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Mutual Fund: 2023 में सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड, टैक्स बेनिफिट के साथ दिया 18% तक रिटर्न

Top 10 Equity Savings Funds in 2023 : बीते साल के दौरान देश के टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड्स ने 13 से 18% तक सालाना रिटर्न दिया है. कम जोखिम और टैक्स बेनिफिट को देखते हुए इसे काफी बेहतर माना जा सकता है.

Top 10 Equity Savings Funds in 2023 : बीते साल के दौरान देश के टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड्स ने 13 से 18% तक सालाना रिटर्न दिया है. कम जोखिम और टैक्स बेनिफिट को देखते हुए इसे काफी बेहतर माना जा सकता है.

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Viplav Rahi
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Mutual Fund Investment Tips, Top 10 Equity Savings Funds, टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड

Top 10 Equity Savings Funds in 2023 : इक्विटी सेविंग्स फंड में हेजिंग के कारण बाकी हाइब्रिड फंड के मुकाबले निवेश पर रिस्क कम होता है. टैक्स बेनिफिट को जोड़कर देखें, तो इनका रियल रेट ऑफ रिटर्न और भी बेहतर नजर आएगा. (Image : Pixabay)

Top 10 Equity Savings Mutual Funds in 2023: इक्विटी में निवेश पर रिटर्न अच्छा मिलता है, लेकिन रिस्क भी ज्यादा होता है. जबकि एफडी और पीपीएफ जैसे फिक्स्ड इनकम वाले विकल्पों में पैसे लगाने पर सुरक्षा तो पूरी मिलती है, लेकिन महंगाई दर को एडजस्ट करके देखें तो रियल रेट ऑफ रिटर्न काफी कम रहता है. ऐसे में जो निवेशक थोड़ा-बहुत जोखिम उठाकर अपने निवेश पर एफडी या पीपीएफ से बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं, उनके लिए इक्विटी सेविंग्स फंड में निवेश एक अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं. यहां अहम आपको उन टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड की जानकारी देंगे, जिन्होंने पिछले 1 साल के दौरान सबसे बेहतर रिटर्न दिया है. लेकिन पहले समझ लेते हैं कि इक्विटी सेविंग्स फंड (Equity Savings Fund) का मतलब क्या है.

इक्विटी सेविंग्स फंड का मतलब क्या है?

इक्विटी सेविंग्स फंड (Equity Savings Fund) इक्विटी के साथ ही साथ डेट और आर्बिट्राज में इनवेस्ट करके करके रिटर्न हासिल करते हैं. इक्विटी सेविंग्स फंड को हाइब्रिड फंड्स (Hybrid-Mutual-Funds) की कैटेगरी में रखा जाता है, लेकिन आर्बिट्राज में निवेश उन्हें बाकी हाइब्रिड फंड से अलग करता है. दरअसल, इक्विटी सेविंग्स फंड के मैनेजर इक्विटी बाजार के कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट के बीच कीमतों के अंतर का फायदा उठाते हैं. इस फंड का कुल इक्विटी एक्सपोजर कुछ हद तक हेज्ड (hedged) होता है. जबकि अन्य हाइब्रिड फंड्स में इक्विटी एक्सपोजर पूरी तरह से अनहेज्ड (fully unhedged) होता है. यही वजह है कि एग्रेसिव स्ट्रैटेजी वाले किसी और हाइब्रिड फंड की तुलना में इक्विटी सेविंग्स फंड में अस्थिरता कम होती है. इस हिसाब से देखें तो इक्विटी सेविंग्स फंड पर 18 फीसदी तक सालाना रिटर्न मिलना काफी अच्छा माना जा सकता है.

1 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड 

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हम यहां आपको उन टॉप 10 इक्विटी सेंविग्स फंड के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने पिछले 1 साल के दौरान सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है. हमने इस लिस्ट में उन्हीं फंड्स को शामिल किया है, जिनका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) कम से कम 200 करोड़ रुपये का है. यहां हम रेगुलर प्लान के साथ ही साथ डायरेक्ट प्लान के रिटर्न की जानकारी भी दे रहे हैं. आम तौर पर एक ही स्कीम में रेगुलर प्लान के मुकाबले डायरेक्ट प्लान का रिटर्न कुछ अधिक होता है. सभी आंकड़े एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) से लिए गए हैं.

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1. SBI Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 17.83% (रेगुलर), 18.44% (डायरेक्ट)

AUM : 3,465.06 करोड़ रुपये

2. HSBC Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 17.41% (रेगुलर), 18.46% (डायरेक्ट)

AUM : 202.99 करोड़ रुपये


3. Sundaram Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 14.90% (रेगुलर), 16.90% (डायरेक्ट)

AUM : 718.03 करोड़ रुपये

4. Kotak Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 15.09% (रेगुलर), 16.31% (डायरेक्ट)

AUM : 4,006.20 करोड़ रुपये

5. Mahindra Manulife Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 14.23% (रेगुलर), 16.19% (डायरेक्ट)

AUM : 425.59 करोड़ रुपये 

6. UTI Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 14.92% (रेगुलर), 15.86% (डायरेक्ट)

AUM : 318.35 करोड़ रुपये 

7. Axis Equity Saver Fund

एक साल में रिटर्न : 13.85% (रेगुलर), 15.38% (डायरेक्ट)

AUM : 936.73 करोड़ रुपये 

8. Mirae Asset Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 13.59% (रेगुलर), 14.70% (डायरेक्ट)

AUM : 825.01 करोड़ रुपये 

9. Baroda BNP Paribas Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 13.05% (रेगुलर), 14.21% (डायरेक्ट)

AUM : 235.18 करोड़ रुपये 


10. HDFC Equity Savings Fund

एक साल में रिटर्न : 13.15% (रेगुलर), 14.20% (डायरेक्ट)

AUM : 3,492.55 करोड़ रुपये

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इक्विटी सेविंग्स फंड के बारे में SEBI के नियम

सेबी की परिभाषा (Definition) के हिसाब से इक्विटी सेविंग्स फंड का कम से कम 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्ट करना जरूरी है, जबकि कम से कम 10 फीसदी निवेश डेट फंड में होना चाहिए. इसके अलावा डेरिवेटिव्स में किए जाने वाले निवेश और हेजिंग के मकसद से किए जाने वाले मिनिमम इनवेस्टमेंट की जानकारी स्कीम इनफॉर्मेशन डॉक्युमेंट (SID) में देना जरूरी है. 

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इक्विटी सेविंग्स फंड्स पर कितना लगता है टैक्स

इक्विटी सेविंग्स फंड में कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में किया जाता है. इसलिए इसे इनकम टैक्स के नियमों के लिहाज से इक्विटी फंड की कैटेगरी में ही रखा जाता है. लिहाजा, इक्विटी फंड पर मिलने वाले सारे टैक्स लाभ इसमें भी मिलते हैं. यानी इक्विटी सेविंग्स फंड की यूनिट को 12 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड करने के बाद बेचने पर एक वित्त वर्ष के दौरान हुए 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता. इससे ज्यादा मुनाफा होने पर भी स्लैब रेट की बजाय 10 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स ही देना होता है. 12 महीने से कम होल्ड करने के बाद बेचने पर हुए मुनाफे पर भी स्लैब रेट की जगह 15 फीसदी की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) टैक्स लगता है. यही वजह है कि ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए यह स्कीम काफी फायदेमंद है. इस लिहाज से देखें, तो साल में 18% तक रिटर्न देने वाले इक्विटी सेविंग्स फंड का रियल रेट ऑफ रिटर्न टैक्स सेविंग को जोड़कर और भी ज्यादा निकलेगा.

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निवेश से पहले ध्यान रखें 

इक्विटी सेविंग्स फंड में निवेश पर जोखिम दूसरे इक्विटी फंड्स या एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स के मुकाबले कम होता है. लिहाजा, जो निवेशक कम या मॉडरेट रिस्क में कैपिटल गेन का फायदा लेना चाहते हैं, वे इनमें निवेश पर विचार कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसमें रिस्क होता ही नहीं है. इक्विटी एक्सपोजर के कारण बाजार के उतार-चढ़ाव का असर इस पर भी होता है. इसलिए निवेश से पहले अपने रिस्क प्रोफाइल पर विचार जरूर कर लें.

(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. पिछले रिटर्न के आंकड़े भविष्य में वैसे ही रिटर्न की गारंटी नहीं देते. हमारा मकसद किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं, सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)

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