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Market Outlook: इनफ्लेशन डेटा, ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों के रुझान से इस हफ्ते तय होगी बाजार की चाल, एक्सपर्ट की राय

घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों के साथ ही ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय होगी. इसके अलावा रुपये-डॉलर में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों से भी बाजार प्राभावित हो सकता है.

घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों के साथ ही ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय होगी. इसके अलावा रुपये-डॉलर में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों से भी बाजार प्राभावित हो सकता है.

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FE Hindi Desk
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घरेलू शेयर बाजारों को वैश्विक संकेतों, घरेलू आर्थिक संकेतकों और विदेशी तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों के रुख से आगे की दिशा मिलेगी. (Image: FE File)

Market Outlook this week: घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़ों (domestic and global macroeconomic data) के साथ ही ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. इसके अलावा रुपये-डॉलर में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमत जैसे प्रमुख कारक भी बाजार की चाल तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों को वैश्विक संकेतों, घरेलू आर्थिक संकेतकों और विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों के रुख से आगे की दिशा मिलेगी. इस हफ्ते भारत से रिटेल इनफ्लेशन डेटा और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन डेटा, साथ ही अमेरिकी कोर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (US Core CPI) जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं. ये आंकड़े बाजार की चाल तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि रुपये-डॉलर का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमत जैसे प्रमुख कारक भी बाजार के रुझानों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. 

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प्रवेश गौर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिओपॉलिटिकल टेंशन, खासकर रूस-यूक्रेन के बीच तनाव और संघर्ष के चलते आर्थिक अनिश्चितता बढ़ रही है. हालांकि, डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में हालिया गिरावट ने भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाया है.

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दिसंबर की शुरुआत में एफआईआई के फिर एक बार खरीदारी शुरू करने से बाजार की धारणा सकारात्मक हुई है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने खरीदारी शुरू की है, जो पिछले दो महीनों में उनकी लगातार बिक्री की रणनीति का पूरी तरह उलट है. इस बदलाव ने बाजार की भावनाओं को बदल दिया है.

एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिकी सीपीआई डेटा के जारी होने से फेडरल रिजर्व की दिसंबर की बैठक के बारे में कुछ जानकारी मिलेगी. यह डेटा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महंगाई दर की स्थिति के बारे में अहम जानकारी देगी, जो फेडरल रिजर्व के फैसलों को प्रभावित कर सकता है.

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रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार की नजरें अब महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों, जैसे औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) महंगाई पर केंद्रित होंगी. इसके अलावा, विदेशी निवेशकों (FIIs) के निवेश प्रवाह का रुझान भी महत्वपूर्ण रहेगा, खासकर हाल ही में उनकी खरीदारी के कारण.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि इस हफ्ते महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा जारी होने वाले हैं. इसमें जापान और यूके के जीडीपी आंकड़ों के साथ ही चीन और भारत के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी जारी किए जाएंगे. पिछले हफ्ते, बीएसई सेंसेक्स 1,906.33 अंक या 2.38 फीसदी उछला, जबकि एनएसई निफ्टी में 546.7 अंक या 2.26 फीसदी की बढ़त हुई. 

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