/financial-express-hindi/media/post_banners/iC2OsuVFZjWZ6h8ehIrq.jpg)
Adani-Hindenburg row : अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग विवाद की जांच अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त जांच कमेटी करेगी. (File Photo)
Adani-Hindenburg row : Supreme Court sets up 6 member probe panel : अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग विवाद की जांच अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त जांच कमेटी करेगी. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ए एम सप्रे की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में कुल 6 सदस्य होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट समेत पूरे मामले की जांच करने को कहा है. अदालत ने कमेटी जांच पूरी करने के लिए दो महीने का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, सेबी (SEBI) और अन्य वैधानिक संस्थानों (financial statutory bodies) को इस जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश भी दिया है. अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि आखिरकार जीत सच्चाई की ही होगी.
नंदन नीलेकनी और केवी कामथ भी होंगे जांच कमेटी के सदस्य
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई जांच कमेटी में जस्टिस ए एम सप्रे के अलावा पूर्व जज जस्टिस जेपी देवदत्त और ओपी भट्ट भी सदस्य बनाए गए हैं. इनके अलावा उद्योग जगत से जुड़े नंदन नीलेकनी, के वी कामथ और वरिष्ठ वकील सोमसेखरन सुंदरेसन को भी जांच कमेटी में रखा गया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जेबी परदीवाला की बेंच ने जांच कमेटी बनाने का आदेश सुनाते हुए कहा कि यह पैनल पूरे हालात का मूल्यांकन करेगा. इसके साथ ही निवेशकों को ज्यादा जागरूक बनाने और शेयर बाजार के मौजूदा रेगुलेटरी सिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए जरूरी सुझाव भी देगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा सेबी चेयरपर्सन और फाइनेंशियल सेक्टर से जुड़ी अन्य वैधानिक संस्थाओं को जांच पैनल के काम में पूरा सहयोग करने का आदेश भी दिया है.
गौतम अडानी ने फैसले का स्वागत किया
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के जांच कमेटी बनाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इस फैसले पर ट्विटर के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, "अडानी समूह माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है. इससे पूरे मामले में समयबद्ध तरीके से स्थिति साफ हो जाएगी. सच्चाई की जीत होगी."
The Adani Group welcomes the order of the Hon'ble Supreme Court. It will bring finality in a time bound manner. Truth will prevail.
— Gautam Adani (@gautam_adani) March 2, 2023
कोर्ट ने केंद्र का सीलबंद लिफाफा लेने से किया था इनकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 17 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. तब अदालत ने जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाने के बारे में केंद्र के उन सुझावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जो सरकार सीलबंद लिफाफे में देना चाहती थी. सुप्रीम कोर्ट के पास अब तक इस मामले में 4 जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. ये याचिकाएं वकील एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और मुकेश कुमार की तरफ से दायर की गई हैं.
Also Read : FD फिर बना फायदेमंद, रियल रेट ऑफ रिटर्न हुआ पॉजिटिव, लंबे समय बाद महंगाई को मिली मात
हिंडनबर्ग रिपोर्ट को खारिज कर चुका है अडानी ग्रुप
24 जनवरी 2023 को अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमतों को गलत ढंग से प्रभावित करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. जिसके बाद से ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. अडानी ग्रुप इन तमाम आरोपों को भारत पर हमला बताते हुए खारिज कर चुका है. अडानी समूह का दावा है कि उसने अपने कारोबार में सभी कानूनी प्रावधानों और डिसक्लोजर नॉर्म्स का पालन किया है. लेकिन कांग्रेस समेत देश के प्रमुख विपक्षी दल इस मामले पर अडानी ग्रुप के साथ ही साथ मोदी सरकार को भी घेरने में लगे हुए हैं. कांग्रेस के नेता इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उंगली उठा रहे हैं और मोदी सरकार पर अडानी समूह को गलत ढंग से फायदा पहुंचाने के आरोप भी लगा रहे हैं.