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FPI Outflow: विदेशी निवेशकों ने 17 मई तक बेचे 28,200 करोड़ के शेयर, बॉन्ड बाजार में डाले 178 करोड़

विदेशी निवेशकों ने इस महीने 17 मई तक शेयरों से शुद्ध रूप से 28,242 करोड़ रुपये निकाले हैं. शेयर के अलावा एफपीआई ने इस दौरान बॉन्ड बाजार में 178 करोड़ रुपये डाले.

विदेशी निवेशकों ने इस महीने 17 मई तक शेयरों से शुद्ध रूप से 28,242 करोड़ रुपये निकाले हैं. शेयर के अलावा एफपीआई ने इस दौरान बॉन्ड बाजार में 178 करोड़ रुपये डाले.

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FE Hindi Desk
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FPI Inflow

इससे पहले अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने शेयरों से शुद्ध रूप से 8,700 करोड़ रुपये निकाले थे. (Image : FE)

FPIs withdraw Rs 28200 crore from Indian equities on poll jitters, attractive Chinese market valuations: आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और चीन के बाजारों में आकर्षक वैल्यूएशन के चलते विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजार से 28,200 करोड़ रुपये की निकासी की है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने इस महीने 17 मई तक शेयरों से शुद्ध रूप से 28,242 करोड़ रुपये निकाले हैं. शेयर के अलावा एफपीआई ने इस दौरान बॉन्ड बाजार में 178 करोड़ रुपये डाले.

इससे पहले मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड याल्ड बढ़ने की चिंता के बीच अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने शेयरों से शुद्ध रूप से 8,700 करोड़ रुपये निकाले थे. इस साल मार्च के दौरान शेयरों में एफपीआई ने 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये डाले थे. जनवरी 2024 के दौरान विदेशी निवेशकों ने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. कुल मिलाकर इस साल में अबतक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 26,000 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं.

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मई में अबतक FPI ने बॉन्ड बाजार में डाले 178 करोड़

शेयर के अलावा इस महीने 17 मई तक विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार में 178 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले एफपीआई ने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इस दौरान एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 45,000 करोड़ रुपये डाले हैं.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

आने वाले दिनों में चुनाव नतीजों के बाद एफपीआई के इक्विटी प्रवाह में नाटकीय बदलाव देखने को मिल सकता है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का मानना है कि राजनीतिक स्थिरता की स्थिति में भारतीय बाजार में भारी निवेश आएगा. 

मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एफपीआई की बिकवाली की मुख्य दो वजह हैं. पहली चुनावी नतीजों को लेकर अनिश्चितता है. एफपीआई आमतौर पर अनिश्चितता की स्थिति में सुरक्षित विकल्प अपनाते हैं. इसके अलावा बाजार हैसियत काफी ऊंचा है जिसकी वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं.

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