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Investment : सेंसेक्स के 80000 पहुंचने के बाद इक्विटी से पैसे निकालकर सोना खरीदें? या फिक्स्ड इनकम में लगाएं पैसा

Asset Allocation Strategy : स्मार्ट इन्वेस्टर्स वही होता है जो समय समय पर पोर्टफोलियो का आकलन करे. बाजार के मूड के हिसाब से अलग अलग एसेट क्लास के जरिए पोर्टफोलियो बैलेंस करे. ताकि पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफिकेशन मिले और बेहतर रिटर्न हासिल हो.

Asset Allocation Strategy : स्मार्ट इन्वेस्टर्स वही होता है जो समय समय पर पोर्टफोलियो का आकलन करे. बाजार के मूड के हिसाब से अलग अलग एसेट क्लास के जरिए पोर्टफोलियो बैलेंस करे. ताकि पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफिकेशन मिले और बेहतर रिटर्न हासिल हो.

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Sushil Tripathi
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Equity vs Debt vs Gold, where should you invest

Investment : मौजूदा समय में इक्विटी, डेट या फिक्स्ड इनकम और गोल्ड में पोर्टफोलियो को बैलेंस कर सकते हैं, ताकि नुकसान न हो. (Pixabay)

Multi Asset Allocation : अगर आप इक्विटी मार्केट में निवेश करते हैं तो क्या आपने सेंसेक्स के 80000 और निफ्टी के 24000 पहुंचने के बाद अपने पोर्टफोलियो को आकलन किया. इक्विटी मार्केट अपने पीक पर है और लंबे समय से इसमें अच्छा रिटर्न मिल रहा है. ऐसे में क्या आपने देखा कि आपका इक्विटी पोर्टफोलियो अब महंगा दिख रहा है या इसे ऐसे ही जारी रहने दें. अगर नहीं तो अभी आपको अपने पोर्टफोलियो का आकलन कर नए सिरे से एसेट ओकेशन पर ध्यान देना चाहिए. मौजूदा समय में इक्विटी, डेट या फिक्स्ड इनकम और गोल्ड में अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस कर सकते हैं, ताकि कोई नुकसान न हो. ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्योरिटीज ने मौजूदा समय में मल्टी एसेट अलोकेशन को लेकर अपनी एक रिपोर्ट दी है.

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स्मार्ट इन्वेस्टर्स वही होता है जो समय समय पर अपने पोर्टफोलियो का आकलन करे. बाजार के मूड और माहौल के हिसाब से अलग अलग एसेट क्लास के जरिए पोर्टफोलियो बैलेंस करे. ताकि आपके पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफिकेशन मिले और रिस्क को मैनेजर करते हुए बेहतर रिटर्न हासिल हो सके. किस मार्केट साइकिल में आपको कितना पैसा कहां मसलन इक्विटी, गोल्ड, बांड या ऐसे दूसरे एसेट एसेट क्लास में होना चाहिए, इसका अपना खास महत्व है.हालांकि ये सब अपने रिस्क लेने की क्षमता और टाइम हॉरिजॉन को भी ध्यान में रखकर करना चाहिए. 

अभी किस एसेट पर क्या है व्यू

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Debt: न्यूट्रल

Gold: न्यूट्रल

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रिस्क प्रोफाइल के आधार पर एलोकेशन (%)

इक्विटी

बिल्कुल भी रिस्क न लेने वाले : 0%
कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर्स : 20%
बैलेंस्ड इन्वेस्टर्स : 50%
ग्रोथ इन्वेस्टर्स : 70%
एग्रेसिव इन्वेस्टर्स : 90%

डेट

बिल्कुल भी रिस्क न लेने वाले : 70%
कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर्स : 70%
बैलेंस्ड इन्वेस्टर्स : 35%
ग्रोथ इन्वेस्टर्स : 15%
एग्रेसिव इन्वेस्टर्स : 5%

गोल्ड

बिल्कुल भी रिस्क न लेने वाले : 30%
कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर्स : 10%
बैलेंस्ड इन्वेस्टर्स : 15%
ग्रोथ इन्वेस्टर्स : 15%
एग्रेसिव इन्वेस्टर्स : 5%

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FY25 की अच्‍छी शुरूआत, लेकिन...... 

ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्‍योरिटीज का मानना ​​​​है कि बाजार में हालिया तेजी के साथ, ज्‍यादातर नैरेटिव आलरेडी प्राइस्‍ड हैं. बाजार के फंडामेंटल के साथ एडज्‍स्‍ट होने की संभावना है. उस संबंध में, स्‍टाइल और सेक्टर रोटेशन अल्फा जेनरेशन में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे. निकट भविष्य में बाजार के फंडामेंटल कुछ फैक्‍टर से ड्राइव होंगे. 1) मैक्रइकोनॉमिक डेवलपमेंट; 2) प्री बजट मिलने वाले कुछ संकेत; 3) Q1FY25 अर्निंग; 4) मानसून की प्रगति; 5) बॉन्ड यील्ड का डायरेक्‍शन; 5) ऑयल प्राइस, और 6) फंड फ्लो. 

लार्जकैप में मार्जिन ऑफ सेफ्टी ज्यादा

इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप में खासी तेजी आई है और अभी की बात करें तो लार्जकैप की तुलना मिडकैप और स्‍मॉलकैप में मार्जिन ऑफ सेफ्टी घटी है. इसे ध्यान में रखते हुए, ब्रॉडर मार्केट में निकट अवधि में कुछ सेक्‍टर में कुछ समय के लिए करेक्‍शन देखा जा सकता है और फ्लो लार्जकैप की ओर ट्रांसफर होने की संभावना है. 

इसके आधार पर, हमारा मानना ​​​​है कि निफ्टी 50 निकट अवधि में एक नई ऊंचाई देख सकता है. ब्रोकरेज ने मार्च 2025 तक निफ्टी का टारगेट 24,600 पर बनाए रखा है. इसलिए निवेशकों को बाजार में बने रहने की सलाह है और फेजवाइज किसी भी गिरावट का उपयोग करने के लिए अच्छी तरलता (10%) बनाए रखें और 12 से 18 महीने के लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखकर हाई क्‍वालिटी वाली कंपनियों (जहां अर्निंग विजिबिलिटी काफी अधिक है) में पोजिशन बनाएं.

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यूनियन बजट पर बाजार की नजरें

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि वोट-ऑफ-अकाउंट-बजट "विकसित भारत" का नैरेटिव सेट करता है. हमारा मानना ​​है कि बजट ने आने वाले सालों में आर्थिक विकास के लिए सक्रिय रूप से दिशा तय की है. यह पिछले दशक में देखे गए परिवर्तन के समान परिवर्तन के बाद, 2047 तक "विकित भारत" की कल्पना करता है. वित्त वर्ष 2025 के लिए मार्केट बॉरोइंग 11.75 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है और बांड मार्केट ने इस बजट के आंकड़े पर पॉजिटिव रिएक्शन दिया है. 

इंटरिम बजट से मुख्य बातें: 1) रीजनेबल फिस्कल मैथ; 2) इंफ्रास्ट्रक्चर पर महत्वपूर्ण पॉजिटिव आउटलुक; 3) पीएम आवास योजना के लिए बढ़ा हुआ आवंटन; 4) रूफटॉप सोलराइजेशन (सूर्योदय योजना), और 5) नैनो डीएपी और एक्वाकल्चर प्रोडक्शन को बढ़ावा. बाजार की नजर अब आगामी केंद्रीय बजट पर है जो 23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगा.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश या बिकवाली की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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