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Higher Pension Scheme : हायर पेंशन स्कीम के तहत पेंशन योग्य सैलरी भी बढ़ेगी, यानी जिस आधार पर पेंशन का कैलकुलेशन होता है. (Pixabay)
EPFO Rules for Pension: हायर पेंशन स्कीम के तहत पेंशन योग्य सैलरी भी बढ़ेगी, यानी जिस आधार पर पेंशन का कैलकुलेशन होता है. मौजूदा नियमों के अनुसार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. किसी भी कर्मचारी का EPS से बाहर निकलने से पहले पिछले 60 महीनों का पेंशन योग्य वेतन उसका औसत मासिक वेतन होता है. अब सरकार हायर पेंशन स्कीम भी लाई है, जिसके तहत यह लिमिट बढ़ाई जानी है. कई लेबर यूनियन ने इसे बढ़ाकर 25000 रुपये करने की डिमांड की है, जिस पर वित्त मंत्रालय विचार कर रहा है. ऐसा हुआ तो आपकी मंथली पेंशन बढ़ जाएगी.
प्राइवेट जॉब : किसे मिलती है पेंशन
अगर आप प्राइवेट नौकरी में हैं, प्रोविडेंट फंड (PF) में आपका पैसा कटता है और 10 साल तक नौकरी कर ली है तो आप भी पेंशन के हकदार हैं. आपके प्रोविडेंट फंड अकाउंट में जमा होने वाले फंड का एक हिस्सा पेंशन फंड के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है. कर्मचारी पेंशन योजना एक पेंशन स्कीम है, जिसको मैनेज करने का काम ईपीएफओ (EPFO) का होता है. EPS को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था. यह ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए है. इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आपके नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल होगा. यह पेंशन आपको 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद मिलनी शुरू होगी.
Higher Pension Scheme : 25000 रुपये बेसिक पर पेंशन
मान लिया कि आपने 23 साल में नौकरी शुरू की है और 58 साल की उम्र में आप रिटायर हो रहे हैं. यानी आपने कुल 35 साल तक नौकरी की है. अगर EPS से बाहर निकलने से पहले पिछले 60 महीनों में आपकी अधिकतम बेसिक सैलरी 25,000 रुपये मानी गई तो पेंशन का कैलकुलेशन इसी पर होगा. किसी भी कर्मचारी का EPS से बाहर निकलने से पहले पिछले 60 महीनों का पेंशन योग्य वेतन उसका औसत मासिक वेतन होता है. अभी इस पर 15000 रुपये की कैपिंग है. हायर पेंशन स्कीम के तहत इसे 25000 रुपये किया जा सकता है.
मंथली पेंशन: 25,000X 35/70 = 12,500 रुपए
यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि आपकी ​रिटायरमेंट के समय बेसिक ज्यादा भी हो सकता है, लेकिन अभी जिस तरह से 15000 रुपये की कैपिंग है, उसी तरह आगे 25000 रुपये अधिकतम लिमिट मानी जाएगी.
(नोट: EPFO ने अब तक हायर पेंशन कैलकुलेशन की प्रक्रिया घोषित नहीं की है. हमने यहां पुराने फॉर्मूले पर कैलकुलेशन किया है. EPFO की ओर से इसकी जानकारी मिलने पर ही कैलकुलेशन में क्लेरिटी आएगी.)
EPFO Rules : मौजूदा नियम पर कितनी है अधिकतम पेंशन
मान लिया कि आपने 23 साल में नौकरी शुरू की है और 58 साल की उम्र में आप रिटायर हो रहे हैं. यानी आपके नौकरी की अवधि 35 साल रही. पुरानी पेंशन स्कीम के तहत अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी 15000 रुपये मानी गई है.
मंथली पेंशन = पेंशन योग्य वेतन X पेंशन योग्य सेवा /70.
मंथली पेंशन: 15,000X 33/70 = 7500 रुपए
EPFO : EPS में कैसे होता है योगदान
मौजूदा समय की बात करें तो हर महीने PF खाते में कर्मचारी की बेसिक सैलरी + डीए का 12 फीसदी जमा होता है. एम्प्लॉयर का योगदान भी 12 फीसदी ही होता है. कंपनी द्वारा किए जाने वाले योगदान में से 8.33 फीसदी राशि कर्मचारी के पेंशन फंड (EPS) में जाती है और बाकी 3.67 फीसदी राशि ही पीएफ खाते में जाती है.
मौजूदा नियमों के अनुसार पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में 15000 X 8.33 /100 = 1250 रुपए हर महीने उसके पेंशन खाते में जाएंगे.
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जान लें कुछ जरूरी नियम
कर्मचारी अगर EPFO में योगदान करता है तो 10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन पाने का हकदार हो जाता है. हालांकि यह पेंशन उसे 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद मिलता है. 50 साल बाद भी पेंशन लिया जा सकता है, लेकिन तक कटौती के साथ पेंशन मिलेगी. 50 साल से कम उम्र में नौकरी छोड़ दी तो पेंशन के लिए 58 साल की उम्र पूरा होने का इंतजार करना होगा, जिसके बाद पेंशन मिलेगी. होने पर उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. अगर नौकरी करते 10 साल पूरे नहीं हुए तो पूरा पेंशन फंड निकाला जा सकता है.