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इस वित्त वर्ष में अभी तक एफपीआई ने 96,340 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
FPIs Reverse Selling Trend: विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने नवंबर में भारतीय शेयरों में 378 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. इसका मुख्य कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट है. आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये मूल्य की भारतीय इक्विटी की बिकवाली की थी. इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक पिछले छह महीनों में लगातार भारतीय शेयर खरीद रहे थे. इस अवधि में 1.74 लाख करोड़ रुपये की खरीद हुई. कुल मिलाकर 2023 के लिए संचयी रुझान अच्छा बना हुआ है.
क्या कहते हैं जानकार
इस वित्त वर्ष में अभी तक एफपीआई ने 96,340 करोड़ रुपये का निवेश किया है. आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने 24 नवंबर तक भारतीय शेयरों में 378.2 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. विदेशी निवेशक इस महीने चार दिन लिवाल रहे और शुक्रवार को 2,625 करोड़ रुपये की बड़ी खरीदारी की.
यस सिक्योरिटीज इंडिया में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज रिसर्च के रणनीतिकार हितेश जैन ने कहा- ‘हमारा मानना है कि आने वाले समय में ईएम (उभरते बाजारों) में जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार और अमेरिका में रिस्क-फ्री यील्ड में गिरावट से एफपीआई भारत की ओर आकर्षित होंगे.’
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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा- ’अक्टूबर के मध्य में अमेरिका में महंगाई दर में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है. नतीजतन अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेजी से गिरावट आई है और 10 साल की बॉन्ड यील्ड अक्टूबर मध्य में पांच फीसदी से घटकर अब 4.40 फीसदी हो गई.’
मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के सह निदेशक एवं शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा- ‘अनिश्चित वैश्विक कारक भारत के शेयर बाजारों में विदेशी निवेश की दिशा तय कर रहे हैं.’
FPI ने सितंबर में शुरू किया था बिकवाली की सिलसिला
सितंबर में एफपीआई ने बिकवाली की सिलसिला शुरू किया था. इसके पीछे अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता, बॉन्ड यील्ड में तेजी, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और इजराइल-हमास संघर्ष से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की अहम भूमिका रही थी. इस साल अब तक अक्टूबर में घरेलू इक्विटी बाजार में एफपीआई का कुल निवेश 6,381 करोड़ रुपये और डेट मार्केट में 12,400 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.