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छुट्टियों वाले इस छोटे सप्ताह में शेयर बाजार की दिशा ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधि यानी फॉरेन इनवेस्टर्स ट्रेडिंग एक्टिविटीज से तय होंगे.
Market Outlook This Week: कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में ग्लोबल ट्रेंड और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों यानी फॉरेन इनवेस्टर्स ट्रेडिंग एक्टिविटीज से शेयर बाजार की दिशा तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. विश्लेषकों ने कहा कि गुरूवार को मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों (monthly derivatives expiry) के निपटान की वजह से भी बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है. इस हफ्ते बाजार में सिर्फ तीन कारोबारी सत्र होंगे. शेयर बाजार सोमवार को ‘होली’ के मौके पर और शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ के अवसर पर बंद रहेंगे.
विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों की निगाह वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी. शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 48 पैसे गिरकर 83.61 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था. इससे पहले 13 दिसंबर, 2023 को रुपया 83.40 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था.
एक्सपर्ट्स की राय
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह सप्ताह छुट्टियों वाला है और हमारा मानना है कि मार्च महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. इसके अलावा बाजार भागीदार वैश्विक बाजारों के रुख, खासकर अमेरिकी बाजार से भी प्रभावित होंगे.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि ‘छुट्टियों की वजह से इस हफ्ते कारोबार की मात्रा कम रहेगी. हालांकि, वित्त वर्ष का अंतिम सप्ताह होने और वायदा व विकल्प खंड में निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 188.51 अंक या 0.25 फीसदी के लाभ में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 73.4 अंक या 0.33 फीसदी चढ़ गया.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों का है. डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े और अन्य प्रमुख आर्थिक आंकड़े बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे.
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि मुद्रा के स्तर में तेज गिरावट के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा शेयरों की बिकवाली यह संकेत दे रही है कि शेयर बाजारों के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है.