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Unit Allotment : आरोप के अनुसार रिटेल निवेशकों ने सस्ती यूनिट के लिए म्यूचुअल फंड मार्केट में पैसे लगाए थे. लेकिन उन्हें 5 जून का एनएवी मिला था. (Reuters)
Mutual Fund Investors : यूनिट अलॉटमेंट को लेकर म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म पर देरी करने का आरोप लगाने के बाद यह मामला बढ़ता जा रहा है. कुछ निवेशकों (Mutual Fund Investors) ने सोशल मीडिया पर इस तरह के आरोप लगाए हैं कि उन्होंने म्यूचुअल फंड की सस्ती यूनिट खरीदने के लिए 4 जून को पैसे लगाए थे, लेकिन उन्हें NAV मिला 5 जून का. अब यह मामला एक तरह से इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म द्वारा निवेशकों के साथ जानबूझकर गलत करने के रूप में देखा जा रहा है. सेबी के पास भी ऐसी शिकायतें पहुंच गई हैं, हालांकि मार्केट रेगुलेटर की ओर से इस पर कुछ क्लेरिटी नहीं आई है. फिलहाल कई निवेशकों ने मुआवजे की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
असल में 4 जून यानी मंगलवार को काउंटिंग के दिन शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी. इंट्राडे में सेंसेक्स 6000 अंकों से ज्यादा टूट गया था. उस दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट भी सस्ती हो गई थी. ऐसे में सस्ती यूनिट खरीदने के लिए निवेशकों ने 4 जून को पैसा लगाया था. लेकिन आरोप यह है कि कट आफ टाइम के पहले पैसा लगाने के बाद भी उन्हें एनएवी 5 जून का मिला और 5 जून को बहुत हद तक बाजार में रिकवरी आ चुकी थी. ऐसे में उन्हें उतनी ससती यूनिट नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी. माना जा रहा है कि बाजार में बिकवाली के बीच म्यूचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में निवेश करने के इच्छुक कई निवेशक अधर में रह गए क्योंकि ऑनलाइन म्यूचुअल फंड निवेश प्लेटफॉर्म (Mutual Fund Invesment Platform) समय पर ट्रांजेक्शन एग्जीक्यूट करने में विफल रहे.
रिटेल निवेशकों को हुआ नुकसान
आरोप के अनुसार रिटेल निवेशकों ने सस्ती यूनिट के लिए म्यूचुअल फंड मार्केट में पैसे लगाए थे. लेकिन उन्हें 5 जून का एनएवी (Allotment of NAV) मिला था. 5 जून को बाजार में काफी हद तक रिकवरी देखने को मिली थ. ऐसे में जितनी सस्ती यूनिट उन्हें 4 जून के हिसाब से मिलनी चाहिए थी, वह नहीं हुआ और 5 जून के हिसाब से उन्हें यूनिट मिले.
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किसकी गलती
आरोप के अनुसार बीएसई एक्सचेंज की ओर से भी तकनीकी खामी हो सकती है. यह भी माना जा रहा है कि बीएसई को यूपीआई चैनल की ओर से जो पेमेंट आया, उसमें देरी हो गइग्से हो. हालांकि निवेश्कों को तो लगा कि उनके खाते से कट आफ के पहले पक्से कट गए तो उनको 4 जून के भाव पर ही यूनिट मिलनी चाहिए. फिलहाल सेबी इस बारे में जानकारी जुटाने में लगा है.
समय पर प्रॉसेस नहीं हुए कुछ ट्रांजेक्शन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म ग्रो और जेरोधा के अधिकारियों के अनुसार, कई ट्रांजेक्शन उसी दिन नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के लिए प्रॉसेस्ड नहीं किए जा सके, भले ही उन्हें कट आफ की समय सीमा से पहले एग्जीक्यूट किया गया हो.
इन निवेशकों को अगले दिन का हायर एनएवी आवंटित किया गया, जिससे अनुमानित नुकसान हुआ. बुधवार यानी 5 जून को इक्विटी एमएफ की एनएवी 2 फीसदी से 5 फीसदी के बीच बढ़ गई, क्योंकि इक्विटी मार्केट मंगलवार के निचले स्तर से वापस लौट आया.
एक पेमेंट एग्रीगेटर के साथ तकनीकी दिक्कत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेरोधा के म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म क्वॉइन ने कहा कि उसके एक पेमेंट एग्रीगेटर के साथ समस्याओं के कारण ट्रांजेक्शन में देरी हुई. हम कई पेमेंट एग्रीगेटर्स के साथ काम करते हैं और उनमें से एक को मंगलवार को समस्या का सामना करना पड़ा. समय पर समस्या बताने के बाद भी इसे ठीक नहीं किया जा सका. क्वॉइन बाय जेरोधा के प्रोडक्ट हेड और असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (एवीपी) नीलेश वर्मा ने कहा कि चूंकि हम कई पेमेंट एग्रीगेटर्स के साथ काम करते हैं, इसलिए लेनदेन का केवल एक छोटा फीसदी प्रभावित हुआ.