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SBI : डिपॉजिट ग्रोथ और लोन ग्रोथ के बीच बढ़ते अंतर को देखते हुए आगे चलकर लोअर लोन ग्रोथ रहने का अनुमान है. (Pixabay)
SBI Stock Outlook : पीएसयू बैंकिंग सेक्टर में दिग्गज स्टॉक एसबीआई (SBI) में बीते 6 महीने से कुछ दबाव देखने को मिल रहा है. 6 महीने में शेयर में महज 1.5 फीसदी ग्रोथ रही है, वहीं 3 महीन के दौरान यह फ्लैट रहा है. निवेशकों के पोर्टफोलियो में बेहद खास माने जाने वाले SBI के स्टॉक पर अब ब्रोकरेज हाउस ने अलर्ट किया है. ब्रोकरेज हाउस गोल्डमैन सैक्स ने SBI के मार्जिन पर दबाव रहने की आशंका जाहिर की है और अपनी रेटिंग न्यूट्रल से घटाकर Sell कर दी है और टारगेट प्राइस भी मौजूदा भाव से नीचे कर दिया है. ब्रोकरेज ने इसकी वजह भी बताई है कि क्यों आगे शेयर में बिकवाली आ सकती है.
SBI : 742 रुपये टारगेट के साथ Sell रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस गोकल्डमैन सैक्स ने एसबीआई के शेयर पर रेटिंग न्यूट्रल से घटाकर Sell कर दी है और 742 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो मौजूदा भाव 790 रुपये की तुलना में नीचे है. ब्रोकरेज का कहना है कि....
1) आरओए की स्थिरता के लिए बाधाएं बढ़ रही हैं. उम्मीद है कि आरओए FY24 में 1 फीसदी के पीक लेवल से घटकर FY26E में 1 फीसदी से कम हो जाएगा.
2) डिपॉजिट ग्रोथ और लोन ग्रोथ के बीच बढ़ते अंतर को देखते हुए आगे चलकर लोअर लोन ग्रोथ रहने का अनुमान है.
3) एमएसएमई/एग्री/अनसिक्योर्ड पोर्टफोलियो में बढ़ती स्लीपेजेज पर क्रेडिट लागत में अपेक्षित बढ़ोतरी का अनुमान है. ब्रोकरेज का मानना है कि अब बहस आरओई और सीओई के बीच प्रसार कम होने पर केंद्रित हो गई है, क्योंकि वैल्युएशन 1.4x 12 मीटर एफडब्ल्यूडी पीबी पर फिर से रेट किया गया है. परिणामस्वरूप, ब्रोकरेज ने अपने FY25-27 EPS में 3-9% की कटौती की और अपने टारगेट मल्टीपल (12m fwd P/B) को पहले के 1.2x से घटाकर 1.0x कर दिया है.
SBI : ग्रोथ अंडर प्रेशर
ब्रोकरेज ने अपने पहले की सेक्टर डाउनग्रेड रिपोर्ट (लिंक) में भी डिपॉजिट ग्रोथ की चुनौतियों से उत्पन्न बैंकिंग सिस्टम के मार्जिन पर निरंतर दबाव की बात कही थी. तब से, जमा दरों में निरंतर बढ़ोतरी के साथ-साथ सेक्टर के लिए मार्जिन में कमी देखी गई है. विशेष रूप से, आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार एसओई बैंक उधार देने के प्रसार में नरमी देख रहे हैं और यह एसबीआई के लिए 1QFY25 एनआईएम कंप्रेशन में भी दिखा था.
ब्रोकरेज का कहना है कि डिपॉजिट ग्रोथ स्लो है, लोन-डिपॉजिट रेश्यो पीक पर है और हाई-यील्ड वाले अनसिक्योर्ड लोन में धीमी ग्रोथ है. उम्मीद है कि FY24-27E के दौरान एनआईएम c.10bps मॉडरेट होगा. इसके अलावा, लोन ग्रोथ (1QFY25: c.16% YoY) और डिपॉजिट ग्रोथ (1QFY25: c.8% YoY) में अंतर को देखते हुए और बैंक पिछली चार तिमाहियों में डिपॉजिट के मामले में बाजार हिस्सेदारी खो रहा है. ब्रोकरेज का कहना है कि एसबीआई के लिए क्रेडिट लागत निचले स्तर पर पहुंच गई है. इस सेक्टर में एसेट क्वालिटी संबंधी जोखिम उभर रहे हैं.
(Disclaimer: शेयर पर व्यू या सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)