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Apprenticeship stipend hike 2025 : सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल ने अप्रेंटिसशिप का स्टाइपेंड 36% बढ़ाने की सिफारिश की है. (Image : Pixabay)
Apprenticeship Stipend Hike Proposed for Youth : देश में स्किल डेवलपमेंट और अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल (CAC) ने एक बड़ा फैसला लिया है. काउंसिल ने अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड को 36% तक बढ़ाने की सिफारिश की है. इस फैसले से हजारों छात्रों और युवाओं को सीधा फायदा होगा जो तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह प्रस्ताव 38वीं बैठक में पेश किया गया जिसकी अध्यक्षता कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने की.
कितना मिलेगा स्टाइपेंड?
फिलहाल अप्रेंटिसशिप का स्टाइपेंड 5,000 रुपये से 9,000 रुपये प्रति माह के बीच है. अगर इस सिफारिश को मंजूरी मिलती है तो यह बढ़कर 6,800 रुपये से 12,300 रुपये प्रति माह हो जाएगा. यह बढ़ोतरी केवल तात्कालिक राहत नहीं है, बल्कि इसे हर दो साल में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर अपने आप ही संशोधित भी किया जाएगा ताकि महंगाई को ध्यान में रखते हुए स्टाइपेंड की वैल्यू बनी रहे.
छात्रों को कैसे होगा फायदा?
इस बढ़े हुए स्टाइपेंड से छात्रों को कई स्तरों पर फायदा होगा. सबसे बड़ी राहत आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को मिलेगी जिन्हें कम स्टाइपेंड के कारण बीच में ही ट्रेनिंग छोड़नी पड़ती थी. स्टाइपेंड में बढ़ोतरी को ह्यूमन कैपिटल में इनवेस्टमेंट मानना चाहिए. इससे यह उन युवाओं को मदद मिलेगी, जो अब तक पैसों की कमी के कारण अप्रेंटिसशिप पूरी नहीं कर पाते थे.
ड्रॉपआउट रेट कम करने की कोशिश
भारत में अभी केवल 0.27% वर्कफोर्स ही अप्रेंटिसशिप से जुड़ा है, जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 3-4% है. इसका मुख्य कारण अपर्याप्त आर्थिक सहायता और सीमित अवसर रहे हैं. स्टाइपेंड बढ़ोतरी एक अहम प्रोत्साहन है जिससे भारत में स्किलिंग प्रोग्राम्स में टैलेंट को आकर्षित और बनाए रखा जा सकेगा. सरकार का यह कदम खासकर उन छात्रों के लिए मददगार साबित होगा जो आर्थिक कारणों से बीच में ट्रेनिंग छोड़ देते हैं. ट्रेनिंग पूरी करने पर उनके लिए रोजगार के मौके भी बेहतर होंगे.
टेक्निकल, नॉन-टेक्निकल दोनों छात्रों को होगा फायदा
PM-NAPS स्कीम के तहत अब तक 43.47 लाख अप्रेंटिसेस को देशभर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जोड़ा जा चुका है. इनमें से 20% प्रतिभागी महिलाएं हैं. वहीं, NATS स्कीम के तहत 2024-25 में 5.23 लाख ग्रेजुएट और डिप्लोमा होल्डर अप्रेंटिसेस शामिल किए गए हैं. स्टाइपेंड बढ़ने से इन छात्रों को न केवल वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके लिए वोकेशनल शिक्षा और भी आकर्षक बनेगी.
अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड में प्रस्तावित 36% की बढ़ोतरी छात्रों और युवाओं के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है. इससे न केवल ड्रॉपआउट दरों में गिरावट आएगी, बल्कि स्किलिंग प्रोग्राम्स की विश्वसनीयता और उपयोगिता भी बढ़ेगी, जिससे रोजगार की संभावनाएं भी विकसित होंगी. इंडस्ट्री और शिक्षा के बीच जुड़ाव भी और मजबूत होगा, जिससे भारत में स्किल इकोसिस्टम को नई रफ्तार मिलेगी.