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अडानी के शेयरों में रैली से LIC को मिला बूस्ट, 3 महीने में 65% बढ़कर 44600 करोड़ हुई निवेश की मार्केट वैल्यू

LIC Value in Adani Stocks: एलआईसी के अडानी ग्रुप शेयरों में निवेश की वैल्यू फरवरी के लो से 65 फीसदी बढ़कर 44600 करोड़ हो गई है.

LIC Value in Adani Stocks: एलआईसी के अडानी ग्रुप शेयरों में निवेश की वैल्यू फरवरी के लो से 65 फीसदी बढ़कर 44600 करोड़ हो गई है.

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Sushil Tripathi
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LIC Market Cap

LIC Investment: अडानी के शेयरों में रैली आने से एलआईसी को जबरदस्त फायदा हुआ है.

LIC Investment Value in Adani Group Stocks: अडानी ग्रुप शेयरों में हाल फिलहाल में जो रैली आई है, उससे देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) को जबरदस्त बूस्ट मिला है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप शेयरों में निवेश पर LIC को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन अब 3 महीने से भी कम समय में ग्रुप शेयरों में बीमा कंपनी के निवेश की वैल्यू में 65 फीसदी का उछाल आया है और यह 44600 करोड़ के आस पास पहुंच गया. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद 27 फरवरी 2023 को यह वैल्यू घटकर 27000 करोड़ रह गई थी.

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किन शेयरों में LIC की है हिस्सेदारी

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31 मार्च 2023 तक LIC की Adani Ports & SEZ में 9.12 फीसदी हिस्सेदारी थी. Adani Enterprises में 4.26 फीसदी, ACC में 6.41 फीसदी, Ambuja Cements में 6.3 फीसदी, Adani Total Gas में 6.02 फीसदी, Adani Transmission में 3.68 फीसदी और Adani Green Energy में 1.36 फीसदी हिस्सेदारी थी. 24 मई 2.23 को LIC की इन शेयरों में निवेश की वैल्यू 44,600 करोड़ के करीब हो गई. जबकि मार्च तिमाही के अंत तक यह वैल्यू 39,200 करोड़ थी.

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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद आई थी गिरावट

रिपोर्ट के बाद ग्रुप कंपनियों के शेयरों में गिरावट का असर एलआईसी के निवेश पर भी पड़ा. एलआईसी ने 30 जनवरी को कहा था कि उसने अडानी ग्रुप की कंपनियों में 30,127 करोड़ रुपये निवेश कर रखा है और 27 जनवरी, 2023 को उस निवेश की मार्केट वैल्यू 56,142 करोड़ रुपये थी. हालांकि शेयरों में गिरावट के साथ एलआईसी का निवेश वैल्यू फरवरी, 2023 में 27,000 करोड़ रुपये तक कम हो गया था.

बता दें कि अमेरिकी रिसर्च और इन्वेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग ने इस साल जनवरी में रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और शेयर के भाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. उसके बाद ग्रुप कंपनियों के मार्केट कैप में 145 अरब डॉलर तक की भारी गिरावट आ गयी थी. हालांकि अडानी ग्रुप ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और उसे सिरे से खारिज कर दिया.

शेयरों में तेजी के पीछे वजह

अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद निवेशकों का भरोसा जीतनेके लिए कई तरह की स्ट्रैटेजी पर काम किया. मसलन कर्ज वापस करना, बॉन्ड की पुनर्खरीद, फ्रेशन इन्वेस्टमेंट, फंड रेजिंग, रोडशो के जरिए निवेश जुटाना. वहीं सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आने के बाद भी अडानी कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है. समिति ने कहा है कि अडानी ग्रुप के शेयरों के भाव में हेराफेरी का उसे कोई सबूत नहीं मिला है. इसके साथ ही अडानी ग्रुंप की कंपनियों में विदेशी कंपनियों के निवेश में हुए कथित उल्लंघन की अलग से हुई सेबी की जांच में 'कुछ नहीं मिला' है.

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