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New IPO: इंडिया शेल्टर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 469-493 रुपये प्रति शेयर तय किया है. (Pixabay)
India Shelter Finance Corporation: गुरुग्राम स्थित कंपनी और अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंसर इंडिया शेल्टर फाइनेंस कॉरपोरेशन (India Shelter Finance Corporation) का आईपीओ अगले हफ्ते 13 दिसंबर को खुलने के लिए तैयार है. इश्यू का साइज 1200 करोड़ है. वहीं कंपनी ने इसके लिए प्राइस बैंड 469-493 रुपये प्रति शेयर तय किया है. यह आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 15 दिसंबर तक खुला रहेगा. एंकर निवेशकों के यह इश्यू 12 दिसंबर को खुल जाएगा. इस आईपीओ में फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे, वहीं आफर फॉर सेल (OFS) भी होगा.
आईपीओ के बारे मेंं
IPO का साइज 1200 करोड़ रुपये का है. इसमें 800 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं 400 करोड़ का OFS है. OFS में Catalyst Trusteeship और Nexus Ventures III अपने 171.3 करोड़ और 142.5 करोड़ के शेयर बेचेंगे.
लॉट साइज और रिटेल हिस्सा
इंडिया शेल्टर फाइनेंस कॉरपोरेशन के आईपीओ में 1 लॉट साइज खरीदना जरूरी है. 1 लॉट 30 शेयरों का है, यानी कम से कम 14790 रुपये लगाने जरूरी होंगे. वहीं अधिकतम 13 लॉट यानी 192270 रुपये के लिए बोली लगाई जा सकती है.
इस आईपीओ में रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्सा 35 फीसदी है. QIB के लिए रिजर्व हिस्सा 50 फीसदी और NII के लिए रिजर्व हिस्सा 15 फीसदी है.
जरूरी तारीख
IPO ओपन डेट: 13 दिसंबर, 2023
IPO बंद होने की तारीख: 15 दिसंबर, 2023
एंकर निवेशकों के लिए इश्यू खुलने का दिन: 12 दिसंबर, 2023
बेसिस आफ अलॉटमेंट: 18 दिसंबर, 2023
रिफंड डेट: 19 दिसंबर, 2023
डीमैट अकाउंट में क्रेडिट: 19 दिसंबर, 2023
IPO लिस्टिंग डेट: 20 दिसंबर, 2023
कंपनी के फाइनेंशियल
इंडिया शेल्टर फाइनेंस कॉरपोरेशन की बात करें तो वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 323 करोड़, एक्सपेंस 210 करोड़ और पैट 87.39 करोड़ रहा था. वित्त वर्ष 2022 में रेवेन्यू 460 करोड़, एक्सपेंस 293 करोड़ और पैट 128.45 करोड़ रहा था. जबकि वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का रेवेन्यू 606 करोड़, एक्सपेंस 404 करोड़ और पैट 155.34 करोड़ रहा था.
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
आईपीओ से जुटाई जाने वाली रकम में से 640 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी लोन देने के लिए अपनी भविष्य में कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में करेगी. वहीं बचा हुआ फंड सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए रखा जाएगा. भारत में टियर-II और टियर-III शहरों में लो और मिड इनकम ग्रुप में पहली बार होम लोन लेने वालों पर कंपनी का खास फोकस है.