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डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार को लेकर उनका उत्साह बना हुआ है. इस अवधि में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 17,120 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 24,700 करोड़ रुपये निकाले हैं. वहीं दूसरी ओर डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों का उत्साह बना हुआ है. इस अवधि में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 17,120 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
विदेशी निवेशकों ने इस महीने बेचे 24,734 करोड़ के शेयर
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस महीने 25 जनवरी तक भारतीय शेयरों से शुद्ध रूप से 24,734 करोड़ रुपये निकाले हैं. इससे पहले पूरे दिसंबर में एफपीआई ने 66,134 करोड़ रुपये और नवंबर में 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था.
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दिसंबर में बॉन्ड बाजार में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. कुल मिलाकर, 2023 में एफपीआई ने शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 68,663 करोड़ रुपये डाले थे. इस तरह पूंजी बाजार में उनका कुल निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में बढ़ता बॉन्ड यील्ड चिंता का विषय है और इसकी वजह से हाल के दिनों में एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब 10 साल के बॉन्ड यील्ड फिर 4.18 फीसदी पर आ गया है. इससे संकेत मिलता है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती 2024 की दूसरी छमाही में ही होगी.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई ने नए साल की शुरुआत सतर्क रुख के साथ की और ऊंचे मूल्यांकन की वजह से भारतीय बाजार में मुनाफा काटा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ब्याज दर परिदृश्य पर अनिश्चितता की वजह से भी वे किनारे पर हैं और भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश के संबंध में कोई निर्णय लेने से पहले और संकेतकों का इंतजार कर रहे हैं.
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