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BSE Stock Crash : सेबी के एक्शन से 19% तक टूटा बीएसई का स्टॉक, लिस्टिंग के बाद सबसे बड़ी गिरावट, ये है पूरा मामला

SEBI Action on BSE : मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से बीएसई को ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को नोशनल वैल्यू के आधार पर गणना करते हुए एनुअल ट्रेड शुल्क पर रेगुलेटरी शुल्क देने के कहा है. जिसके बाद स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है

SEBI Action on BSE : मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से बीएसई को ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को नोशनल वैल्यू के आधार पर गणना करते हुए एनुअल ट्रेड शुल्क पर रेगुलेटरी शुल्क देने के कहा है. जिसके बाद स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है

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Sushil Tripathi
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Why BSE stock seen big fall

Regulatory Fees : सेबी ने कहा है कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत के बाद से ही बीएसई सालाना टर्नओवर पर रेगुलेटरी फीस का भुगतान कर रही है

BSE Share Price Today : बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के शेयरों में आज भारी गिरावट (BSE Stock Crash Today) देखने को मिल रही है. आज इंट्राडे में स्टॉक करीब 19 फीसदी की जबरदस्त गिरावट के साथ 2612 रुपए के लेवल पर पहुंच गया. यह गिरावट मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की ओर से रेगुलेटरी फीस को लेकर एक्शन के चलते आया है. बता दें कि साल 2017 में लिस्ट होने के बाद से बीएसई के स्टॉक में कभी एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट नहीं आई थी. 

असल में मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से बीएसई को ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को नोशनल वैल्यू के आधार पर गणना करते हुए एनुअल ट्रेड शुल्क पर रेगुलेटरी शुल्क (Regulatory Fees) देने के कहा (SEBI Action on BSE) है. जिसके बाद स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है. इससे पहले बीएसई अपना एनुअल टर्नओवर का कैलकुलेशन प्रीमियम वैल्यू का ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर करती थी.

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अपने लेटर में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कहा है कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत के बाद से ही बीएसई सालाना टर्नओवर पर रेगुलेटरी फीस का भुगतान कर रही है, जो कि नोशनल वैल्यू की बजाय ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए प्रीमियम वैल्यू पर है.

165 करोड रुपए करना है भुगतान

सेबी ने बीएसई को डिफरेंशियल फीस के तौर पर करीब 165 करोड रुपए भुगतान करने को कहा है. इसमें से 69 करोड रुपए फाइनेंशियल ईयर 2007 से फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए है. वहीं फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए करीब 96 करोड रुपए है. बीएसई को फाइनेंशियल ईयर खत्म होने के 30 दिन के अंदर रेगुलेटरी फीस भुगतान करना होगा. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया या एमसीएक्स कंपनी को भी करीब 4.43 करोड़ रुपए डिफरेंशियल फीस के तौर पर भरना है.

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बीएसई ने फाइलिंग में क्या कहा

बीएसई ने रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि फिलहाल मार्केट रेगुलेटर के लेटर में किए गए दावे का मूल्यांकन किया जा रहा है. अगर यह सुनिश्चित हो जाता है कि उक्त राशि देय है, तो पिछली अवधि यानी वित्त वर्ष 2006-07 से वित्त वर्ष 2022-23 तक के लिए कुल डिफरेंशियल सेबी रेगुलेटरी फीस 68.64 करोड़ रुपये + GST होगी, जिसमें 30.34 करोड़ रुपये का ब्याज भी शामिल है. 

बीएसई ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के लिए सेबी रेगुलेटरी शुल्क का भुगतान करने की समय सीमा 30 अप्रैल थी. प्रीमियम टर्नओवर के आधार पर कैलकुलेट की गई देय राशि 1.66 करोड़ रुपये और जीएसटी थी, और कंपनी ने पहले ही इस राशि का निपटान कर दिया है. हालांकि, अगर लायबल है, तो साल के लिए सेबी रेगुलेटरी फीस 96.30 करोड़ रुपये प्लस जीएसटी हो सकता है.

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