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Infosys के एमडी और सीईओ सलिल पारेख ने इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े एक मामले को पैसे देकर सेटल कर दिया है. (File Photo : Reuters)
Infosys CEO and MD Salil Parekh settles insider trading case with Sebi: देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख ने इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े एक मामले को पैसे देकर सेटल कर दिया है. इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नॉर्म्स के कथित उल्लंघन का यह मामला सेबी की जांच में सामने आया था. सेबी ने अपने एक ताजा सेटलमेंट ऑर्डर में बताया है कि इंफोसिस के एमडी और सीईओ की तरफ से मामले को सेटल करने के लिए 25 लाख रुपये देने की पेशकश की गई थी, जिसे स्वीकार करते हुए इस केस का निपटारा कर दिया गया है. इसके साथ ही 3 अगस्त 2023 को सेबी के एक जारी कारण बताओ नोटिस के जरिए पारेख के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई बंद कर दी गई है.
इनसाइडर ट्रेडिंग रोकने में नाकामी का आरोप
इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत किसी भी लिस्टेड कंपनी में इनसाइडर ट्रेडिंग रोकने के लिए आंतरिक नियंत्रण की जरूरी और प्रभावशाली व्यवस्था (adequate and effective system of internal control) तैयार करना उस कंपनी के सीईओ और एमडी की जिम्मेदारी है. लेकिन पीटीआई के मुताबिक सेबी की जांच में यह बात सामने आई थी कि सलिल पारेख कथित तौर पर इंफोसिस में इनसाइडर ट्रेडिंग रोकने के लिए इस तरह की जरूरी व्यवस्था बनाने में नाकाम रहे थे. इंफोसिस के शेयर्स में कथित इनसाइडर ट्रेडिंग का यह मामला सेबी की 29 जून 2020 से 27 सितंबर 2021 के बीच हुई जांच में सामने आया था.
सेबी ने मंजूर किया पारेख का सेटलमेंट ऑफर
पीटीआई के मुताबिक मार्केट रेगुलेटर ने अपनी जांच में पाया था कि इंफोसिस ने 'अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इंफॉर्मेशन' (Unpublished Price Sensitive Information -UPSI) की श्रेणी में आने वाली कुछ जानकारियों को इस कैटेगरी में नहीं रखा था. सेबी की जांच में यह बात सामने आने के बाद सलिल पारेख ने प्रस्ताव दिया था कि वे सेटलमेंट ऑर्डर के जरिए यह मामला निपटाने को तैयार हैं. जिसके तहत सेबी की जांच में पाए गए तथ्यों को न तो खारिज किया जाएगा और न ही उन्हें माना जाएगा. इसी प्रस्ताव में उन्होंने सेबी को 25 लाख रुपये अदा करने की पेशकश भी की थी. बुधवार को पारित आदेश में सेबी ने कहा है कि उसने "सेटलमेंट अमाउंट और सेटलमेंट की शर्तों को स्वीकार करते हुए एप्लीकेंट (पारेख) के खिलाफ 3 अगस्त 2023 को कारण बताओ नोटिस के जरिए शुरू की गई कार्यवाही को बंद कर दिया है...ऐसा सेटलमेंट से जुड़े नियमों के तहत किया गया है."
क्या है पूरा मामला
समाचार एजेंसी के मुताबिक यह पूरा मामला इंफोसिस और अमेरिका की एसेट मैनेजर फर्म वैंगार्ड (Vanguard) के बीच जुलाई 2020 में हुए रणनीतिक पार्टनरशिप के समझौते के एलान से जुड़ा है. इस डील के तहत इंफोसिस को वैंगार्ड को एक क्लाउट बेस्ड रिकॉर्ड कीपिंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराना था. सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि इस घोषणा के समय इंफोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया था. सेबी ने इस सिलसिले में सितंबर 2021 में पारित एक अंतरिम आदेश में इंफोसिस के शेयरों में कथित इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में दोनों ही कंपनियों को नियमों के उल्लंघन का दोषी बताया था. इसके बाद सेबी ने दिसंबर 2021 में एक कन्फर्मेटरी ऑर्डर (confirmatory order) भी पारित किया था.