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Banking Sector: बैंकिंग सेक्टर की कमाई पर बाजार की नजरें टिकी हुई हैं, जिनसे बाजार को नया ट्रिगर मिल सकता है. (Pixabay)
Banking Sector Outlook: दिसंबर तिमाही के लिए अर्निग सीजन की शुरूआत हो चुकी है. इस हफ्ते जहां दिग्गज आईटी कंपनियों के कमाई के नतीजे आएंगे, वहीं अगले हफ्ते से बैंकिंग सेक्टर के नतीजे आने शुरू होंगे. बैंकिंग सेक्टर की कमाई पर बाजार की नजरें टिकी हुई हैं, जिनसे बाजार को नया ट्रिगर मिल सकता है. बैंकिंग सेक्टर स्टॉक मार्केट के लिए ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत मायने रखता है. फिलहाल ब्रोकरेज हाउस बैंकिंग सेक्टर के फाइनेंशियल पर अनुमान लगा रहे हैं. उनका मानना है कि मार्जिन पर दबाव है, लेकिन क्रेडिट कास्ट कंट्रोल होने, स्लीपेजेज कंट्रोल में रहने के साथ एसेट क्वालिटी सुधरने और क्रेडिट डिमांड सेक्टर के लिए पॉजिटिव सेंटीमेंट बन सकते हैं. ऐसे में नतीजों से पहले बैंकिंग पोर्टफोलियो (Bankng Stocks) को मजबूत करने (Banking Sector Investment) का अभी सही समय है.
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कितना रह सकता है मुनाफा
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक 3QFY24 में प्राइवेट बैंकों का PAT औसतन 18% सालाना या 1.5 फीसदी तिमाही की दर से बढ़ने का अनुमान है. जबकि PPoP ग्रोथ 8% YoY (+3% QoQ) रह सकता है. प्राइवेट बैंकों की क्रेडिट कास्ट कंट्रोल में है और ओवरआल बिजनेस ग्रोथ भी मजबूत बनी हुई है. इससे नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर चल रहे दबाव को कुछ हद तक कम करने में मदद मिलेगी. 3QFY24 के दौरान नेट इंटरेस्ट इनकम में ग्रोथ 18.5% YoY रहने का अनुमान है. स्लीपेजेज कंट्रोल में है, जिससे एसेट क्वालिटी लगातार सुधर रही है.
ब्रोकरेज हाउस के अनुसार पब्लिक सेक्टर बैंकों की अर्निंग मॉडरेट रह सकती है. जिसके पीछे मार्जिन पर दबाव और बढ़ रहा ओपेक्स प्रमुख कारण हैं. 3QFY24 के दौरान नेट इंटरेस्ट इनकम में ग्रोथ 6% YoY रहने का अनुमान है, जबकि PPoP 12% YoY घट सकता है. वहीं PAT में औसतन 3.6% YoY ग्रोथ रह सकती है. हालांकि स्लीपेजेज में कंट्रोल के साथ सरकारी बैंकों की एसेट क्वालिटी भी लगातार बेहतर हो रही है. क्रेडिट कास्ट भी कंट्रोल हो रहा है.
किन फैक्टर्स का बैंकिंग सेक्टर पर होगा असर
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार दिसंबर तिमाही के दौरान कुछ प्रमुख डेवलपमेंट रहे जो बैंकिंग सेक्टर पर आगे असर डाल सकते हैं.
a) RBI ने अपनी FY24E जीडीपी ग्रोथ को 7.0% (पहले के 6.5% की तुलना में) तक अग्रेड किया, जो अंडरलाइंग आर्थिक गतिविधियों की अपेक्षा से बेहतर होने का संकेत देता है.
b) आरबीआई ने बैंकों द्वारा अनसिक्योर्ड कंज्यूमर क्रेडिट और एनबीएफसी सेग्मेंट को लोन देने के लिए लागू रिस्क वेट बढ़ा दिया है, जिससे आगे चलकर इन क्षेत्रों की क्रेडिट ग्रोथ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
c) वेतन द्विपक्षीय वार्ता 17% (बनाम 15% की सहमति) की वेतन हाइक पर पहुंचने के करीब है. d) लगभग 10 महीनों के पॉज के बाद, एसबीआई ने तिमाही के अंत में अपनी टर्म डिपॉजिट की दरों में 25-50 बीपीएस की बढ़ोतरी की, जो मुख्य रूप से छोटी अवधि में थी. इससे सिस्टम के लिए जमा की कुल लागत में और बढ़ोतरी का पता चलता है.
e) इसके अलावा, छह महीने के पॉज के बाद, एसबीआई ने अपने एक साल के एमसीएलआर में 10 बीपीएस की बढ़ोतरी की है.
f) आरबीआई के एफएसआर पब्लिकेशन ने रिटेल लोन और ओवरआल सिस्टम के लिए बेहतर एसेट क्वालिटी और क्रेडिट कास्ट जारी रखने का आश्वासन दिया.
ब्रोकरेज का कहना है कि हालांकि इन डेवलपमेंट का Q3FY24 की वित्तीय स्थिति पर कोई भौतिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन मिड टर्म में में सिस्टमैटिक क्रेडिट ग्रोथ और एनआईएम ट्रैजेक्टरी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की टॉप पिक्स
Axis Bank: BUY
Bandhan Bank: ADD
CUB: ADD
DCB: BUY
Federal Bank: BUY
HDFC Bank: ADD
IDFC First Bank: ADD
IndusInd Bank: BUY
Karur Vyasa Bank: BUY
Kotak Bank: HOLD
RBL: ADD
YES Bank: REDUCE
SBI: BUY
मोतीलाल ओसवाल की टॉप पिक्स
AU SFB: Buy
Axis Bank: Buy
Bandhan Bank: Neutral
DCB Bank: Neutral
Federal Bank: Buy
HDFC Bank: Buy
ICICI Bank: Buy
IDFC Frst Bank: Neutral
IndusInd Bank: Buy
Kotak bank: Neutral
RBL: Neutral
Bank of Baroda: Buy
Canara Bank: Buy
PNB: Neutral
SBI: Buy
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)