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Motisons Jewellers Share Price: मोतीसंस ज्वैलर्स ने शेयर बाजार में शानदार शुरुआत की है. कंपनी के शेयर मंगलवार 26 दिसंबर को 98% से ज्यादा प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए. (Image : Pixabay)
Motisons Jewellers IPO Listing Date: ज्वैलरी रिटेलर मोतीसंस ज्वैलर्स ने आज शेयर बाजार में शानदार प्रीमियम के साथ दस्तक दी है. जयपुर की इस कंपनी के शेयरों ने मंगलवार 26 दिसंबर को 98 फीसदी से ज्यादा प्रीमियम के साथ लिस्टिंग (Stock-Market-Listing) करके एक मजबूत शुरुआत की है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर कंपनी के शेयर 109 रुपये पर लिस्ट हुए, जबकि इसका इश्यू प्राइस 55 रुपये प्रति शेयर था. वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी का स्टॉक 103.90 रुपये पर लिस्ट हुआ. यह खबर लिखे जाने के समय मोतीसंस ज्वैलर्स लिमिटेड के शेयर 48.55 रुपये यानी 88.27% के प्रीमियम के साथ 103.55 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे.
कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन 990 करोड़ से ज्यादा
शुरुआती कारोबार में नजर आ रही शेयर प्राइस के आधार पर मोतीसंस ज्वैलर्स का मौजूदा मार्केट वैल्यूएशन 990 करोड़ रुपये से अधिक आ रहा है. कंपनी ने अपने कुल 151 करोड़ रुपये के आईपीओ में एक शेयर की ऑफर प्राइस 52 से 55 रुपये प्रति शेयर रखी थी और अलॉटमेंट 55 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर हुआ. कंपनी के शेयर सब्सक्रिप्शन के लिए 18 से 20 दिसंबर तक खुले थे और एक लॉट का साइज 250 शेयरों का रखा गया था.
आईपीओ में कोई OFS शामिल नहीं
मोतीसंस ज्वैलर्स ने इस आईपीओ के जरिए 2.74 करोड़ नए शेयर (fresh equity shares) जारी किए हैं. इस आईपीओ में कोई ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल नहीं है. जिससे अपने कारोबार और वैल्यूएशन को लेकर कंपनी के प्रमोटर्स का भरोसा भी झलकता है. मोतीसंस ज्वैलर्स का IPO जब सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था, तभी से इसे लेकर निवेशकों में काफी उत्साह नजर आ रहा था, जो लिस्टिंग के दिन भी बरकरार रहा. बाजार के जानकारों ने भी मोतीसन्स ज्वेलर्स के शेयरों की लिस्टिंग के बारे में काफी पॉजिटिव बातें कही थीं. लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में भी कंपनी के शेयर लगातार प्रीमियम पर बने हुए थे. कंपनी के आईपीओ को आखिरी दिन में 159.61 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल हुआ था.
आईपीओ लाते समय दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी इस इश्यू से मिली रकम में से 58 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल करेगी, जबकि 71 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल की जरूरत को पूरा करने के लिए आवंटित किए जाएंगे. इसके बाद बची रकम का इस्तेमाल कंपनी के जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.