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Stock Market News: हालांकि साल भर में जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने बाजार में कुछ अस्थिरता पैदा की है, लेकिन इसका प्रभाव सीमित रहा. (pixabay)
Stock Market Strategy for 2024: घरेलू स्टॉक मार्केट के लिए साल 2023 एक मजबूत साल साबित हुआ है. अब बाजार इस साल को बेहद ही शानदार तरीके से खत्म करने जा रहा है. इस साल जहां निफ्टी ने 21,500 अंकों का आंकड़ा पार किया, वहीं सेंसेक्स ने पहले 70 हजार का लेवल ब्रेक किया और फिर 71500 के पार निकल गया. खासतौर से साल के आखिरी 2 महीनों नवंबर और दिसंबर में दुनियाभर में निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत हुआ, जिससे न सिर्फ घरेलू बाजार, बल्कि ग्लोबल मार्केट को भी नया हाई छूने में मदद मिली.
GDP ग्रोथ रेट मजबूत
1HFY24 में GDP ग्रोथ रेट 7.7 फीसदी रही, जिसे मुख्य तौर पर मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट सेक्टर के मजबूत प्रदर्शन ने संचालित किया. इसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने FY24 के लिए अपने जीडीपी अनुमान को 7 फीसदी तक बढ़ा दिया है. RBI ने FY25 के लिए भी मजबूत ग्रोथ का अनुमान लगाया है, जिसमें पहली तीन तिमाहियों में औसतन 6.5 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. वास्तविक GDP ग्रोथ के लिए ऐसी आशावादी उम्मीदें बाजार में तेजी बनाए रखने में मदद करती हैं.
हाई-फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स पॉजिटिव
अन्य हाई-फ्रीक्वेंसी डाटा प्वॉइंट्स (जैसे जीएसटी कलेक्शन, मंथली ऑटोमोबाइल सेल्स, बिजली की मांग, पीएमआई डाटा) ने भी मजबूत ग्रोथ दर्ज की है. दूसरी ओर, 1HFY24 में कॉर्पोरेट अर्निंग एक पॉजिटिव नोट पर खत्म हुई, जहां निफ्टी की कंपनियों ने 30 फीसदी की सालाना नेट प्रॉफिट ग्रोथ (30% YoY PAT) दिखाई. अनुमान है कि FY23-25 के दौरान निफ्टी के ईपीएस में लगभग 20 फीसदी का सीएजीआर देखने को मिलेगा, जिसमें रीरेटिंग की और भी संभावनाएं हैं.
राजनीतिक स्थिरता को लेकर भरोसा बढ़ा
राजस्थान, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ के राज्य चुनावों में केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की भारी जीत के साथ, निवेशकों में 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद बाद राजनीतिक स्थिरता को लेकर भरोसा और भी बढ़ गया है. पहले से ही कॉर्पोरेट अर्निंग में हेल्दी ग्रोथ और मजबूत घरेलू मैक्रो-अकोनॉमिक इंडीकेटर्स के कारण उत्साह था, जो अब और भी मजबूत (Stock Market Outlook) होने की संभावना है. यह भारत के लिए मैक्रो और नीतिगत गतिविधियों के लिए अच्छे संकेत है, जिसमें इस समय विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक ग्रोथ (जीडीपी और कॉर्पोरेट आय) देखी जा रही है.
भारत की रेटिंग में सुधार
इन सभी घटनाओं के चलते अलग अलग ग्लोबल कंपनियों द्वारा भारत की रेटिंग और जीडीपी ग्रोथ अनुमानों में सुधार किया गया है, जिसके चलते BSE-लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन आलटाइम हाई 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. NSE वास्तव में हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज को पीछे छोड़ते हुए बाजार मूल्यांकन के हिसाब से विश्व का 7वां सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है.
बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट
घरेलू लेवल पर पॉजिटिव संकेतों को ग्लोबल सीनेरियों में अनुकूल परिस्थितियों से और भी बल मिला है. ब्याज दरें अपने पीक पर पहुंच चुकी हैं, जिसके कारण बॉन्ड यील्ड्स और डॉलर सूचकांक में गिरावट आई है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2023 के लिए अपनी अंतिम मॉनेटरी पॉलिसी में 2024 में तीन ब्याज दर कटौतियों का संकेत दिया है, जिससे ग्लोबल स्तर पर उम्मीदें बढ़ी हैं. अन्य केंद्रीय बैंक भी जल्द ही इसमें शामिल हो सकते हैं.
हालांकि साल भर में जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने बाजार में कुछ अस्थिरता पैदा की है, इसका प्रभाव सीमित रहा. हाल ही में स्वेज नहर पर हुए हमले ने क्रूड की कीमतों में बढ़ोतरी की और यह ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए एक खतरा बना है, जिससे कमोडिटी की कीमतों में महंगाई का दबाव और आय पर प्रभाव पड़ सकता है.
आईपीओ मार्केट एक्टिव
साल 2023 में आईपीओ बाजार बहुत एक्टिव रहा है, जो कि सेकंडरी मार्केट में तेजी को फॉलो कर रहा है. बाजार में 58 आईपीओ अबतक सब्सक्रिप्शन के लिए आए, जिन्होंने 48,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाया. छिले साल 40 आईपीओ आए थे, हालांकि उन्होंने कुल मिलाकर लगभग 64,000 करोड़ रुपये जुटाए थे. आगे भी, न्यू-एज कंपनियों के आईपीओ का आने का सिलसिला जारी रह सकता है, जिसमें ओला इलेक्ट्रिक, स्विगी, फर्स्टक्राई, मोबीक्विक जैसी कंपनियां शामिल हैं.
निफ्टी का वैल्युएशन अभी भी वाजिब
भारत के मैक्रो और माइक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं और बाजार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद कर रहे हैं. निफ्टी ने 2023 में अब तक 18% का रिटर्न दिया है. इस उछाल के बावजूद, निफ्टी 12 महीने के आगे के P/E अनुपात में लगभग 19x पर कारोबार कर रहा है, जो कि इसके 10 साल के औसत 20x से कम है.
मिडकैप और स्मॉलकैप चमके
मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट्स में भारी उछाल देखा गया है, निफ्टी मिडकैप-100 में 44 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप-100 में 54 फीसदी की ग्रोथ हुई है. पीएसयू, रियल एस्टेट, ऑटो और कुछ खास सेक्टर मसलन पावर, डिफेंस, शिपिंग, फर्टिलाइजर, ईएमएस में भारी निवेश देखा गया है. पीएसयू बैंकों ने निजी बैंकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया क्योंकि वे अब 1% रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) स्थायी रूप से प्रदान करने की स्थिति में हैं और उनकी आय में सुधार की संभावना है.
ये फैक्टर 2024 में डालेंगे असर
2024 में जब बाजार एंट्री (Stock Market 2024) करने वाला है, कई महत्वपूर्ण फैक्टर्स बाजार को प्रभावित कर सकते हैं. जिसमें मई 2024 के आम लोकसभा चुनाव और चुनाव के बाद का पहला बजट प्रमुख है. वहीं ग्लोबल स्तर पर इकोनॉमिक ग्रोथ, रेट कट, महंगाई और जियो-पॉलिटिकल प्रमुख फैक्टर्स होंगे. ओवरआल भारत एक चमकता सितारा बना हुआ है और इसके प्रदर्शन को बनाए रखने की उम्मीद है. मार्केट सेंटीमेंट और मजबूत होगा, क्योंकि चल रही प्री-इलेक्शन रैली जारी रहने की संभावना है. कोई भी रेट कट बाजार को अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करेगा. BFSI, इंडस्ट्रियल, रियल एस्टेट, ऑटो और कंज्यूमर सेक्टर आगे चलकर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
2024 के टॉप स्टॉक्स (Stocks to Buy)
SBI, Hero Motocorp, Spandana Sphoorty, L&T, Dalmia Bharat, Tata Consumer, Coal India, Zomato, Oil India, Kajaria
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)