scorecardresearch

BFSI: US और यूरोप में फाइनेंशियल क्राइसिस, भारत के बैंकिंग शेयरों का कैसा है भविष्य, कहां लगाने चाहिए पैसे?

Banking Sector Outlook: अमेरिका में बैंकों पर आए संकट के चलते कैपिटल मार्केट में भी अनिश्चितता बढ़ गई है, वहीं मंदी की भी आशंका है.

Banking Sector Outlook: अमेरिका में बैंकों पर आए संकट के चलते कैपिटल मार्केट में भी अनिश्चितता बढ़ गई है, वहीं मंदी की भी आशंका है.

author-image
Sushil Tripathi
एडिट
New Update
Banking Stocks

Banking Crisis: दुनियाभर में अभी बैंकिंग ​सेक्टर में क्राइसिस की चर्चा जोरों पर है.

Banking Sector Stocks: दुनियाभर में अभी बैंकिंग ​सेक्टर में क्राइसिस की चर्चा जोरों पर है. अमेरिका में बैंकों पर आए संकट के चलते कैपिटल मार्केट में भी अनिश्चितता बढ़ गई है, वहीं मंदी की भी आशंका है. अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) और सिल्वरगेट बैंक (Silvergate Bank) फेल हो चुके हैं, जबकि First Republic Bank पर संकट बना हुआ है. दूसरी ओर यूरोपियन बैंक क्रेडिट सुइस पर आए संकट ने खासतौर से बैंकिंग सेक्टर को लेकर निवेशकों को और ज्यादा अलर्ट कर दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि घरेलू स्तर पर बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर और उससे जुड़े शेयरों का क्या भविष्य है. हालांकि भारतीय बैंकिंग सिस्टम को लेकर एक्सपर्ट, ब्रोकरेज और एजेंसियां पॉजिटिव नजर आ रही हैं.

Gold Price Today: सोना हुआ साठ हजारी, 10 हजार से 60 हजार तक ऐसे तय हुआ सफर, बैंकिंग क्राइसिस से बढ़ी चमक

घरेलू बैकिंग सिस्टम मजबूत

Advertisment

IIFL के VP-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि फिलहाल घरेलू बैकिंग सिस्टम मे कोई इश्यू नहीं दिख रहा है. इसे आरबीआई बेहतर तरीके से गवर्न कर रहा है, रेपो रेट भी यूएस की 5 फीसदी की तुलना में 2.5 फीसदी ही बढ़े हैं. बैंकों का प्रदर्शन दिसंबर तिमाही में मजबूत हुआ है. ज्यादातर मुनाफे में हैं और अच्छी बात यह है कि बैड लोन में लगातार कमी आ रही है. लोन देने में बैंक पहले से ज्यादा अलर्ट हैं, उन्हीं सेग्मेंट पर फोकस है, जहां से मार्जिन बेहतर आए. ऐसे में निवेशकों को गिरावट पर अच्छे शेयरों में खरीदारी करनी चाहिए. मैक्रो कंडीशंस जैसे जैसे सुधरेंगे, बैंकिंग सेक्टर में ग्रोथ आएगी.

Top Stocks

SBI, ICICI Bank, Federal Bank, Axis Bank, HDFC Bank और Kotak Mahindra Bank के शेयर बेहतर नजर आ रह हैं.

मार्जिन को सपोर्ट मिलना चाहिए

ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल का कहना है कि रिटेल लोन में मोर्तगेजेज का योगदान लगभग 48 फीसदी (जैसा कि आरबीआई द्वारा रिपोर्ट किया गया है) है. इस तरह से इस सेगमेंट में मॉडरेशन को अन्य सेगमेंट में आई ग्रोथ से पूरी तरह कंपेनसेट करना मुश्किल होगा, जिससे ओवरआल रिटेल ग्रोथ में कुछ कमी आएगी. अनसिक्योर्ड लोन और अन्य हाई-यील्ड वाले सेग्मेंट में हायर ग्रोथ से बढ़ती फंडिंग लागतों के बीच मार्जिन को सपोर्ट मिलना चाहिए. मैक्रो डिस्लोकेशन के बढ़ते जोखिम के बीच, ब्रोकरेज का मानना ​​है कि हायर कैपिटल/प्रोविजन बफर के साथ मजबूत लायबिलिटी फ्रेंचाइजी, अंडरराइटिंग और कलेक्शन कैपेबिलिटीज वाले बैंक ग्रोथ को पकड़ने के साथ-साथ हेल्दी रिटर्न रेश्यो देने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे.

Top Stocks

ICICI Bank, HDFC Bank, Axis Bank, Federal Bank, Karur Vyasa Bank शामिल हैं. ब्रोकरेज का मानना ​​है कि IndusInd Bank भी VF स्पेस, मुख्य रूप से CV/CE में पिक-अप से लाभा पा सकता है.

Stocks to Buy: बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच चार्ट पर मजबूत हुए ये 3 शेयर, ब्रेक-आउट के बाद शॉर्ट टर्म में जोरदार तेजी के आसार

भारतीय बैंकिंग ​सेक्टर पर ज्यादा असर नहीं

जेफरीज इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बैंकिंग ​सेक्टर पर क्रेडिट सुइस जैसे संकट का ज्यादा असर नहीं हो, क्योंकि देश में इसका संचालन बहुत सीमित है. ज्यूरिख हेडक्वार्टर वाली क्रेडिट सुइस भारत में केवल एक ब्रांच के जरिए ऑपरेट करती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद हैं कि आरबीआई लिक्विडिटी इश्यू पर कड़ी नजर रखेगा, और काउंटर-पार्टी एक्सपोजर और जरूरत के हिसाब से हस्तक्षेप करेगा. कुछ बैंकों के बंद होने और दूसरे ग्लोबल लैंडर्स पर इससे पड़ने वाले तनाव के कारण उत्पन्न स्थिति पर RBI कड़ी नजर रख रहा है.

भारत का बैंकिंग सिस्टम स्थिर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मसले पर कहा है कि ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस से पैदा हुए मुश्किल हालातों के बावजूद भारत की बैंकिंग प्रणाली स्थिर और फ्लेक्सिबल बनी हुई है. आरबीआई लगातार बैंकों के साथ जुड़ा हुआ है और उन्हें रोबस्ट रिस्क मैनेजमेंट प्रैक्टिस को अपनाने, समय-समय पर स्ट्रेस टेस्ट करने और पर्याप्त कैपिटल बफर बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है.

कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और अनुभवी बैंकर उदय कोटक का कहना है कि भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर बेहतर हो रहे हैं और यह इस ग्लोबल फाइनेंशियल उथल-पुथल में खड़े रह सकते हैं. भारत इन मुश्किल हालातों में भी खड़ा रह सकता है.

वी फाउंडर सर्कल के को-फाउंडर और सीईओ नीरज त्यागी के अनुसार क्रेडिट सुइस भी सिलिकॉन वैली बैंक के लिक्विडिटी क्राइसिस को दोहरा सकता है, लेकिन भारत में इसका प्रभाव नहीं होगा क्योंकि डोमेस्टिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन अन्य देशों की तरह इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़े नहीं हैं. बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक के पतन को 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से सबसे बड़ा रिटेल बैंकिंग क्राइसिस करार दिया गया है.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

Banking Sector Rbi Stock Market Investment Banking Stocks