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Market Outlook: इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चीफ जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों का भी बाजार पर असर दिखने को मिल सकता है.
Market Outlook this week: बाजार की दिशा इस हफ्ते आने वाले जीडीपी डेटा समेत प्रमुख वृहत आर्थिक आंकड़ों, फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में मंथली डील के निपटान (monthly F&O expiry) और ग्लोबल ट्रेंड से तय होगी. विश्लेषकों ने रविवार को यह राय जताई है. उनका मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चीफ जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों का भी बाजार पर असर दिखने को मिल सकता है.
जानकारों ने कहा कि इस हफ्ते फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में डील के मंथली निपटान के कारण व्यापारियों को अगले सत्रों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. बीते हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 649.37 अंक यानी 0.80 फीसदी की तेजी रही. एनएसई निफ्टी भी 282 अंक यानी 1.1 फीसदी की बढ़त में रहा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस हफ्ते, हमारा अनुमान है कि शेयर-विशिष्ट गतिविधियों के साथ बाजार में धीरे-धीरे तेजी देखने को मिलेगी. निवेशकों की नजर फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में मंथली डील्स निपटान के साथ-साथ ग्लोबल ट्रेंड पर रहेगी. उन्होंने कहा कि बाजार मंगलवार को जैक्सन होल संगोष्ठि में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देगा. पॉवेल ने शुक्रवार को संकेत दिया कि केंद्रीय बैंक सितंबर की बैठक में अपनी ब्याज दर में कटौती करेगा. पॉवेल ने अपने संबोधन में भविष्य में ब्याज दर में कटौती के लिए आधार तैयार किया. उन्होंने कहा कि नीति को समायोजित करने का समय आ गया है.
एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा कि बाजार सितंबर में फेडरल रिजर्व की अगली बैठक के दौरान ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कर रहा है. नौकरियों के कमजोर आंकड़ों के बीच ऐसे संकेत हैं कि नीतिगत दर में कटौती की गति तेज हो सकती है. हालांकि, पॉवेल का मानना है कि निकट भविष्य में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी आने की संभावना बहुत कम है. इसका मतलब है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याजर दर में कटौती आम सहमति के अनुरूप होगी और दर में अधिक कटौती की संभावना कम हो सकती है. फेडरल रिजर्व हेड के संबोधन के बाद अमेरिकी बाजारों में तेजी रही और शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि सकारात्मक अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से इस हफ्ते भारतीय बाजार में तेजी जारी रही है. अमेरिकी आंकड़े से अमेरिकी मंदी की आशंका कम हुई है. इसके अलावा, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर बातचीत को लेकर सकारात्मक वैश्विक धारणा और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने तेजी में योगदान दिया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शेयर बाजार से 1,608.89 करोड़ रुपये निकाले. हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अपनी खरीदारी जारी रखी और पिछले सप्ताह 13,020.29 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा के अनुसार, घरेलू स्तर पर निवेशकों की नजर जीडीपी और बुनियादी ढांचे के उत्पादन सहित वृहत आर्थिक आंकड़ों पर होगी. 30 अगस्त को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी होंगे. इसके अलावा, जुलाई के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र के उत्पादन का आंकड़ा भी जारी किया जाएगा.