/financial-express-hindi/media/media_files/2025/07/28/paytm-phonepe-gpay-and-more-upi-user-2025-07-28-16-20-01.jpg)
1 अगस्त से UPI सिस्टम में बड़ा बदलाव, जानें Paytm, GPay Phonepe और अन्य यूजर्स पर क्या पड़ेगा असर Photograph: (AI Image)
How New UPI Rules from August 1 Will Affect Your Daily Transactions: अगर आप भी रोजाना UPI के ज़रिए पेमेंट करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. 1 अगस्त 2025 से UPI ट्रांजैक्शन से जुड़े कई नए नियम लागू हो रहे हैं, जिन्हें NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने जारी किया है. इन बदलावों का मकसद ट्रांजैक्शन की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना और सिस्टम पर लोड कम करना है.
नए निर्देशों में बैलेंस चेक की लिमिट, ऑटो-डेबिट के टाइम स्लॉट और बैंक अकाउंट एक्सेस के नियम शामिल हैं. अगर इन नियमों का पालन नहीं हुआ, तो UPI API पर बैन, पेनल्टी और नए यूजर्स की ऑनबोर्डिंग पर रोक जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है.
Also read : Redmi Note 14 SE 5G लॉन्च, नए फोन में क्या है खास और कब से शुरू होगी सेल
दिन में सिर्फ 50 बार कर सकेंगे बैलेंस चेक
अब UPI यूजर्स एक ऐप के ज़रिए दिनभर में अधिकतम 50 बैलेंस इन्क्वायरी कर सकेंगे (24 घंटे की रोलिंग विंडो के तहत).
- ये रिक्वेस्ट सिर्फ यूजर द्वारा मैन्युअली की जानी चाहिए, ऐप या सिस्टम ऑटोमेटिकली नहीं कर पाएगा.
- ट्रांजैक्शन के बाद बैंक को हर बार उपलब्ध बैलेंस दिखाना होगा.
बैंक अकाउंट लिस्ट एक्सेस पर ब्रेक
UPI ऐप में बैंक अकाउंट की लिस्ट देखने के लिए इस्तेमाल होने वाले List Account API की लिमिट अब 25 बार प्रति यूजर प्रति ऐप प्रति दिन होगी.
- यह तभी किया जा सकेगा जब यूजर खुद बैंक सेलेक्ट करे.
- फेल रिक्वेस्ट के दोहराव पर यूजर की सहमति जरूरी होगी.
ऑटो डेबिट और Autopay Mandate के लिए तय हुआ टाइम स्लॉट
अब किसी भी Autopay Mandate को 1 बार इनिशिएट किया जा सकता है और 3 बार री-ट्राई की अनुमति होगी यानी कुल 4 प्रयास.
- ऑटो डेबिट की कोशिश सिर्फ नॉन-पीक आवर्स (गैर-भीड़भाड़ वाले समय) में ही की जा सकेगी.
- पीक ऑवर्स को NPCI ने सुबह 10:00 से 13:00 और शाम 17:00 से 21:30 तक बताया है.
इन नियमों की अनदेखी पर होगी कार्रवाई
NPCI ने सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को 31 जुलाई 2025 तक इन नियमों को लागू करने का निर्देश दिया है.
- नियमों की अनदेखी करने पर API एक्सेस रोकने, पेनल्टी लगाने या नए यूजर्स को जोड़ने पर पाबंदी जैसी कार्रवाई की जा सकती है.
ये बदलाव क्यों?
हर महीने करीब 1600 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में लेन-देन के कारण UPI सिस्टम पर ज़बरदस्त दबाव पड़ रहा है. अप्रैल और मई 2025 में, देशभर के कई यूजर्स को बार-बार सर्विस रुकने या फेल होने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. NPCI के मुताबिक, इन परेशानियों की सबसे बड़ी वजह है - बार-बार एक ही रिक्वेस्ट भेजना, जैसे बार-बार बैलेंस चेक करना, एक ही ट्रांजैक्शन का स्टेटस कई बार रिफ्रेश करना. ऐसे दोहराए गए एक्शन UPI सिस्टम पर अनावश्यक लोड डालते हैं. इसी वजह से NPCI ने अब कड़े नियम बनाकर इन्हें सीमित करने का फैसला लिया है, ताकि सर्विस स्मूद और तेज बनी रहे.