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Tata Capital IPO: टाटा मोटर्स फाइनेंस के मर्जर की मंजूरी के बाद आईपीओ ड्राफ्ट फाइल करेगी टाटा कैपिटल

Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल के आगामी आईपीओ की साइज करीब 2 अमेरिकी बिलियन डॉलर (भारतीय करेंसी में 17,429 करोड़ रुपये) हो सकती है. फाइनेंशियल सर्विस कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से अंतिम आदेश का इंतजार है.

Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल के आगामी आईपीओ की साइज करीब 2 अमेरिकी बिलियन डॉलर (भारतीय करेंसी में 17,429 करोड़ रुपये) हो सकती है. फाइनेंशियल सर्विस कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से अंतिम आदेश का इंतजार है.

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FE Hindi Desk
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टाटा कैपिटल के आगामी आईपीओ की साइज करीब 2 अमेरिकी बिलियन डॉलर, (भारतीय करेंसी में 17,429 करोड़ रुपये) हो सकती है. (Image : FE File)

Tata Capital to file draft IPO papers after NCLT nod on merger with Tata Motors Fin: फाइनेंशियल सर्विस कंपनी टाटा कैपिटल (Financial services firm Tata Capital) नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से टाटा मोटर्स फाइनेंस के मर्जर की मंजूरी मिलने के बाद इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ (IPO) के लिए शुरुआती दस्तावेज फाइल कर सकती है. सूत्रों के हवाले से पीटीआई-भाषा ने रविवार को यह जानकारी दी है.

टाटा कैपिटल को NCLT के अंतिम आदेश का इंतजार

समाचार एजेंसी ने बताया कि कंपनी को इसके लिए एनसीएलटी के अंतिम आदेश का इंतजार है. आईपीओ की साइज करीब 2 अमेरिकी बिलियन डॉलर, (भारतीय करेंसी में 17,429 करोड़ रुपये) का होगा. सूत्रों ने बताया आईपीओ साइज के लिहाज से कंपनी का वैल्यूएशन करीब 11 अरब डॉलर बैठेगा. सूत्रों ने कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से अंतिम आदेश का इंतजार है, जो चालू वित्त वर्ष के अंत तक मिल सकता है.

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कंपनी को दस्तावेजों के मसौदे के बारे में भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला है. टाटा कैपिटल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ऊपरी स्तर की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में मान्यता दी गई है. कंपनी को आईपीओ के लिए अपने निदेशक मंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है.

आगामी आईपीओ से जुड़ी जानकारी 

कंपनी आईपीओ के तहत 2.3 करोड़ नए शेयर जारी करेगी. इसके अलावा कुछ मौजूदा शेयरहोल्डर्स द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) भी लाई जाएगी. आईपीओ के अलावा टाटा कैपिटल ने पब्लिक लिस्टिंग से पहले अपनी वित्तीय हालत को और मजबूत करने के लिए राइट्स इश्यू के जरिए फंड जुटाने की योजना की भी घोषणा की है. अगर पब्लिक इश्यू सफल रहता है, तो यह देश के फाइनेंशियल सेक्टर के सबसे बड़े पब्लिक इश्यू में से एक होगा. नवंबर, 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की लिस्टिंग के बाद हाल के सालों में यह टाटा ग्रुप का दूसरा आईपीओ होगा. यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की लिस्टिंग जरूरतों को पूरा करने के प्रयास का हिस्सा है.

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NBFC के लिए आईपीओ क्यों है जरूरी 

रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार, ऊपरी स्तर की एनबीएफसी को यह मान्यता मिलने के 3 साल के भीतर शेयर बाजारों में लिस्टेड होना जरूरी है. टाटा कैपिटल को सितंबर, 2022 में ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया गया था. टाटा कैपिटल के अलावा ऊपरी स्तर की एक अन्य एनबीएफसी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के स्वामित्व वाली एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) भी आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है.

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