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NCLT ने ICICI सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करके उसके शेयरधारकों को ICICI बैंक के शेयर देने पर मुहर लगा दी है. (Express file photo)
ICICI Securities Delisting and ICICI Bank Share Swap approved by NCLT: आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयर्स की डीलिस्टिंग के मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है. NCLT ने अपने फैसले में ICICI सिक्योरिटीज को स्टॉक एक्सचेंज से डीलिस्ट करने और कंपनी के शेयरों के बदले में शेयरहोल्डर्स को ICICI बैंक के शेयर देने की योजना पर मुहर लगा दी है. बुधवार को यह मौखिक आदेश जस्टिस वीरेंद्र सिंह बिष्ट और NCLT के तकनीकी सदस्य प्रभात कुमार की बेंच ने सुनाया. इस फैसले से शेयरधारकों को ICICI सिक्योरिटीज के 100 शेयरों के बदले ICICI बैंक के 67 शेयर दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है.
2023 में घोषित हुई थी डीलिस्टिंग की योजना का एलान
ICICI सिक्योरिटीज ने अपने शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज से डीलिस्ट करने की योजना का एलान जून 2023 में किया था, जिसे कंपनी के बोर्ड और ज्यादातर शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी थी. लेकिन क्वांटम म्यूचुअल फंड और माइनॉरिटी शेयरधारक मनु ऋषि गुप्ता ने कंपनी की इस योजना को चुनौती दे दी थी, जिसके चलते यह मामला कानूनी विवाद में फंसा हुआ था. लेकिन बुधवार को NCLT ने क्वांटम म्यूचुअल फंड और मनु ऋषि गुप्ता द्वारा दायर एतराज को खारिज कर दिया. इस फैसले पर अमल के बाद ICICI सिक्योरिटीज, अपनी पेरेंट कंपनी ICICI बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाएगी. ICICI सिक्योरिटीज के करीब 75% शेयर अभी भी ICICI बैंक के ही पास हैं. इस योजना के तहत, ICICI सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को उनके 100 शेयरों के बदले ICICI बैंक के 67 शेयर दिए जाने का प्रस्ताव है.
माइनॉरिटी शेयरधारकों को क्या था एतराज
ICICI सिक्योरिटीज के 0.002% शेयर रखने वाले माइनॉरिटी शेयरधारक मनु ऋषि गुप्ता और कंपनी में 0.08% हिस्सेदारी रखने वाले क्वांटम म्यूचुअल फंड ने डीलिस्टिंग का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि योजना में शेयर स्वैपिंग के लिए जो अनुपात तय किया गया है, वह माइनॉरिटी शेयरधारकों के लिए हित में नहीं है. लेकिन NCLT ने उनकी सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए योजना को बरकरार रखा. ICICI सिक्योरिटीज के 93.8% शेयरधारक इस योजना को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं.
ICICI सिक्योरिटीज का पक्ष
ICICI सिक्योरिटीज ने डीलिस्टिंग योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं को सभी नियमों और शेयरहोल्डर डेमोक्रेसी (shareholder democracy) के सिद्धांतों के खिलाफ बताया था. कंपनी ने यह भी तर्क दिया था कि याचिकाकर्ताओं का इस मामले में दखल देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है क्योंकि कंपनी अधिनियम की धारा 230(4) के तहत किसी भी योजना के विरोध का अधिकार केवल उन शेयरधारकों को होता है, जिनके पास कम से कम 10% इक्विटी या 5% डेट हो.
ICICI सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को होगा फायदा?
ऐसा कहा जा रहा है कि डीलिस्टिंग के बाद ICICI सिक्योरिटीज के शेयरधारक शेयर स्वैप से फायदे में ही रहेंगे, क्योंकि उन्हें ICICI बैंक के शेयर मिलेंगे, जो लिक्विडिटी और प्राइस डिस्कवरी के लिहाज से बेहतर हैं. ICICI बैंक के कारोबार को भी ICICI सिक्योरिटीज के ब्रोकरिंग के उतार-चढ़ाव भरे बिजनेस की तुलना में अधिक स्थिर और फायदेमंद बताया जा रहा है. हालांकि बुधवार को एनएसई पर ICICI सिक्योरिटीज के शेयर 63.75 रुपये यानी 7.52% की भारी गिरावट के साथ 784.50 रुपये पर बंद हुए. वहीं, ICICI बैंक के शेयर भी 0.32 % गिरकर 1176.65 रुपये पर बंद हुए.