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NFO: Axis Consumption Fund भारतीय उपभोक्ता बाजार की ग्रोथ स्टोरी पर फोकस करने वाली इक्विटी स्कीम है. (Image : Pixabay)
NFO Review : Axis Consumption Fund : एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) ने एक नई थीम आधारित इक्विटी स्कीम (thematic equity scheme) लॉन्च की है. एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) के नाम से पेश इस न्यू फंड ऑफर (NFO) का फोकस भारत के तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार पर रहेगा. इस नई थीमैटिक इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के NFO में सब्सक्रिप्शन 23 अगस्त 2024 को खुलकर 6 सितंबर 2024 को बंद होगा. एक्सिस कंजम्प्शन फंड को भारत में बढ़ते उपभोग (Consumption) की थीम का लाभ उठाने के लिए डिजाइन किया गया है. खास बात ये है कि इस स्कीम के दायरे में कुल मिलाकर 8 से ज्यादा सेक्टर और 70 बेसिक इंडस्ट्रीज शामिल हैं.
सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की राह पर भारत
एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) का NFO लाते समय इस बात पर काफी जोर दिया गया है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. 2030 तक भारत का उपभोक्ता बाजार 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इसके पीछे भारतीय अर्थव्यवस्था के इन फैक्टर्स का बड़ा योगदान रहेगा:
1. बढ़ती प्रति व्यक्ति आय: आय स्तरों में वृद्धि के साथ, उपभोक्ताओं की परचेजिंग पावर भी बढ़ रही है, जिससे तमाम सेक्टर्स में कंज्यूमर डिमांड में इजाफा हो रहा है.
2. बेहतर डेमोग्राफी : भारत की आबादी में युवा बड़ी संख्या में हैं, जिनमें कामकाजी उम्र के लोगों का बड़ा हिस्सा भी शामिल है. ये युवा आबादी आमतौर पर कंजम्प्शन के ऊंचे स्तर का आधार बनती है.
3. शहरीकरण: बढ़ती शहरी जनसंख्या उपभोग के पैटर्न को बदल रही है, जिससे सिर्फ जरूरत की चीजों के लिए ही नहीं, बल्कि प्रीमियम प्रोडक्ट्स और सेवाओं की मांग में भी काफी इजाफा हो रहा है.
4. डिजिटलाइजेशन: डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से उपभोक्ताओं के लिए वस्तुओं और सेवाओं को खरीदना आसान हो गया है. इससे दूर-दराज की जगहों पर रहने वाले लोगों की कंज्यूमर डिमांड भी बढ़ रही है.
5. क्रेडिट ग्रोथ: UPI, क्रेडिट कार्ड और EMI के रूप में कंज्यूमर्स तक क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ी है, जिससे उनकी खरीदारी की क्षमता बढ़ रही है.
किन सेक्टर्स पर रहेगा ध्यान
एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) की निवेश रणनीति में कंजम्पशन थीम से जुड़े जिन प्रमुख सेक्टर्स में निवेश पर खास जोर दिया जाएगा उनमें FMCG, ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्पोनेंट, प्रीमियम और इलेक्ट्रिक वाहन, कंज्यूमर ड्यूरेबल, प्रीमियम इक्विपमेंट और इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलिकॉम, ई-कॉमर्स, डिजिटल सर्विसेज, हेल्थ केयर और मेडिकल सर्विसेज, रियल एस्टेट और हाउसिंग जैसे उपभोक्ताओं से जुड़े क्षेत्र शामिल हैं. इस स्कीम का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स (Nifty India Consumption Total Return Index) रहेगा.
एक्सिस कंजम्प्शन फंड की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी
एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) की निवेश रणनीति (investment strategy) की बात करें तो यह एक एक्टिव मैनेजमेंट वाली स्कीम होगी. यानी निवेश के फैसले किसी इंडेक्स फंड की तरह पैसिव तरीके से नहीं, बल्कि फंड मैनेजरों द्वारा सक्रिय रूप से लिए जाएंगे. इससे फंड मैनेजर्स को कंजम्प्शन थीम के भीतर उभरते रुझानों का लाभ उठाने का अवसर मिलेगा. इस फंड के लिए स्टॉक्स का चुनाव बॉटम-अप अप्रोच के तहत फंडामेंटल एनालिसिस के जरिये किया जाएगा. इस दौरान कंपनियों का चुनाव उनकी क्वॉलिटी और ग्रोथ की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. इसके साथ ही इस फंड के जरिये, लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल-कैप, समेत हर तरह के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले शेयर्स में निवेश किया जाएगा. जिससे डायवर्सिफिकेशन बढ़ेगा.
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एक्सिस कंजम्प्शन फंड के मैनेजर
एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) के फंड मैनेजर श्रेयांस देवालकर और हितेश दास होंगे. इनके अलावा कृष्णा नारायण फॉरेन सिक्योरिटीज पर फोकस करेंगी. श्रेयांस के पास अलग-अलग फंड्स को मैनेज करने का 19 साल का अनुभव है, जिसमें एक्सिस ब्लूचिप फंड (Axis BlueChip Fund) को नवंबर 2016 से मैनेज करने का अनुभव शामिल है. वहीं, हितेश दास के पास फंड मैनेजमेंट का 12 साल का तजुर्बा है.
NFO में निवेश पर क्या है ग्रोथ की संभावना
एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) का एक्सपोजर भारत के उभरते उपभोक्ता बाजार से जुड़ी कंपनियों में होगा, जिसके आने वाले वर्षों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही यह फंड कंजम्पशन से जुड़े कई सेक्टर्स में निवेश करेगा, जिसकी वजह से सेक्टर-स्पेसिफिक रिस्क कम होगा. ऐतिहासिक आंकड़े दिखाते हैं कि बाजार में गिरावट के दौर में कंजम्प्शन पर केंद्रित इंडेक्स, ब्रॉड मार्केट इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. मिसाल के तौर पर 2009 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान, निफ्टी इंडिया कंजंप्शन इंडेक्स में 52.3% की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 500 में 64.3% की गिरावट आई. इसी तरह, मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, निफ्टी इंडिया कंजंप्शन इंडेक्स में 32.4% की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 500 में 38.3% की गिरावट आई.
NFO में किन्हें करना चाहिए निवेश?
एक्सिस कंजम्प्शन फंड (Axis Consumption Fund) का NFO उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं. इस फंड की कंजम्प्शन थीम, भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी पर फोकस करती है, लिहाजा निवेशकों का इनवेस्टमेंट होराइजन कम से कम 5 साल या उससे अधिक होना चाहिए. खास तौर पर ऐसे निवेशक, जो भारत के उपभोक्ता बाजार में हो रही ग्रोथ में निवेश करके लाभ उठाना चाहते हैं, इस फंड पर विचार कर सकते हैं. थीमैटिक इक्विटी फंड होने की वजह से इसमें मार्केट रिस्क अधिक रहता है. रिस्कोमीटर पर इस स्कीम को "हाई रिस्क कैटेगरी" (High risk category) में रखा गया है. जाहि है, इसमें उन्हीं निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए, जो रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं. सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) को इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का बेहतर तरीका माना जाता है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. हमारा मकसद किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं, सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)