेंट करने में काफी परेशानी हो रही है. बड़ी संख्या में यूजर्स ने शिकायत की है कि उनका पेमेंट फेल हो रहा है.

ट्रैकिंग वेबसाइट डाउनडिटेक्टर (Downdetector) की रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर तक 2,100 से ज्यादा लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है. इनमें से करीब 80% मामलों में पेमेंट फेल होने की बात सामने आई है. NPCI ने इस असुविधा पर खेद जताया है और कहा है कि तकनीकी समस्या को ठीक करने का काम जारी है. सोशल मीडिया पर भी यूजर्स "पेमेंट फेल" की नोटिफिकेशन के स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करने में हो रही है.

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गड़बड़ी ठीक करने में जुटी NCPI, असुविधा के लिए जताया अफसोस

NPCI को इस समय तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से कुछ यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो रहे हैं. हम इस समस्या को ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं और आपको अपडेट देते रहेंगे. हमें हुई असुविधा के लिए खेद है.

पहले भी UPI सेवाएं हो चुकी है प्रभावित 

इससे पहले भी मार्च और अप्रैल की शुरुआत में यूपीआई सेवाएं दो बार ठप हो चुकी हैं, जिससे देशभर में यूपीआई यूजर्स को भारी दिक्कतें हुई थी. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पिछले महीने 26 मार्च की गड़बड़ी को इंटरमिटेंट टेक्निकल इश्यू बताया था और कहा था कि सिस्टम को जल्द बहाल कर लिया गया है. हालांकि, इसके कुछ दिन बाद ही 2 अप्रैल को फिर सैकड़ों यूजर्स ने डाउनडिटेक्टर प्लेटफार्म पर शिकायत की, जिनमें से 50 फीसदी फंड ट्रांसफर और 44 फीसदी पेमेंट फेलियर से जुड़ी थीं.

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इस तकनीकी बाधा का असर गूगल पे, फोनपे, पेटीएम और कई बैंकों की मोबाइल बैंकिंग सेवाओं पर भी पड़ा. एसबीआई और गूगल पे के खिलाफ भी काफी शिकायतें दर्ज हुईं. कई यूजर्स ने शिकायत की कि वे दुकानों और कैश काउंटर्स पर पेमेंट नहीं कर सके और असहज स्थिति में पड़ गए.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक 2019 के अंत में जहां यूपीआई का कुल पेमेंट में हिस्सा सिर्फ 34 फीसदी था, वहीं 2024 के अंत तक यह बढ़कर 83 फीसदी हो गया है. दूसरी ओर, RTGS, NEFT, IMPS, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसे अन्य पेमेंट माध्यमों की हिस्सेदारी घटकर 17% रह गई है. तेजी से डिजिटल होते भारत में यूपीआई की यह निर्भरता अगर तकनीकी रूप से मजबूत नहीं रही, तो आम जनता को बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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