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Top 10 ELSS Mutual Funds in 2023: ऐसे कई ELSS फंड्स हैं, जिन्होंने 2023 के दौरान 26% से 35% तक सालाना रिटर्न दिया है, वो भी टैक्स की भारी बचत के साथ! (Image: Pixabay)
Top 10 Tax Saving ELSS Mutual Funds in 2023: एक साल में 35 फीसदी तक रिटर्न, वो भी टैक्स की बचत के साथ! क्या ये सचमुच संभव है? जवाब ये है कि ऐसा वाकई हो चुका है. वो भी इसी गुजरते साल के दौरान. कई ऐसे टैक्स सेवर ELSS फंड्स हैं, जिन्होंने साल 2023 के दौरान 26 से 35 फीसदी तक सालाना रिटर्न दिया है! इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ELSS) में निवेश दो तरह से फायदेमंद है. पहला फायदा ये कि इक्विटी में निवेश की वजह से इनमें रिटर्न अच्छा मिलता है और दूसरे, टैक्स की बचत भी होती है. यही वजह है कि वेल्थ क्रिएशन के लिए इन्हें काफी अच्छा ऑप्शन माना जाता है. इन फंड्स के बारे में आगे और जानकारी देंगे, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि Tax Saver ELSS Funds में निवेश करने पर टैक्स की बचत क्यों और कितनी होती है.
ELSS में निवेश पर टैक्स की बचत
जैसा कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम के नाम से ही पता चलता है, इनमें डाले गए पैसे मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश किए जाते हैं. यही वजह है कि ELSS को इक्विटी फंड (Equity-Mutual-Funds) की कैटेगरी में रखा गया है और इनमें इनवेस्ट करने पर वे सभी टैक्स लाभ मिलते हैं, जो इक्विटी फंड्स पर लागू होते हैं. 3 साल के लॉक-इन वाले टैक्स सेविंग ELSS में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. इतना ही नहीं, 3 साल बाद अगर आप ELSS की यूनिट बेचते हैं, तो उससे होने वाले 1 लाख रुपये तक के सालाना मुनाफे पर भी आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. ऐसा इसलिए क्योंकि इस मुनाफे को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है और साल में 1 लाख रुपये तक के LTCG पर कोई टैक्स नहीं लगता. अगर आपको एक साल में 1 लाख रुपये से ज्यादा मुनाफा होता है, तो भी उस पर आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से नहीं, बल्कि 10 फीसदी के फ्लैट रेट से ही LTCG टैक्स देना पड़ेगा. तो हुई न टैक्स की शानदार बचत!
1 साल में 26 से 35% तक रिटर्न देने वाले ELSS फंड
अब बात करते हैं, टैक्स बचाने वाले ऐसे ELSS फंड्स की, जिन्होंने पिछले एक साल में काफी बढ़िया रिटर्न दिया है. हम आपको ऐसे 10 टैक्स सेविंग ELSS फंड्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके डायरेक्ट प्लान ने पिछले एक साल के दौरान 26 से 35 फीसदी तक रिटर्न दिया है. इस लिस्ट में हमने सिर्फ उन्हीं स्कीमों को शामिल किया है, जिनका एसेट अंडर मैनेजमेंट कम से कम 1000 करोड़ रुपये का है. आपकी सुविधा के लिए हमने इन स्कीमों के 3 साल और 5 साल के सालाना रिटर्न की जानकारी भी दे दी है, ताकि आप उनका लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस भी जान लें.
1 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले ELSS फंड
(Minimum AUM : Rs. 1000 Cr)
Tax Saving ELSS (Direct Scheme) | 1 Year Return (%) | 3 Year Annual Return (%) | 5 Year Annual Return(%) | AUM (Rs. Cr.) |
SBI Long Term Equity Fund | 35.35 | 26.74 | 19.54 | 18,057.60 |
Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund | 35.18 | 25.43 | 18.90 | 2,856.51 |
Bank of India Tax Advantage Fund | 33.50 | 26.05 | 24.25 | 1,018.19 |
HDFC ELSS Tax Saver Fund | 30.22 | 27.91 | 17.25 | 12,784.00 |
Invesco India ELSS Tax Saver Fund | 28.72 | 19.64 | 16.96 | 2,414.39 |
Franklin India ELSS Tax Saver Fund | 28.14 | 25.78 | 17.46 | 5,812.10 |
DSP ELSS Tax Saver Fund | 27.50 | 24.50 | 20.09 | 13,216.54 |
Quant ELSS Tax Saver Fund | 27.29 | 36.20 | 30.14 | 6,023.66 |
Bandhan ELSS Tax Saver Fund | 26.80 | 28.85 | 20.16 | 5,596.81 |
HSBC ELSS Tax Saver Fund | 26.60 | 19.21 | 14.37 | 3,494.26 |
(Source : AMFI)
महंगाई को मात देने में मददगार हैं म्यूचुअल फंड
एफडी और पीएफ जैसे फिक्स्ड रिटर्न वाले ऑप्शन्स में आपके पैसे ज्यादा सुरक्षित तो रहते हैं, लेकिन महंगाई दर (inflation) को एडजस्ट करने के बाद उनका रिटर्न काफी कम रहता है. यानी अगर आप अपनी सारी पूंजी FD, PF या NSC में रखेंगे तो महंगाई आपकी बचत में सेंध लगाती रहेगी. इसीलिए लंबे अरसे में महंगाई को मात देकर वेल्थ क्रिएशन के लिए ELSS जैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं. ELSS फंड्स मार्केट लिंक्ड होते हैं, इसलिए इनमें FD, PF या NSC की तुलना में ज्यादा रिस्क होता है. लेकिन अगर आप SIP के जरिए इनवेस्ट करें, तो इस जोखिम को कम किया जा सकता है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. पिछले रिटर्न के आंकड़े भविष्य में वैसे ही रिटर्न की गारंटी नहीं देते. हमारा मकसद किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं, सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)