scorecardresearch

Nifty, Sensex Crash: सेसेंक्स, निफ्टी में नई ऊंचाई छूने के बाद क्यों आई गिरावट? 5 बड़े कारण

Nifty Sensex Crash: भारतीय शेयर बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 और सेंसेक्स में बुधवार को नई ऊंचाई छूने के बाद भारी गिरावट देखने को मिली. क्या है इसकी वजह?

Nifty Sensex Crash: भारतीय शेयर बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 और सेंसेक्स में बुधवार को नई ऊंचाई छूने के बाद भारी गिरावट देखने को मिली. क्या है इसकी वजह?

author-image
Viplav Rahi
New Update
Why Nifty 50, Sensex crashed

Nifty 50, Sensex crashed : सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार को भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिले. (Image: Financial Express)

Why Nifty 50, Sensex crashed on Wednesday: भारतीय बाजार में बुधवार का दिन काफी नाटकीयता से भरा रहा. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही ओपनिंग सेशन के दौरान नई ऊंचाइयों पर चले गए. लेकिन उसके बाद बाजार ने नीचे की तरफ बड़ा यू-टर्न लिया और दोनों प्रमुख इंडेक्स में भारी गिरावट देखने को मिली. दिन के कारोबार के दौरान कुछ समय के लिए सेंसेक्स 800 से ज्यादा अंक गिर गया था. निफ्टी भी ट्रेडिंग सेशन के दौरान 1 फीसदी से ज्यादा नीचे चला गया था. इस गिरावट से रिटेल निवेशकों में घबराहट फैल गई. स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में भी काफी भगदड़ देखी गई. सेंसेक्स और निफ्टी में बुधवार की गिरावट के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

1. हाई वैल्यूएशन्स

चुनाव के बाद से ही रिटेल निवेशकों, घरेलू म्यूचुअल फंड्स और एफआईआई की खरीदारी बढ़ी है, जिससे बाजार में तेजी है. ऐसे में सेंसेक्स के 80,000 के पार चले जाने के बाद बहुत सारे निवेशकों को लगने लगा है कि बाजार अब ओवरवैल्यूड हो रहा है. जिन्हें इंडेक्स का वैल्यूशन बहुत ज्यादा नहीं लग रहा, उन्हें भी कई इंडीविजुअल स्टॉक हाई वैल्यूएशन वाले दिख रहे हैं. ऐसे में ऊंचे स्तरों पर खरीदारी कम हो जा रही है. नई ऊंचाई पर जाने के बाद बुधवार को अचानक आई गिरावट इसी का संकेत है. 

Advertisment

Also read : Retirement : 50 लाख रुपये में कैसे बनाएं रिटायरमेंट प्लान? रेगुलर और हर साल बढ़ने वाली इनकम के लिए कहां करें निवेश

2. अर्निंग्स सीजन से जुड़े अनुमान 

जून तिमाही के अर्निंग्स सीजन में ग्रोथ की रफ्तार कुछ धीमी पड़ने का अनुमान जाहिर किया जा रहा है. ऐसे में बहुत सारे निवेशक इन उम्मीदों के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को एडजस्ट कर रहे हैं. पिछली कुछ तिमाहियों के बेहतर नतीजों का असर बाजार को पहले ही नई ऊंचाइयों पर ले जा चुका है, जिसके बाद अब नतीजे औसत रहे, तो करेक्शन की गुंजाइश बन सकती है.

Also read : Income tax return: मकान किराये पर कैसे क्लेम करें टैक्स छूट, भले ही आपको न मिलता हो HRA

3. मुनाफावसूली

निफ्टी 50 इस साल अब तक 12 फीसदी रिटर्न दे चुका है. स्मॉल और मीडियम कैप में आने वाले कई शेयरों में लाभ का स्तर और भी अधिक है. लिहाजा, बहुत सारे निवेशक मौका मिलने पर मुनाफा वसूली करने के मूड में हैं. हालांकि हर बार गिरावट के बाद रिकवरी आ रही है, लेकिन मुनाफावसूली का सेंटिमेंट भी बढ़ रहा है. 

Also read : Mutual Fund की इस कैटेगरी में हर स्कीम ने दिया 48% से ज्यादा रिटर्न, ऐसी क्या है खूबी

4. बहुत ज्यादा हो चुकी है खरीदारी 

बाजार के कई जानकारों का यह भी मानना है कि बाजार में फिलहाल खरीदारी काफी अधिक हो चुकी है, जिससे मार्केट ओवरबॉट (Overbought) की स्थिति में है. इसके कारण अब बहुत सारे निवेशक आक्रामक ढंग से लॉन्ग पोजिशन्स लेने के मूड में नहीं हैं. 

Also read : Investment: बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज देने वाले कॉरपोरेट एफडी में निवेश कितना सही? क्या डेट फंड है बेहतर ऑप्शन

5. यूएस फेड का असर 

बुधवार को बाजार में निवेशकों के सेंटिमेंट पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीती रात को दिए उस बयान का भी असर पड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में ब्याज दरों में कटौती तब तक संभव नहीं है, जब तक यह भरोसा नहीं हो जाता कि महंगाई दर (Inflation) 2 फीसदी की ओर बढ़ रही है. हालांकि इसके साथ ही फेड ने यह चिंता भी जाहिर की है कि ब्याज दरों को बहुत लंबे समय तक ऊंचे लेवल पर बनाए रखने से आर्थिक विकास को खतरा हो सकता है. गुरुवार को अमेरिका में महंगाई दर के नए आंकड़े आने हैं, जो सितंबर के महीने में यूएस फेड की रणनीति की दिशा तय करेंगे.

Stock Market Market Nifty Sensex