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Toll Charges Cut : वाहन चालकों को सरकार ने दी बड़ी राहत, पुलों-सुरंगों वाले नेशनल हाईवे पर अब 50% तक कम देना होगा टोल

सरकार ने पुलों, सुरंगों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कों वाले नेशनल हाईवे पर टोल चार्ज में 50% तक की कटौती की है. इस फैसले से वाहन चालकों की यात्रा लागत में सीधी राहत मिलेगी.

सरकार ने पुलों, सुरंगों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कों वाले नेशनल हाईवे पर टोल चार्ज में 50% तक की कटौती की है. इस फैसले से वाहन चालकों की यात्रा लागत में सीधी राहत मिलेगी.

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FE Hindi Desk
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2008 के टोल नियमों में बदलाव करते हुए टोल शुल्क की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला लागू किया है. (File Photo : Reuters)

Govt reduces toll charges by up to 50 per cent on national highways with bridges, tunnels : लंबी दूरी तय करने वाले मोटर चालकों के लिए राहत भरी खबर है. केंद्र सरकार ने पुलों, सुरंगों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड सड़कों वाले नेशनल हाईवे पर टोल चार्ज में 50% तक की कटौती की है. इस फैसले से वाहन चालकों की यात्रा लागत में सीधी राहत मिलेगी. इससे आम जनता की यात्रा लागत में सीधा असर पड़ेगा और जेब पर बोझ भी घटेगा.

टोल दरों की गणना में बड़ा बदलाव

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2008 के टोल नियमों में बदलाव करते हुए टोल शुल्क की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला लागू किया है. अब से टोल की गणना करते समय संरचना (जैसे पुल, सुरंग, फ्लाईओवर आदि) की लंबाई को राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई में दस गुना जोड़कर, या फिर खंड की कुल लंबाई का पांच गुना, जो भी कम होगा, उस आधार पर शुल्क तय किया जाएगा.

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इससे पहले, हर किलोमीटर संरचना के लिए यूजर को सामान्य टोल का दस गुना भुगतान करना पड़ता था, जिससे यात्रा महंगी हो जाती थी.

उदाहरण से समझिए, अगर नेशनल हाईवे का कोई हिस्सा पूरी तरह से पुल, सुरंग या फ्लाईओवर जैसी संरचनाओं से बना है और उसकी कुल लंबाई 40 किलोमीटर है, तो टोल की गणना दो तरीकों से की जाएगी 

  • संरचना की लंबाई का 10 गुना = 10 × 40 = 400 किलोमीटर
  • पूरे सेक्शन की लंबाई का 5 गुना = 5 × 40 = 200 किलोमीटर

अब सरकार ने ये नियम बनाया है कि इन दोनों में जो छोटा आंकड़ा होगा, उसी के आधार पर टोल वसूला जाएगा. यानी इस उदाहरण में टोल सिर्फ 200 किलोमीटर के लिए लिया जाएगा, न कि 400 किलोमीटर के लिए.

इससे लोगों को 50% कम टोल देना होगा. अभी तक के नियमों के अनुसार, हाईवे पर हर किलोमीटर की संरचना के लिए 10 गुना ज्यादा टोल वसूला जाता है.

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‘संरचना’ का मतलब क्या है?

सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 'संरचना' शब्द का मतलब किसी संपूर्ण राजमार्ग खंड से नहीं, बल्कि किसी स्वतंत्र पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड सड़क जैसे विशेष हिस्से से है. यानी टोल गणना के नए नियम इन अलग-अलग संरचनाओं पर लागू होंगे, न कि पूरे हाईवे पर.

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मोटर चालकों को मिलेगा सीधा लाभ

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कदम उन संरचनाओं के निर्माण में आई ऊंची लागत को ध्यान में रखकर लाया गया था, लेकिन अब इसमें 50% तक की राहत दी गई है. इससे न सिर्फ टोल में कटौती होगी, बल्कि सरकार की मंशा के अनुसार, आम लोगों को बेहतर सड़कों का लाभ सस्ती दरों पर मिलेगा.

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