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बारिश से सड़कें हैं पानी पानी, अपनाएं ये 5 टिप्स, आपकी कार रहेगी सेफ

भारत में मानसून की एंट्री होने पर भारी बारीश के कारण सड़कों पर जलजमाव आम बात है. ऐसी स्थिति में खुद को और अपनी गाड़ी को कैसे सुरक्षित बचा सकते हैं, उसके यहां 5 तरीके सुझाए गए हैं.

भारत में मानसून की एंट्री होने पर भारी बारीश के कारण सड़कों पर जलजमाव आम बात है. ऐसी स्थिति में खुद को और अपनी गाड़ी को कैसे सुरक्षित बचा सकते हैं, उसके यहां 5 तरीके सुझाए गए हैं.

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FE Hindi Desk
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tips for safe driving in Flood

प्री-मानसून की बारिश से दिल्ली की सड़कें हुई जलमग्न (Image: FE File)

Tips for Driving Safely through Floods: करीब 3 महीने की भीषण गर्मी के बाद प्री-मानसून की बारिश ने पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में लोगों को काफी राहत दी है. हालांकि, बारिश के चलते नई चुनौतियां सामने आईं हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो रोजमर्रा के कामकाज जैसे दफ्तर, घरेलू जरूरत की चीजों की खरीदारी, मेडिकल चेकअप और अन्य के लिए अपने घरों से बाहर निकलते हैं. देश के मेट्रो और टियर-1 जैसे प्रमुख शहरों में की सड़कों पर जलभराव के कारण यात्रियों और चालकों को परेशानियां हो रही हैं. बारिश के दौरान वाहनों के स्लीप करने से लेकर और भी दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही अंजान सड़क पर जलजमाव होने से गड्ढे और स्पीड ब्रेकर के बारे में नहीं पता चल रहा है. ऐसी स्थिति में खुद को और अपनी गाड़ी को कैसे बचा सकते हैं, सेफ ड्राइविंग के लिए यहां 5 तरीके सुझाए गए हैं.

सड़क पर जलजमाव अधिक हो तो उससे बचें  

सामान्यत: उन सड़कों पर ड्राइविंग से बचना चाहिए जहां पानी का लेवल कार के सबसे निचले हिस्से यानी फ्रंट बम्पर या गाड़ी की डोर के निचले हिस्से से उपर हो. ज्यादातर कारें सड़क पर अधिक ऊंचाई तक जलजमाव होने की स्थिति में नहीं चल सकती हैं और में उसके एग्जास्ट को बंद कर सकती है और रेडिएटर के माध्यम से पानी इंजन तक पहुंच सकता है. भारी बारिश के बाद अंडरपास की ओर से गुजरने से बचना चाहिए दरअसल ऐसी सड़कों पर पानी का जमाव लंबे समय तक रहता है.

धीरे-धीरे और समान स्‍पीड से गाड़ी चलाएं

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अगर आप सड़क पर भारी और लंबी दूरी तक जलजमाव वाले हिस्से से गुजर रहे हैं, तो इस दौरान आपको अपनी गाड़ी की स्पीड धीरे-धीरे स्लो कर लेनी चाहिए और पानी के बीच में रुकने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पानी के गाड़ी के भीतर एंट्री करने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में ज्यादा तेजी से एक्सीलरेट या ब्रेक लगाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे कार बंद हो सकती है. हमेशा निचले गियर में ड्राइव करें, यानी पहली या दूसरी गियर में चलना चाहिए. 

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अगर इंजन बंद हो जाए तो रिस्टार्ट करने से बचना चाहिए

अगर दुर्भाग्यवश आप पानी के बीच में फंस जाएं और इंजन बंद हो जाए, तो ऐसी स्थिति में ड्राइवर को अपना कॉन्फिडेंस लूज नहीं करना चाहिए और न ही इंजन को रिस्टार्ट करना चाहिए. रिस्टार्ट करने पर पानी के कारण कनेक्टिंग रॉड्स (connecting rods) पर अधिक प्रेसर पड़ता है और ऐसे में ये आसानी से टूट भी सकता हैं. इसके अलावा अगर बारिश का पानी इनटेक या एमीशन के जरिए मोटर तक पहुंच जाता है, तो यह इंजन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और इसकी मरम्मत में बहुत अधिक खर्च आ सकता है. ऐसी परेशानी आने पर भारी नुकसान से बचने के लिए कार से बाहर निकलें और फिर उसे धकेलकर ऐसे जगह पर जाने की कोशिश करें जहां जलजमाव न हो. जब आपको भरोसा हो जाए कि एग्जास्ट पाइप और गाड़ी के अन्य भीतरी हिस्सों से पानी निकल चुका है, तो कार को रिस्टार्ट करने का विचार कर सकते हैं.

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घबराएं नहीं

कार के भीतरी हिस्सों में क्षमता से बारिश का पानी चल जानें पर उसका दबाव डोर को खोलने से रोक सकता है. अगर डोर फंस जाए, तो ऐसे में घबराए न और संयम रखें. याद रहे ऐसी स्थिती आने पर सबसे पहले विंडो नीचे करें और बाहर निकल जाएं. अगर ऐसा संभव न हो पा रहा है, तो विंडो तोड़ने के लिए कोई नुकीली या भारी चीज का इस्तेमाल करें.

खतरे से बाहर आने पर चेक करें गाड़ी का ब्रेक

जब कार पानी से बाहर आ जाए, तो ब्रेक का इस्तेमाल करें ताकि उनमें से नमी निकल जाए. आपको ब्रेक की जरूरत आए उससे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वे प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं. पानी जमा होने से ब्रेक फेल हो सकते हैं. ऐसे में आपके साथ अनहोनी हो सकती है.

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