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FPI: भारत पाक टेंशन के बीच विदेशी निवेशकों ने मई में अबतक खरीदे 14167 करोड़ के शेयर, बॉन्ड बाजार में दिखा मिला-जुला रुख

इस महीने 9 मई तक विदेशी निवेशकों ने 14,167 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे 2025 में उनकी कुल निकासी अब घटकर 98,184 करोड़ रुपये रह गई है. यानी, भारी बिकवाली के बाद घरेलू बाजार पर FPI का भरोसा लौटता नजर आ रहा है.

इस महीने 9 मई तक विदेशी निवेशकों ने 14,167 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे 2025 में उनकी कुल निकासी अब घटकर 98,184 करोड़ रुपये रह गई है. यानी, भारी बिकवाली के बाद घरेलू बाजार पर FPI का भरोसा लौटता नजर आ रहा है.

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FE Hindi Desk
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विदेशी निवेशकों ने इस दौरान डेब्ट जनरल लिमिट के माध्यम से 3,725 करोड़ रुपये निकाल लिए, लेकिन डेब्ट वॉलंटरी रिटेंशन रूट के जरिए 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया. (Image: FE File)

FPIs continue to invest; inject Rs 14,167 cr in equities in May so far:भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) का भरोसा कायम है और इस महीने अबतक उन्होंने 14,167 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं. पॉजिटिव ग्लोबल ट्रेंड और मजबूत घरेलू बुनियाद के बीच विदेशी निवेशक घरेलू शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं. सबसे अहम बात ये है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के बावजूद एफपीआई भारतीय बाजार में निवेश कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि मई के महीने में विदेशी निवेशकों का ऐसा ही रुख जारी रह सकता है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने इस महीने 9 मई तक 14,167 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर खरीदे हैं. पिछले महीने के आंकड़ों को देखें, तो  इस साल अप्रैल के महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 4,223 करोड़ रुपये डाले थे. उनका ये रुख तीन महीने बाद इस साल पहली बार देखा गया. इससे पहले, विदेशी निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च में शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे.

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अप्रैल के 4,223 करोड़ रुपये और मई में अब तक 14,167 करोड़ रुपये के निवेश ये बताते हैं कि भारतीय शेयर्स पर विदेशी निवेशकों का भरोसा का बरकरार है. इस तरह से 2025 में विदेशी निवेशकों की निकासी घटकर 98,184 करोड़ रुपये रह गई है.

बॉन्ड बाजार के प्रति FPI का कैसा है रुख

दूसरी ओर, बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेशकों का मिला जुला रुख देखने को मिल रहा है. आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने मई में अबतक डेब्ट जनरल लिमिट के माध्यम से 3,725 करोड़ रुपये निकाल लिए, लेकिन डेब्ट वॉलंटरी रिटेंशन रूट के जरिए 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

जियोजीत इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का मानना है कि आगे बढ़ते हुए वृहद वैश्विक कारकों (डॉलर में गिरावट, अमेरिका और चीनी अर्थव्यवस्था में सुस्ती) और घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ऊंची वृद्धि दर, घटती महंगाई दर और ब्याज दरों में कमी की वजह से एफपीआई का भारतीय बााजर के प्रति आकर्षण बना रहेगा. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि बॉन्ड यानी डेट फ्लो बहुत कम रहने की संभावना है.

वीके विजयकुमार ने का मानना है कि ‘हाल के दिनों में एफपीआई निवेश की खासियत यह रही है कि उन्होंने लगातार खरीदारी की है. उन्होंने 8 मई को समाप्त 16 कारोबारी सेशन में 48,533 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं. हालांकि, 9 मई को भारत-पाकिस्तान विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने 3,798 करोड़ रुपये के शेयर बेचे भी थे.

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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अनुकूल वैश्विक रुख और मजबूत घरेलू बुनियाद से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार करार, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, भारतीय रुपये में मजबूती से वैश्विक निवेशकों के समक्ष भारतीय परिसंपत्तियों का आकर्षण बढ़ा है. इसके अलावा भारत की कुछ बड़ी कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों से भी एफपीआई की धारणा में सुधार हुआ है. 

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