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Quant ELSS Tax Saver Fund में निवेश बेहतर रिटर्न के साथ ही टैक्स बेनिफिट भी देता है. (Image : Pixabay/Indian Express)
Income Tax Saving Investment : Quant ELSS Tax Saver Fund : अगर आप नियमित बचत और लंबी अवधि के निवेश में विश्वास रखते हैं, तो म्यूचुअल फंड्स आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. खासकर टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड, जो आपको न सिर्फ अच्छा रिटर्न देता है बल्कि टैक्स में छूट भी दिलाते हैं. ऐसा ही एक टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट ऑप्शन है क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड (Quant ELSS Tax Saver Fund). इस फंड के शानदार रिटर्न का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अगर किसी ने लॉन्च के समय 25 हजार रुपये का मामूली निवेश किया होगा और साथ ही हर महीने इस स्कीम में सिर्फ 2500 रुपये डाले होंगे, तो उसके पास अब तक 1 करोड़ रुपये जमा हो चुके होंगे. इस स्कीम में निवेश पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट को आप चाहें तो मोटे मुनाफे के साथ मिलने वाले ‘बोनस’ मान सकते हैं.
Quant ELSS टैक्स सेवर फंड की क्या है खासियत?
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड (Quant ELSS Tax Saver Fund) की शुरुआत 1 अप्रैल 2000 को हुई थी, यानी यह फंड अब 24 साल से अधिक पुराना हो चुका है. इस फंड में आप न्यूनतम 500 रुपये के SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं और इसका लॉक-इन पीरियड 3 साल का है. यह एक ओपन एंडेड इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) है, जो कम से कम 80% निवेश इक्विटी शेयर्स में करती है.
2500 की SIP से कैसे जमा हुए 1 करोड़ रुपये
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड (Quant ELSS Tax Saver Fund) में अगर आपने 24 साल पहले एकमुश्त 25,000 रुपये का निवेश किया होता और साथ ही 2500 रुपये की मंथली SIP जारी रखी होती, तो आज यह निवेश 1 करोड़ रुपये से भी अधिक हो चुका होता. इसका कैलकुलेशन आप यहां देख सकते हैं :
- 24 साल पहले एकमुश्त निवेश : 25,000 रुपये
- 24 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न : 16.31%
- 24 साल तक मंथली SIP : 2500 रुपये
- 24 साल में SIP निवेश पर एन्युलाइज्ड रिटर्न : 17.71%
- 24 साल में कुल निवेश (एकमुश्त + SIP) : 7,45,000 रुपये
- 24 साल बाद कुल फंड वैल्यू (एकमुश्त + SIP) : 1,00,88,654 रुपये (करीब 1 करोड़ रुपये)
पोर्टफोलियो और इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड (Quant ELSS Tax Saver Fund) एक इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम है, लिहाजा इसमें कम से कम 80% निवेश इक्विटी शेयर्स में करना जरूरी है. फिलहाल इस स्कीम का 95.02% हिस्सा इक्विटी में और 4.98% कैश और कैश जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में लगा हुआ है. मार्केट कैप के हिसाब से देखें, तो इस फंड के इक्विटी इनवेस्टमेंट का 91.4% हिस्सा लार्ज कैप में, 7.77% मिड कैप में और 0.84% हिस्सा स्मॉल कैप में लगा है. इस फंड की निवेश रणनीति का उद्देश्य कैपिटल ग्रोथ पर फोकस करना है. स्कीम के पोर्टफोलियो से साफ है कि इसका अधिकांश हिस्सा लार्जकैप कंपनियों के शेयरों में लगा है, जिन्हें ज्यादा मजबूत और स्थिर रिटर्न देने वाला माना जाता है.
टैक्स बेनिफिट और जोखिम
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड (Quant ELSS Tax Saver Fund) में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट भी मिलती है. इस सेक्शन के अनुसार एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिल सकती है. साथ ही 3 साल का लॉक इन पीरियड खत्म होने बाद अगर आप अपनी यूनिट्स को बेचते हैं, तो एक वित्त वर्ष के दौरान होने वाले 1.25 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. जबकि इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगता है.
जोखिम का अनुमान लगाने वाले ‘रिस्कोमीटर’ (Riskometer) के हिसाब से AMFI ने इस स्कीम को ‘वेरी हाई’ यानी भारी जोखिम वाली कैटेगरी में रखा गया है. हालांकि लगातार बेहतर रिटर्न और इनवेस्टमेंट की क्वॉलिटी समेत तमाम आधारों पर इसे फाइव स्टार रेटिंग भी मिली हुई है. इस स्कीम का बेंचमार्क निफ्टी 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स (NIFTY 500 TRI) है.
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किनके लिए सही है यह स्कीम
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है, जो वेल्थ क्रिएशन के लिए बाजार में लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट करने को तैयार हैं और साथ ही इनकम टैक्स में भी बचत भी करना चाहते हैं. स्कीम में नियमित रूप से और लंबे समय के लिए निवेश करके आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं. लेकिन मुख्य तौर पर इक्विटी में निवेश करने वाली स्कीम होने की वजह से इसमें निवेश करने वालों को बाजार से जुड़े उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए. इस फंड में टैक्स बेनिफिट की वजह से 3 साल का लॉक-इन पीरियड है, लेकिन इक्विटी फंड में बेहतर रिटर्न के लिए कम से कम 5-7 साल की अवधि के लिए निवेश करना बेहतर माना जाता है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. पिछले रिटर्न के आंकड़े भविष्य में उतने ही रिटर्न की गारंटी नहीं देते. हमारा मकसद किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं, सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)