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श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से गिग वर्कर्स को औपचारिक मान्यता मिलेगी और वे आयुष्मान भारत योजना के लाभों को पा सकेंगे. (FE File)
Ministry of Labour and Employment urges platform workers to register on e Shram portal: ओला, उबर, स्विगी या जोमैटो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए डिलीवरी ब्वॉय का काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए काम की खबर है. सरकार ने ऐसे लोगों से ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की खास अपील की है. श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि ऐसा करने से उन्हें औपचारिक मान्यता मिलेगी और वे आयुष्मान भारत योजना के लाभों को पा सकेंगे.
बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था में गिग और मंच श्रमिकों के योगदान को मान्यता देते हुए, आम बजट 2025-26 में ई-श्रम पोर्टल पर ऑनलाइन प्लटफार्म के लिए काम करने वाले गिग वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन, पहचान पत्र जारी करने और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत स्वास्थ्य सेवाएं देने की घोषणा की गई है. इन बजट प्रावधानों को लागू करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय जल्द ही योजना शुरू करेगा. बयान में कहा गया है कि पहले कदम के रूप में मंत्रालय ने मंच श्रमिकों से ई-श्रम पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने का अनुरोध किया है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द योजना के तहत लाभ दिए जा सकें.
कौन हैं गिग वर्कर्स?
गिग वर्कर उन लोगों को कहते हैं, जो किसी एक कंपनी के लिए स्थायी रूप से काम करने की जगह अलग-अलग एंप्लॉयर्स के लिए फ्रीलांसर्स के तौर पर छिटपुट काम करते हैं. सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम कर रहे गिग वर्कर्स के सपोर्ट के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम का ऐलान किया है.
गिग वर्कर्स की बनेगी आईडी
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम कर रहे गिग वर्कर्स को ई–श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके आईडी कार्ज दिया जाएगा.
1 करोड़ गिग वर्कर्स को मिलेगा PMJAY का कवरेज
केंद्र सरकार ने गिग वर्कर्स के लिए एक अहम पहल की घोषणा की है, जिसमें ई-श्रृम पोर्टल पर उनकी आईडी और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करते समय कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत 1 करोड़ गिग वर्कर्स को हेल्थ कवरेज मिलेगा.
कहां होगा रजिस्ट्रेशन?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम कर रहे गिग वर्कर्स का ई–श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा.
श्रम मंत्री ने एक बयान में कहा कि गिग और मंच अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है. इसके तहत किराये की टैक्सी सर्विस (ridesharing), सामान की सप्लाई यानी डिलीवरी, लॉजिस्टिक और प्रोफेशनल सर्विस जैसे क्षेत्रों में नई नौकरियां दी जा रही हैं. नीति आयोग का अनुमान है कि भारत में गिग अर्थव्यवस्था 2024-25 में एक करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार देगी. इसके बाद 2029-30 तक यह आंकड़ा 2.35 करोड़ तक पहुंच जाएगा.