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Market Outlook: इजराइल ईरान जंग, क्रूड ऑयल प्राइस और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर फैसलों से तय होगी इस हफ्ते बाजार की चाल

इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगी. ईरान-इजराइल जंग, क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर फैसले और महंगाई दर के आंकड़े प्रमुख ट्रिगर होंगे.

इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगी. ईरान-इजराइल जंग, क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर फैसले और महंगाई दर के आंकड़े प्रमुख ट्रिगर होंगे.

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FE Hindi Desk
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Market Outlook

अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड की बैठक, जापान और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंकों के फैसले, मानसून की प्रगति, WPI मंहगाई दर के आंकड़े, रुपये की चाल, और एफआईआई गतिविधियां इस हफ्ते निवेशकों के लिए अहम संकेत होंगे. (Image: FE File)

Market Outlook This Week: सप्ताह के दौरान भारी उतार-चढ़ाव झेल चुके भारतीय शेयर बाजार की दिशा इस हफ्ते कई घरेलू और वैश्विक कारकों से तय होगी. ईरान-इज़राइल जंग (Iran-Israel conflict), ब्रेंट कच्चे तेल (Brent Crude) की कीमतों में उबाल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) का ब्याज दर फैसला, और महंगाई दर के लेटेस्ट डेटा बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे. विश्लेषकों का मानना है कि इन घटनाओं के बीच निवेशकों में सतर्कता और जोखिम से बचने की प्रवृत्ति बनी रह सकती है. 

सप्ताह के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी लुढ़का

सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार 13 जून को बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1.30% यानी 1,070.39 अंक और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) 1.13% यानी 284.45 अंक लुढ़क गया. इसका मुख्य कारण पश्चिम एशिया में बढ़ रहा जिओ-पॉलिटिकल टेंशन और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में तेजी था, जिससे निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा.

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निवेशकों की इन पर होगी नजर

इस हफ्ते फोकस में रहेंगी अमेरिका, जापान और ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक बैठकें. विश्लेषकों को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपने ब्याज दर के फैसले के साथ भविष्य की मौद्रिक नीति को लेकर भी संकेत देगा, जिससे बाजार की दिशा तय होगी. इसके अलावा घरेलू स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण आंकड़े जैसे थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर के आंकड़ें (WPI Inflation), मानसून की स्थिति और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की खरीद-बिक्री गतिविधियां निर्णायक होंगी.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

अल्मंड्ज़ इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज (Almondz Institutional Equities) के सेल्स हेड केतन विकम ने कहा कि पश्चिम एशिया में जारी उथल-पुथल और इजराइल-ईरान तनाव के चलते बाजार पर वैश्विक दबाव बना रहेगा. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं और जोखिम वाली संपत्तियों से दूरी बना सकते हैं."

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बाजार अब महंगे वैल्यूएशन और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण सतर्क रुख अपना सकता है. निवेशक अब फेड की बैठक से आने वाले संकेतों पर फोकस करेंगे.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड (Religare Broking Ltd) के सीनियर वीपी (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा कि आने वाले सप्ताह में बाजार का मिजाज काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय कारकों और मुद्रा बाजार के संकेतों पर आधारित रहेगा. उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल, कच्चे तेल की दिशा और मानसून की प्रगति जैसे घरेलू संकेत भी बाजार को प्रभावित करेंगे.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) के रिसर्च हेड (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बाजार में हल्की सुस्ती रह सकती है, लेकिन सेक्टर विशेष पर आधारित खबरें बाजार के भीतर हलचल बनाए रखेंगी.

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